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Aaj Phulera Dooj-फूलेरा दूज क्या है पूजा विधि, इस दिन कितने तरह के फूलों से होता है राधा कृष्ण का श्रृंगार

Aaj Phulera Dooj- फुलैरा दूज को अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन को फाल्गुन मास (Falgun Mass) में सबसे शुभ और धार्मिक दिन माना जाता है। फुलैरा दूज के समय को काफी मांगलिक माना जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 12 March 2024 2:22 AM GMT (Updated on: 12 March 2024 2:27 AM GMT)
Aaj Phulera Dooj-फूलेरा दूज क्या है पूजा विधि, इस दिन कितने तरह के फूलों से होता है राधा कृष्ण का श्रृंगार
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Phulera Dooj Aaj ( फुलेरा दूज 2024) : हिन्दू धर्म में हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को बड़े ही उत्साह के साथ फुलेरा दूज मनाई जाती है और इस दिन पूरे विधि-विधान से श्री राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है. फुलेरा दूज के मौके पर हर साल मथुरा में फूलों की होली खेली जाती है।फुलैरा दूज को अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन को फाल्गुन मास (Falgun Mass) में सबसे शुभ और धार्मिक दिन माना जाता है। फुलैरा दूज के समय को काफी मांगलिक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण पवित्र होली ( holi) के त्यौहार में भाग लेते हैं और रंगों की जगह रंगबिरंगे फूलों से होली खेलते हैं। यह त्यौहार लोगों के जीवन में ख़ुशी और उम्र लेकर आता है।

मथुरा में फुलेरा दूज पर फूलों से होली मनाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. इस पर्व की मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन श्री राधा-कृष्ण की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से लोगों के वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है। जानते हैं कि फुलेरा दूज पर श्री राधा-कृष्ण की कैसे पूजा करें और क्या विधान है?

फुलेरा दूज पूजा का मुहूर्त

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 11 मार्च को सुबह 10:44 बजे शुरू हो जाएगी

इसका समापन 12 मार्च को सुबह 7:13 बजे होगा

. उदया तिथि के अनुसार, फुलेरा दूज का पर्व 12 मार्च को ही मनाया जाएगा

उदया तिथि के अनुसार, इस दिन श्री राधा-कृष्ण की पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:32 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा, क्योंकि हिन्दू धर्म में उदया तिथि बहुत अधिक महत्व है इसलिए उदया तिथि के अनुसार की पर्व मनाए जाते हैं।

फुलेरा दूज पर कैसे करें पूजा

इस दिन श्री राधा-कृष्ण को गेंदे समेत 7 प्रकार के फूल अर्पित किए जाते हैं, क्योंकि इस दिन वृन्दावन में भक्त आमतौर पर राधा-कृष्ण के प्रेम को व्यक्त करने के लिए उन पर फूलों की बरसात करते हैं और फूलों की होली खेलते हैं। इस दिन श्री कृष्ण व राधा रानी को गेंदे की तरह-तरह की वरायटी, गुलाब, चमेली, कमल, हरश्रृंगार, डहेलिया, गुल्दाउदी इन सभी फूलों को विशेष रूप से श्री कृष्ण व राधा रानी को अर्पित किया जाता है।

फुलेरा दूज के दिन सबसे पहले लोगों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्री राधा-कृष्ण के ध्यान से दिन की शुरुआत करें।

इसके बाद सुबह जल्दी स्नान करके सूर्य देव को जल अर्पित करें और श्री राधा-कृष्ण का गंगाजल, दही, जल, दूध और शहद से अभिषेक करें।

फिर श्री राधा-कृष्ण को नए वस्त्र पहनाकर विशेष श्रृंगार करें और उन्हें चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर विराजमान करें।

इसके बाद उनके ऊपर टोकरी से फूलों की बरसात करे।. इसके बाद नैवेद्य, धूप, फल, अक्षत समेत विशेष चीजें अर्पित करें।

फुलेरा दूज पर श्री राधा-कृष्ण की पूजा के लिए घी का दीपक जलाकर उनकी आरती और मंत्रों का जाप करें।

फिर श्री राधा-कृष्ण को माखन मिश्री, खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं और भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें।

मान्यता है कि बिना तुलसी दल के भगवान श्री कृष्ण भोग नहीं लगाया जाता है. अंत में वह भोग लोगों को प्रसाद के रूप में बांट दें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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