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Coronavirus: कोरोना त्रासदी में साइबरठग लूट रहे लोगों को, बिहार के गैंग सक्रिय
Coronavirus: कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली, यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के सैकड़ों लोग लुटेरों के शिकार हो चुके हैं।
Coronavirus: कोरोना त्रासदी ने हमारे समाज के कई चेहरे सामने ला दिए हैं। इनमें एक चेहरा उन लोगों का है, जो दवा-ऑक्सीजन के लिए छटपटा रहे असहाय लोगों को लूटने में जुटा है। दिल्ली, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, बंगाल, असम व बिहार के सैकड़ों लोग लुटेरों के शिकार हो चुके हैं।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में बेड, प्लाज्मा व रेमडेसिविर इंजेक्शन जैसी जीवनरक्षक दवाओं की मारामारी से परेशान कोरोना मरीज या उनके परिवार वालों ने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद की गुहार लगाई। अच्छे लोगों के बीच सोशल मीडिया पर ऐसे लुटेरों के गैंग सक्रिय हैं जो विपदा में असहाय लोगों को ठग रहे हैं। ये लुटेरे अपने आप को स्वयंसेवी बताते हैं और अपना नंबर फेसबुक, ट्विटर या व्हाट्सऐप पर सार्वजनिक कर देते हैं। ये लुटेरे सोशल मीडिया पर मदद मांग रहे लोगों को फोन करते हैं और मदद का भरोसा दे कर दवा, ऑक्सीजन या बेड उपलब्ध कराने के लिए पैसा एकाउंट में ऑनलाइन भेजने को कहते हैं। जब जीवन मृत्यु की घड़ी हो तो परेशान लोग डूबते को तिनके का सहारा समझ कर पैसा भेज भी देते हैं। लेकिन जैसे ही पैसा मिल जाता है, इन लुटेरों का फोन स्विच ऑफ हो जाता है।
ज्यादातर ठगी के मामले बिहार में नवादा और नालंदा से की गई है। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई तथा दिल्ली पुलिस के संयुक्त अभियान में ऐसे करीब सौ शातिरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस ने करीब 900 से ज्यादा फोन नंबरों ट्रेस किए हैं जिनका इस्तेमाल दिल्ली में करीब चार सौ लोगों से ठगी में किया गया।
दिल्ली में ठगी के तीन सौ से अधिक मामले दर्ज किए जा गए हैं। पुलिस को 300 से ज्यादा बैंक खातों का पता चला है जिनमें ठगी के पैसे जमा कराए गए। ज्यादातर खाते पटना, महाराष्ट्र तथा दिल्ली के बैंक शाखाओं के हैं। ठगों का सरगना अभी पकड़ में नहीं आया है।