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BBA University: महिला लघु उद्योग पर हुई कार्यशाला, स्टैंड अप योजना से महिला उद्यमियों को मिलेगा बढ़ावा

BBA University: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) और प्रबंध अध्ययन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन' था।

Abhishek Mishra
Published on: 13 Feb 2024 6:37 PM GMT (Updated on: 13 Feb 2024 6:37 PM GMT)
Workshop on womens small scale industries, stand up scheme will give boost to women entrepreneurs
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महिला लघु उद्योग पर हुई कार्यशाला, स्टैंड अप योजना से महिला उद्यमियों को मिलेगा बढ़ावा: Photo- Newstrack

BBA University: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) और प्रबंध अध्ययन विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय ' उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमी के लिए स्टैंड अप योजना की ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँच एवं सामाजिक - आर्थिक प्रभाव का आंकलन' था। यहां मुख्य अतिथि के रुप में जिला प्रबंधक मनीष पाठक मौजूद रहे।


आर्थिक रुप से सशक्त होंगी महिलाएं

बीबीएयू की पीआरओ डॉ. रचना गंगवार ने बताया कि आईसीएसएसआर की ओर से आयोजित कार्यशाला में प्रबंध अध्ययन विभाग प्रमुख प्रो. अमित कुमार सिंह, डॉ. कृष्ण मुरारी, डॉ. सलिल सेठ और प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. लता बाजपेयी उपस्थित रहीं। मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आयोजन समिति ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। मुख्य अतिथि मनीष पाठक ने कहा कि स्टैंड अप योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को व्यापार के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाता है। जिससे वे स्वयं आर्थिक रुप से सशक्त हो सकें।



एक साथ कई जिम्मेदारियां निभाती हैं महिलाएं

प्रबंध अध्ययन विभाग के प्रो. अमित कुमार सिंह ने कहा कि महिलाएं विपरीत परिस्थितियों में एक साथ कई जिम्मेदारी निभाती है। महिलाओं ने अन्य क्षेत्रों की तरह व्यापार के क्षेत्र में भी अग्रणी रहकर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है। डॉ. कृष्ण मुरारी ने कहा कि आज का युग उद्यम केंद्रित युग है। लोग छोटे व्यापार शुरू कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। जो किसी राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. लता बाजपेयी ने कहा कि ऐसी कार्यशाला से हाशिए पर रहने वाले समुदायों में उद्यमशीलता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। डॉ. सलिल सेठ ने भी ऐसी कार्यशाला को महिलाओं व छोटे व्यापार शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए उपयोगी बताया।

Shashi kant gautam

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