कुंभ: स्नान घाटों पर वीडियो, फोटोग्राफी पर रोक, न मानने वालों पर कार्यवाही की चेतावनी
कोर्ट ने मीडिया को स्नानघाटों की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने पर रोक का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। याचिका में स्नानघाटों पर फोटोग्राफी पर रोक के आदेश का कुम्भ मेले में पालन कराने की मांग की गयी है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुम्भ मेला प्रयागराज में स्नानघाटों पर फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी पर रोक का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि प्रिंट या दृश्य मीडिया द्वारा आदेश की अवहेलना करने पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
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कोर्ट ने कहा है कि अधिनियम, नियम व कोर्ट के आदेश से घाट से सौ मीटर के क्षेत्र में फोटोग्राफी प्रतिबंधित की गयी है। इसके बावजूद अखबारों में स्नान करती महिलाओं के फोटोग्राफ छाये जा रहे हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया भी दिखा रही है। कोर्ट ने कुम्भ मेलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह मीडिया को कोर्ट के आदेश की जानकारी देकर अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई की तिथि 5 अप्रैल नियत करते हुए मेलाधिकारी से याचिका पर जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने अधिवक्ता असीम कुमार की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने एक अखबार में नहाती युवती की फोटो छपी होने पर कहा कि सभी अखबारों में ऐसे फोटोेग्राफ छप रहे हैं। मीडिया विजुवल दिखा रहा है।
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कुम्भ मेलाधिकारी से कोर्ट ने मांगा जवाब
कोर्ट ने अखबार को अधिवक्ता कार्तिकय शरण से कहा कि वह कोर्ट के आदेश की सूचना मेलाधिकारी को फोन से देकर अनुपालन कराने को कहे। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने स्नानघाट से सौ मीटर एरिया में फोटो खींचने पर रोक लगायी है। उ.प्र. मेला प्राधिकरण अधिनियम में भी घाट पर फोटोग्राफी लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कोर्ट ने मीडिया को स्नानघाटों की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने पर रोक का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। याचिका में स्नानघाटों पर फोटोग्राफी पर रोक के आदेश का कुम्भ मेले में पालन कराने की मांग की गयी है।
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