इस नवरात्रि विंध्याचल में प्रशासन की लापरवाही का असर लोगों की आस्था पर दिखेगा

suman
Published on: 16 Sept 2017 5:54 AM
इस नवरात्रि विंध्याचल में प्रशासन की लापरवाही का असर लोगों की आस्था पर दिखेगा
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मिर्जापुर : मिर्जापुर में स्थित विंध्य पर्वत विंध्याचल करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र, जहां पर देवी अष्टभुजा, महाकाली मां विंध्यवासिनी का दरबार है, यहां पर नेता, राजनेता, कलाकार, मंत्री, समाजसेवी और देश-विदेश से मां के भक्त विंध्य धाम में आते है और मां गंगा के पवित्र व निर्मल जल का आचमन,गंगा स्नान करके महापुण्य के भागी बनते हैं और अपने तन-मन के रोग दूर करते हैं।

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लेकिन इस बार तो ऐसा लगता है कि गंगा स्नान करके हम रोगों के करीब और मन अशुद्ध करेंगे । ये सब विभागीय लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी से होगा। प्रशासन की लापरवाही समुचित साफ-सफाई ना करवाने की वजह से भक्तों को जहरीले जल से आचमनी व गंगा स्नान करना पड़ रहा है। इसकी जानकारी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को है,लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा ये पता नहीं है।

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इस समय मां गंगा के पवित्र जल में विन्ध्य धाम की सभी सीवरों का गंदा पानी सीधे मां गंगा के निर्मल जल में मिलाया जा रहा है, पर इस पर ना तो कोई सामाजिक संगठन, ना कोई समाजसेवी और ना ही कोई अधिकारी या नेता इस विषय पर पहल कर रहे है।

गंगा मंत्रालय सिर्फ दिखावा और पैसा वसूलने का एक साधन मात्र बनकर रह गया है। यह जहरीले व केमिकल युक्त जल विन्ध्याचल के छ: या सात चूनरी कारखानों से निकलता है। इस जल से जलीय जीव खतरे में है। साथ नवरात्रि भी शुरू हो रही है। ऐसे में यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने वाला है। अगर उससे पहले साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया तो गंगा के निर्मल जल की जगह गंदे जल से पूजा करना होगा।

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