India-Russia Relations: रूस में 16 भारतीय लापता, ईरान के भी बारे में विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
16 Indians missing in Russia: भारतीय विदेश मंत्रालय ने रूस और ईरान में लापता भारतीयों के बारे में आज प्रेस सम्मेलन में जानकारी दी।;
16 Indians missing in Russia: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को साप्ताहिक संवादाता सम्मेलन में कई मुद्दो पर बात की। इसकी विस्तृत जानकारी मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने दी। उन्होंने रूस और व्यवसाय के उद्देश्य से ईरान गए लापता भारतीयों के बारे में भी बताया। वहीं विदेशी राजनयिकों के महाकुंभ दौरे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हां, राजनयिक कल कुंभ का दौरा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि 3 भारतीय नागरिक जो व्यवसाय के उद्देश्य से ईरान गए थे, वे लापता हैं। हम उनके परिवारों के संपर्क में हैं। हमने इस मामले को दिल्ली में ईरानी दूतावास और तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है।
रूसी अधिकारियों के संपर्क में
विदेश मंत्रालय और तेहरान में भारतीय दूतावास ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और लापता नागरिकों का पता लगाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता का अनुरोध किया है। रूस में लापता भारतीयों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि 16 भारतीय लापता हो गए हैं। हम रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं।
भारत- अमेरिका पर सहयोग
विदेश मंत्रालय ने कहा भारत अवैध प्रवास का दृढ़ता से विरोध करता है, खासकर तब जब यह संगठित अपराध के अन्य रूपों से जुड़ा हो। प्रवास और गतिशीलता पर भारत-अमेरिका सहयोग के हिस्से के रूप में, दोनों पक्ष अवैध प्रवास को रोकने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, जबकि कानूनी प्रवास के लिए और अधिक अवसर पैदा कर रहे हैं। हम इस सहयोग को जारी रखने के इच्छुक हैं। साथ ही भारत सरकार को संबंधित व्यक्तियों को भारत वापस भेजने से पहले उनकी राष्ट्रीयता सहित आवश्यक सत्यापन करने की आवश्यकता होगी। इस स्तर पर संख्याओं के बारे में कोई भी बात करना समय से पहले है। लेकिन मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इस क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग मजबूत और प्रभावी है। यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।
बीएसएफ और बीजीबी मे होगी वार्ता
विदेश मंत्रालय बीएसएफ और बीजीबी के बीच डीजी-स्तरीय वार्ता 17 से 20 फरवरी, 2025 तक नई दिल्ली में निर्धारित है, जिसके दौरान सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव है। हम उम्मीद करते हैं कि सभी परस्पर सहमत एमओयू और समझौतों का सम्मान किया जाएगा।