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अनहोनी से भगवान श्रीकृष्ण का एक मंत्र बचाएगा, घर से निकलने से पहले हर रोज़ जरूर करें जाप, बनेगा आपका ढाल
Shree Krishna Mantra हर दिन बढ़ते हादसों और अनहोनी से बचना चाहते हैं? श्रीकृष्ण का यह दिव्य मंत्र मानसिक शांति और आध्यात्मिक सुरक्षा दोनों देता है। जानिए इसके जाप की विधि और रहस्य। जानिए जाप विधि और मंत्र की महिमा।
Powerful Shree Krishna Mantra: आजकल लोग आकस्मिक घटनाओं के होने से बहुत परेशान है। इससे बचने के लिए घर से निकलना नहीं चाहते, लेकिन ये कोई समाधान नही है। घर में बैठकर आप कुछ नहीं कर सकते है, काम पैसे समाज के लिए बाहर निकलना ही पड़ता है। लेकिन इससे बचने के भी उपाय है अगर थोड़ी बहुत धार्मिक आस्था रखी जायें।
आजकल आए दिन सड़क हादसे, अचानक होने वाली दुर्घटनाएं और जीवन में अनायास आने वाले संकट से हमसब आशंकित हैं। ऐसे में जब सभी उपाय कम लगने लगे , तबमंत्र-शक्ति हमारे लिए सुरक्षा कवच का काम करती है।
सुरक्षा कवच है श्रीकृष्ण सुरक्षा मंत्र
भगवान श्रीकृष्ण सभी पापों का नाश करने वाले हैं, भगवान का यह मंत्र श्रीमद भागवत का हैं, यह केवल एक मंत्र न होकर भगवान के लिए पुकार हैं। इस सिद्ध मंत्र के जाप से अद्भुत आध्यात्मिक और मानसिक लाभ होते है।
“कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥”
श्रीकृष्ण मंत्र का अर्थ
इस मंत्र में भगवान श्रीकृष्ण के पंचरूप का स्मरण किया गया है कृष्णाय – जो संपूर्ण सृष्टि को आकर्षित करते हैं।वासुदेवाय – वासुदेव पुत्र, जो धर्म के आधार हैं।हरये – जो सारे पाप, भय और संकट हर लेते हैं।परमात्मने – जो सभी आत्माओं के परम साक्षी हैं।गोविंदाय – जो सभी प्राणियों के रक्षक और पालनकर्ता हैं।इस मंत्र का जाप करने से न केवल दैहिक सुरक्षा प्राप्त होती है, बल्कि मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक सुरक्षा कवच भी निर्मित होता है। यह मंत्र शुद्ध चेतना को जाग्रत करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
क्यों है असरदार श्रीकृष्ण मंत्र
जब हम इस मंत्र का जाप श्रद्धा से करते हैं, तो हमारे चित्त की तरंगें स्थिर होती हैं।यह स्थिरता हमें मानसिक सतर्कता और निर्णय क्षमता देती है, जो विपत्ति में विवेकपूर्ण निर्णय लेने में मदद करती है।यह मंत्र साकार और निराकार दोनों रूपों में ईश्वर की कृपा को आमंत्रित करता है, जिससे अदृश्य रूप से संकट टलते हैं।यह ईश्वरीय स्मरण जीवन में संकट-प्रबंधन की आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।
सुबह-सुबह, जब वातावरण शांत और पवित्र हो, तब इस मंत्र का जाप सबसे प्रभावशाली होता है।घर का पूजा स्थान, या कोई शांत कोना जहां कोई व्यवधान न हो। अगर यात्रा पर हों, तो गाड़ी में बैठकर आंखें बंद कर जाप किया जा सकता है।सुखासन में बैठें, या यदि समय न हो तो खड़े होकर भी हाथ जोड़कर जाप किया जा सकता है।तीन बार गहरी सांस लें, और मन को स्थिर करें।भगवान श्रीकृष्ण की छवि को मन में लाएं।प्रतिदिन 11 बार, या आवश्यकतानुसार 21, 51, 108 बार भी कर सकते हैं।जपमाला का उपयोग करें तो अच्छा है, लेकिन मानसिक रूप से भी जाप प्रभावी होता है।
यह न सोचें कि यह कोई चमत्कारी प्रक्रिया है, बल्कि यह भाव रखें कि आप स्वयं को भगवान को समर्पित कर रहे हैं।हर बार जाप के साथ भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करें संभव हो तो घर से निकलते समय एक तिलक या कुमकुम लगाएं, यह भी एक प्रकार का कवच है।सप्ताह में एक दिन (जैसे गुरुवार या शुक्रवार) इस मंत्र का 108 बार जाप करें, यह विशेष फलदायी माना गया है।
यह मंत्र हमारे सात्विक गुणों को जाग्रत करता है, अहंकार और भय को नष्ट करता है। मंत्रों के कंपन मस्तिष्क की बीटा वेव्स को कम कर अल्फा वेव्स को बढ़ाता है, जिससे एकाग्रता और प्रतिक्रिया शक्ति बढ़ती है।
नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है
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