राज्यसभा सीट: अमर, अखिलेश और संजय सेठ के नामों पर बंटी सपा

Update: 2016-05-10 06:39 GMT

लखनऊ: यूपी की खाली होने जा रही 11 राज्यसभा सीटों पर 4 जुलाई को चुनाव होने हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों में भी उठापटक तेज हो गई है। इसको लेकर सपा में सबसे ज्यादा गहमा-गहमी है। अब तक पार्टी में अमर सिंह, अखिलेश दास और संजय सेठ को राज्यसभा भेजने की चर्चा चल रही थी।

बताया जा रहा है कि उनको लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर निचले स्तर तक के पदाधिकारी संतुष्ट नही हैं। बहरहाल, पार्टी नेताओं का कहना है कि इस पर सपा मुखिया मुलायम सिंह का फैसला ही अंतिम होगा।

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आयातित नेताओं को राज्यसभा भेजे जाने का नहीं जाएगा अच्छा संदेश

पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि अमर सिंह, अखिलेश दास और संजय सेठ जैसे आयातित लोगों को राज्यसभा भेजे जाने का जनता और कार्यकर्ताओं के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा। चुनावी वर्ष में इसका सीधा असर कार्यकर्ताओं पर भी पड़ेगा। इसके बजाए यदि पार्टी से ही किसी को राज्यसभा भेजा जाता है तो इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा।

इन नेताओं को भी माना जा रहा दावेदार

दरअसल, राज्यसभा में सपा के जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उनमें अरविंद कुमार सिंह या विशंभर प्रसाद निषाद शाामिल हैं। चर्चा है कि इन्हें फिर राज्यसभा भेजा जा सकता है। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव भी इसके मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

राज्यसभा में बढे़गी सपा की ताकत

-मौजूदा समय में 6 सीटें बसपा के पास हैं।

-तीन पर सपा और 1-1 सीट पर कांग्रेस एवं भाजपा का कब्जा है।

-विधानसभा में बसपा की सदस्य संख्या कम है, आने वाले समय में होगा नुकसान।

-सपा के सात, बसपा के दो और भाजपा व कांग्रेस का एक-एक सदस्य चुना जा सकता है।

-आजम खां की पसंद के तौर पर किसी अल्पसंख्यक नेता को मिल सकती है तरजीह।

-युवा नेताओं को भी मिल सकती है जगह।

-देश के प्रतिष्ठित मीडिया समूह के ​अध्यक्ष को भी सपा से राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा।

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