UK Election 2024: कौन हैं कीर स्टार्मर जिन्होंने पीएम सुनक को दिया बड़ा झटका और अब बनने जा रहे हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

UK Election 2024: ब्रिटेन में गुरुवार (4 जुलाई) को हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी ने प्रचंड जीत दर्ज की है। अब देश की जनता 14 साल बाद कीर स्टार्मर को नए प्रधानमंत्री के रुप में देखेगी। फिलहाल स्टार्मर ब्रिटेन के सबसे बड़े विपक्षी दल लेबर के अध्यक्ष हैं।

Update: 2024-07-05 08:18 GMT

UK Election 2024 ( Social- Media- Photo)

UK Election 2024: ब्रिटेन की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। आम चुनाव में लेबर पार्टी ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी की भारी शिकस्त दी है। कीर स्टार्मर की विपक्षी लेबर ने भारी बहुमत के साथ आम चुनाव में भारी जनादेश हासिल किया है। 650 सीटों वाली ब्रिटश संसद में लेबर पार्टी ने चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीत ली हैं।

ब्रिटेन में हुए आम चुनाव पर पूरी दुनिया की नजरें थीं। चुनाव से पहले हुए सर्वे में जो अनुमान जताया गया था वह सही साबित हुआ और लेबर पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया। इस तरह से कंजर्वेटिव प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का 18 महीने का कार्यकाल समाप्त हो गया और अब 14 साल बाद ब्रिटेन के लोग कीर स्टार्मर को नए प्रधानमंत्री के रुप में देखेंगे। वहीं कंजर्वेटिव पार्टी 14 साल बाद अब सत्ता से बाहर हो गई है।आइये जानते हैं कौन हैं कीर स्टार्मर? जिनकी लेबर पार्टी ने ऋषि सुनक को कैसे सत्ता से कर दिया बाहर।


पहले बात ब्रिटेन के आम चुनाव की

यूनाईटेड किंगडम (यूके) का आम चुनाव 4 जुलाई 2024 को हुआ। 6.7 करोड़ की आबादी वाले इस देश में मतदान केंद्रों पर लोगों ने स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक मतदान किया। ये चुनाव यूनाइटेड किंगडम के सभी हिस्सों इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में शांतिपूर्वक संपन्न हुए। मतदान कुल 650 संसदीय सीटों के लिए हुआ। चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि शुक्रवार 7 जून 2024 थी। चुनाव में उतरे उम्मीदवारों ने मतदान के दिन से पहले के छह सप्ताह तक अपनी पार्टियों के लिए जमकर प्रचार किए और अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इस चुनाव के लिए कुल 392 पार्टियां पंजीकृत थीं। हालांकि, मुख्य मुकाबला ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव और मुख्य विपक्षी नेता कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी के बीच ही रहा।


पीएम सुनक को चुनौती देने वाले कीर स्टार्मर कौन हैं?

कीर स्टार्मर लेबर पार्टी के अध्यक्ष हैं। पेशे से वकील स्टार्मर मुख्य अभियोक्ता रह चुके हैं। लेबर पार्टी के अनुसार उनका पूरा करियर जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के लिए रहा है। स्टार्मर का शुरुआती जीवन पूर्वी इंग्लैंड के सरी में ऑक्सटेड नामक एक छोटे से शहर में बीता है। उनके पिता एक कारखाने में कारीगर के रूप में काम करते थे और उनकी मां अस्पताल में एक नर्स थीं।स्टार्मर को बचपन से काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी मां ने जीवन भर एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी से संघर्ष किया। कीर ने अपने बचपन का अधिकतर समय अपनी मां को अस्पताल जाते हुए देखा, जहां उनके पिता हमेशा उनके साथ रहते थे। इन सब चुनौतियों के बीच स्कूल में उन्होंने 11 (इंग्लैंड में प्राथमिक शिक्षा के अंतिम वर्ष की परीक्षा) की परीक्षा पास की और इसके बाद उन्होंने स्थानीय ग्रामर स्कूल में एडमिशन लिया। जब वे 18 साल के थे तो उन्हें लीड्स यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने का मौका मिला। इस तरह से स्टार्मर अपने परिवार में यूनिवर्सिटी जाने वाले पहले सदस्य भी बन गए।


