मनचलोंं सावधान! वापस आईं शक्ति परियां, मिला विशेष पुलिस अधिकारी का दर्जा

Update:2016-11-04 15:03 IST

लखनऊ: बेटियों को पंख दे कर देखो बुलंदियों के आसमान कम पड़ जाएंगे। कुछ इसी सन्देश के साथ एक बार फिर प्रदेश सरकार ने सूबे की छात्राओं को मनचलों की हरकतों पर लगाम लगाने की छूट दे दी है और उन्हें बना दिया है 'शक्ति परियां'। सरकार ने महिला उत्पीड़न की घटना रोकने, छात्राओं को अपराधियों के खिलाफ तैयार करने की पहल की है।

सरकार की मुहिम सुचारू रूप से चलाने के लिए हर महीने सौपनी होगी रिपोर्ट

सरकार की इस पहल पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक की तरफ से सभी ज़िला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिया गया है। इसमें सभी बालिका इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल को इस मुहीम के प्रचार प्रसार करने के निर्देश देने होंगे। मुहीम सुचारू रूप से चल सके इसके लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक हर महीने पुलिस महानिरीक्षक ,वुमेन पावर लाइन और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को रिपोर्ट सौपेंगे।

बनना है शक्ति परी तो करे आवेदन

-छात्राओं को शक्ति परियां बनने के लिए आवेदन पत्र भरने होंगे।

-शक्ति परियों के नामांकन की ज़िम्मेदारी शिक्षण संस्थानों के जरिए होगा ।

-सिर्फ 10वीं पास और उससे ऊपर की क्लास की छात्राएं ही शक्ति परी बनने का आवेदन कर सकती हैं

-यह आवेदन पत्र वुमेन पावर लाइन के नोडल अधिकारी के जरिए डॉ भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल प्रशासनिक भवन लखनऊ के पते पर भेजने होंगे।

-15 साल से 24 साल की लड़कियां ही शक्ति परियों की पात्र होंगी।

-24 साल तक की आयु के बाद रिटायर हो जाएंगी शक्ति परियां।

शक्ति परियों के कंधों पर होगी यह ज़िम्मेदारी

-सड़क और घर में महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर रहेंगी नजर।

-पीड़िता और महिलाओं को 1090 की कार्यप्रणाली के बारे बताना।

-आसपास महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के बारे में 1090 को गुप्त तरीके से जानकारी देना।

-महिलाओं और परिवार का मनोबल बढ़ाना जिससे 1090 के प्रति समाज का विश्वास बना रहे

-महिलाओं और लड़कियों की हमदर्द बन कर उनकी परेशानी जानना।

पावर ऐंजल्स के पावर

-दसवीं पास कर चुकी छात्राएं जिन्होंने शक्ति परी बनने की सारी औपचारिकता पूरी कर ली हो बन सकती है पावर ऐंजल।

-मनचलो को सबक सीखाने के लिए मिलेगा विशेष पुलिस अधिकारी का दर्जा।

-पावर ऐंजल्स को पुलिस महकमे की तरफ से मिलेगा विशेष परिचय पत्र।

-पावर ऐंजल्स को सराहनीय योगदान के लिए किया जाएगा पुरस्कृत।

क्या कहती है आम जनता

दो बेटियों की मां सरोजिनी मंडल ने छात्राओं को पावर ऐंजल बनाने की मुहिम का स्वागत करते हुए कहा कि ज्यादातर छेड़छाड़ की घटनाएं स्कूल से छुट्टी के समय की नज़र आती हैं। मनचलों को स्कूल की टाइमिंग्स पता रहती है और इसी वजह से स्कूल की छुट्टी के वक़्त अक्सर मनचलों की टोलियां स्कूल के इर्द गिर्द इस फ़िराक में नाचती रहती हैं की कब लड़कियों से स्कूल से बाहर निकले और कब वो छात्राओं पर फब्तियां कस सके। मनचलों की इस हरकत से आजिज़ आ चुकी लड़कियों को भीड़ में शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है लेकिन इस मुहीम के बाद स्कूली छात्राएं सर झुका कर नहीं बल्कि मनचलों के होश ठिकाने करते हुए राहत की सांस ले सकेंगी।

मुमताज़ इंटर मीडिएट स्कूल के सामने स्टेशनरी दुकान मालिक मृत्युंजय मित्तल की माने तो सरकार का छात्राओं को पावर ऐंजल्स बनाने का फैसला बिलकुल सही है क्योंकि लड़किया सबसे ज़्यादा छेड़छाड़ का शिकार स्कूल से घर जाते वक़्त ही होती है। मनचले छात्राओं का पीछा करते हैं जिससे कई छात्राओं के घरवाले उन्हें खुद स्कूल लेने आते हैं। अगर सरकार ने छेड़छाड़ की घटना को रोकने के लिए स्कूली छात्राओं को शक्तियां परियां बनाने की मुहिम शुरू की है तो अब मनचलों की खैर नहीं क्योंकि पावर एंजेल्स तो अपने पावर का बखूबी इस्तेमाल करेंगी।

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