वर्ल्ड बैंक की भूमिका से UP में जल्द बदलेगी सरकारी अस्पतालों की सूरत

स्वास्थ्य को लेकर यूपी सरकार ने विश्व बैंक के सामने अपना पूरा खाका रखा तो बैंक भी इसे मान गया और मदद को तैयार हो गया। 

Update: 2017-10-07 11:31 GMT

Sanjay Bhatnagar

लखनऊ: स्वास्थ्य को लेकर यूपी सरकार ने विश्व बैंक के सामने अपना पूरा खाका रखा तो बैंक भी इसे मान गया और मदद को तैयार हो गया।

विश्व बैंक की मदद मिलेगी तो यूपी में स्वास्थ्य सेवा बेहतर होगी और मरीजों को अच्छा इलाज मिलेगा। यूपी सरकार जल्द ही सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प करेगी और स्वास्थ्य सेवा का विकेद्रीकरण भी करेगी।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने न्यूज ट्रैक से बातचीत में कहा कि राज्य के 175 अस्पतालों में 60 का कायाकल्प दिसम्बर 2018 तक कर दिया जाएगा। अस्पतालों के आउटडोर में आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने में हर अस्पताल पर करीब तीन करोड़ रूपए का खर्च आएगा। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी बेसिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

विश्व बैंक के देश में प्रमुख जुनैद अहमद के साथ कल बीते शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री की बातचीत और हुए अनुबंध के बाद उन्होंने इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि करार दिया ओर कहा कि इसे एक लैंडमार्क समझा जाना चाहिए।

6 जोन में बंटा यूपी

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल सेवा निदेशालय के प्रशासकीय व्यवस्था में बेहतर सुधार की आवश्यकता है। इसीलिए पूरे यूपी को 6 जोन में बांटा गया है जिसका प्रमुख निदेशक स्तर का कोई डाक्टर होगा। हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक राजधानी में बैठते हैं, लेकिन उन्हें फिल्ड में भी जाना होगा ताकि पता चल सके कि कहां क्या कमी है।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के निदेशक ने भरोसा दिलाया हे कि परिवार कल्याण और स्वास्थ्य सेवा में बैंक एक पार्टनर की तरह काम करेगा जिसके तहत मानव संसाधन को स्ट्रीम लाइन करना ,उपकरणों की उपलब्धता और अस्पतालों की दशा में सुधार करना है।

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