बतौर बैरिस्टर शुरू की पेशेवर जिंदगी

कीर को फुटबॉल का बहुत शौक था और वह अब भी हर रविवार को दोस्तों के साथ फुटबाल खेलते हैं। कीर ने 1987 में वकालत की डिग्री हासिल की और बैरिस्टर के रूप में पेशेवर करियर की शुरूआत की। उन्होंने अपना बहुत सारा समय गरीब लोगों के लिए मुफ्त कानूनी सलाह देने में बिताया। इसके साथ ही उन्होंने कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों पर काम किया।उसके बाद कीर स्टार्मर पांच साल तक उत्तरी आयरलैंड पुलिसिंग बोर्ड के कानूनी सलाहकार रहे। इसी दौरान उनकी मुलाकात विक्टोरिया से हुई जो अब ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए काम करती हैं। कीर और विक्टोरिया का विवाह 2007 में हुआ और दोनों के दो बच्चे हैं।


सार्वजनिक सेवाओं में व्यापक सुधार किए

कीर 2008 में लोक अभियोजन निदेशक बन गए। इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक सेवाओं में व्यापक सुधार किए ताकि लोगों को उम्मीद के मुताबिक न्याय मिल सके। सार्वजनिक सेवाओं के काम करने के तरीके को बदलने के साथ-साथ वे कुछ महत्वपूर्ण मामलों को देखने में भी शामिल थे, जिनका आज भी ब्रिटिश समाज पर बड़ा प्रभाव है। उन्होंने यौन और घरेलू हिंसा के पीड़ितों के लिए बेहतर सहायता के लिए दिशा-निर्देशों में बदलाव किया और खर्चों के दुरुपयोग के लिए सांसदों पर मुकदमा चलाया। कीर को आपराधिक न्याय के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए 2014 में नाइटहुड की उपाधि से नवाजा गया।


ऐसे हुई सियासी सफर की शुरुआत

कीर दुनिया को एक निष्पक्ष जगह बनाने के प्रयास में ही राजनीति में आ गए। कीर स्टार्मर पहली बार 2015 में 52 साल की उम्र में ब्रिटिश संसद के लिए चुने गए। वर्तमान में वह साउथ सेंट्रल लंदन के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र होलबोर्न और सेंट पैनक्रास के सांसद हैं।वह 2015 से 2016 तक ब्रिटेन की शैडो कैबिनेट में आव्रजन मंत्री रहे। इसके अलावा स्टार्मर 2016 से 2020 तक यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए शैडो स्टेट सेक्रेटरी भी थे। ब्रिटेन में शैडो कैबिनेट में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी या आधिकारिक विपक्षी पार्टी के फ्रंटबेंच सांसद और ब्रिटिश संसद के उच्च सदन लॉर्ड्स के सदस्य शामिल होते हैं।


लेबर का अध्यक्ष बनते ही पार्टी को मिली थी बुरी हार

कीर स्टार्मर को अप्रैल 2020 में लेबर पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। हालांकि, स्टार्मर के अध्यक्ष बनने के ठीक बाद पार्टी को 85 वर्षों में सबसे बुरी हार का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने तुरंत पार्टी को फिर से विजयी बनाने को अपना मिशन घोषित कर दिया और उनका मिशन आज कामयाब भी हो गया। 2024 के आम चुनाव में लेबर पार्टी ने जनता से जुड़े मुद्दे उठाए। पार्टी ने कहा, हमारी सार्वजनिक सेवाएं ठप्प पड़ी हैं, कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को गुजारा नहीं मिल पा रहा है, अपराध के शिकार लोगों को धोखा दिया जा रहा है और ब्रिटेन की अगली पीढ़ी खतरे में है।लेबर पार्टी ने चुनाव के दौरान कहा कि वह एक ऐसे ब्रिटेन का निर्माण करेगी जो आगे बढ़ रहा है, पीछे नहीं रह रहा है। एक ऐसा ब्रिटेन जहां अर्थव्यवस्था सुरक्षित है और कड़ी मेहनत को बढ़ावा देती है। एक ऐसा देश जहां आगे बढ़ने के लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है।


स्टार्मर ने इस तरह सुनक को दी टक्कर

स्टार्मर लेबर पार्टी को देश की राजनीति के केंद्र में वापस लाने में सफल हो गए हैं। अब 61 वर्षीय स्टार्मर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री होंगे। उनकी लेबर पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में 400 से अधिक सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत हासिल की है। पिछले चुनाव के मुकाबले पार्टी को 223 सीटें अधिक मिली हैं। दूसरी ओर कंजर्वेटिव पार्टी को महज 115 सीटों के आसपास ही मिल पाई हैं। 2019 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी ने बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में 365 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं 2019 में जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने 202 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी।

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