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Netflix: नेटफ्लिक्स को गैर-इस्लामी कंटेंट हटाने का हुक्म

Islamic Content in Netflix: गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल समिति ने नेटफ्लिक्स से कहा है कि वह अपने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म से वह सामग्री हटाये जो इस क्षेत्र के मीडिया कानूनों के विपरीत हैं

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 7 Sept 2022 3:49 PM IST
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नेटलफिक्स (फोटो : सोशल मीडिया )

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Netflix Islamic Content: सऊदी अरब और खाड़ी के देशों ने नेटफ्लिक्स से कहा है कि वह अपने प्लेटफार्म से गैर-इस्लामी सामग्री को तुरंत हटा दे। गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल समिति ने नेटफ्लिक्स से कहा है कि वह अपने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म से वह सामग्री हटाये जो इस क्षेत्र के मीडिया कानूनों के विपरीत हैं। जीसीसी ने एक बयान में कहा - "हाल ही में यह देखा गया है कि नेटफ्लिक्स प्लेटफॉर्म ने कुछ ऐसी सामग्री प्रसारित की है जो जीसीसी में देशों के मीडिया प्रसारण नियमों का उल्लंघन करती हैं और इस्लामी तथा सामाजिक मूल्यों के खिलाफ हैं।"

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म से विशेष रूप से हटेगी बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री

यूएई मीडिया और दूरसंचार नियामकों द्वारा अलग से जारी किये गए बयान में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म से विशेष रूप से बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री हटाने को कहा गया है। बयान में कहा गया है कि अगर नेटफ्लिक्स "आपत्तिजनक सामग्री" प्रसारित करना जारी रखता है तो कानूनी उपाय किए जाएंगे। हालाँकि ऐसी सामग्री के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है लेकिन समझा जाता है कि इसमें "एलजीबीटीक्यू" से संबंधित सामग्री शामिल है।

महिला ने नेटफ्लिक्स को "समलैंगिकता का आधिकारिक प्रायोजक" बताया

ये घोषणा सऊदी अरब और जीसीसी के देशों संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कुवैत, ओमान और कतर आदि) द्वारा अलग-अलग बयान में की गई है। सऊदी राज्य टेलीविजन ने एक महिला के साथ किए गए एक साक्षात्कार का वीडियो भी प्रसारित किया, जिसे एक व्यवहार सलाहकार के रूप में पहचाना गया। उस महिला ने नेटफ्लिक्स को "समलैंगिकता का आधिकारिक प्रायोजक" बताया। इंटरव्यू के दौरान एक कार्टून के फुटेज को प्रसारित किया गया जिसमें दो महिलाएं आलिंगन किये हुए थीं। हालांकि फुटेज को धुंधला कर दिया गया था।

2017 में सिनेमा उद्योग को स्थापित करने के लिए उठाए थे कुछ कदम

सऊदी अरब ने 2017 में सिनेमा उद्योग को स्थापित करने के लिए कुछ कदम उठाए थे। जिसमें मल्टीप्लेक्स के निर्माण, स्थानीय कंपनियों के विकास और वार्षिक लाल सागर फिल्म महोत्सव आदि कार्य शामिल थे।हालाँकि, जून में, सऊदी अरब उन एक दर्जन से अधिक देशों में शामिल था जहां समलैंगिक चुंबन के चित्रण के कारण पिक्सर एनीमेशन "लाइटियर" प्रदर्शित नहीं की जा सकी। इसके पूर्व, अप्रैल में "डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस" को समलैंगिक चरित्र को शामिल करने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था।

सऊदी अरब में यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान के संबंध में कोई कानून नहीं

सऊदी अरब में यौन अभिविन्यास या लिंग पहचान के संबंध में कोई कानून नहीं है। लेकिन शादी के बाहर सभी यौन संबंध सख्त वर्जित हैं। देश शरिया या इस्लामी कानून भी संचालित करता है। इस प्रणाली के तहत, सहमति से समलैंगिक यौन आचरण मौत या कोड़े से दंडनीय है। बहुत से मुसलमान समलैंगिकों को पापी मानते हैं। अरब दुनिया के कुछ हिस्सों में, एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और जेल की सजा सुनाई गई है। इन लोगों के लिए कुछ देश मृत्युदंड को भी बरकरार रखे हुए हैं।

बहरहाल, नवीनतम यह कदम तब आया है जब क्षेत्रीय स्ट्रीमिंग सेवाएं नेटफ्लिक्स के राजस्व में सेंधमारी की कोशिश कर रही हैं, जिसमें सऊदी के स्वामित्व वाले एमबीसी समूह द्वारा संचालित शाहिद सर्विस भी शामिल है। माना जाता है कि सऊदी सरकार की एमबीसी समूह में एक नियंत्रित हिस्सेदारी है।



Deepak Kumar

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