US से भारत ने किया करार, इंडियन आर्मी को मिलेंगी 145 M777 हॉवित्जर तोप

बोफोर्स घोटाले के बाद पैदा हुए गतिरोध को तोड़ते हुए भारत ने अमेरिका के साथ बुधवार को 145 एम 777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपों की खरीद के लिए 737 मिलियन डॉलर (लगभग 5000 करोड़ रुपये) की डील साइन की है।

Update: 2016-11-30 20:05 GMT

नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका के साथ बुधवार को 145 एम 777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपों की खरीद के लिए 737 मिलियन डॉलर (लगभग 5000 करोड़ रुपये) की डील साइन की है। 145 में से 120 तोपों को भारत में असेंबल किया जाएगा जबकि 25 तोपें तैयार अवस्था में ही मिलेंगी। माना जा रहा है कि चीन के मोर्चे पर इनकी तैनाती होगी। 1980 के दशक में हुए बोफोर्स स्कैम के बाद से तोपों की खरीद के लिए यह पहला सौदा है।

भारत-अमेरिका मिलिटरी कोऑपरेशन ग्रुप की मीटिंग बुधवार को राजधानी में शुरू हुई। सूत्रों के अनुसार, भारत ने लेटर ऑफ एक्सेपटेंस पर साइन किया है। इस मीटिंग के लिए अमेरिका के 260 डिफेंस अफसर भारत आए हैं। भारत की तरफ से भी हाई लेवल आर्मी डेलिगेशन शामिल हुआ।

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सूत्रों के मुताबिक, इंडियन आर्मी हॉवित्जर तोपों को ज्यादा ऊंचाई वाली चीन से लगने वाली सीमा (अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख) में तैनात करेगी। फिलहाल, हॉवित्जर तोप अमेरिका के अलावा कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के पास हैं। पहली दो तोप भारत को डील साइन होने के छह महीने के अंदर मिल जाएंगी। इसके बाद हर महीने दो तोपें भारत आएंगी।

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हॉवित्जर तोप का वजन 4 टन से कुछ ही ज्यादा है क्योंकि इसमें टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है। जिस वजह से इसे 16,000 फीट की ऊंचाई तक स्थापित किया जा सकता है। हॉवित्जर तोपों को नई 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर्प्स को दिया जाएगा ताकि चीन के विरूद्ध इसकी तुरंत प्रतिक्रिया की क्षमता में इजाफा हो जाए। यह 25 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती हैं।

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