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अंकिता भंडारी हत्याकांड: पुलकित आर्य समेत तीन दोषी करार, 500 पन्नों की चार्जशीट और 47 गवाहों ने खोला सच्चाई का पर्दा
अंकिता भंडारी हत्याकांड में पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को कोर्ट ने दोषी करार दिया। दो साल आठ महीने चली सुनवाई में 47 गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध हुए। आरोपी भाजपा के पूर्व नेता के पुत्र हैं, जिन्होंने हत्या के बाद पार्टी से निष्कासित किया गया।
Ankita Bhandari
कोटद्वार की एडीजे (ADJ) कोर्ट ने अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों को दोषी माना है और उन्हें उम्रकैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई है। ये तीनों आरोपी - पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – पर लड़की की हत्या, सबूत छिपाने, साजिश रचने, छेड़छाड़ और अनैतिक धंधे से जुड़ी धाराओं के तहत केस चला। कोर्ट ने IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 120बी (षड्यंत्र), 354ए (छेड़छाड़) और अनैतिक व्यापार रोकथाम कानून के तहत उन्हें दोषी पाया।
अंकिता भंडारी की हत्या मामले की जांच के दौरान विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने लगभग 500 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की, जिसमें कुल 97 गवाहों के नाम शामिल थे। अभियोजन पक्ष ने इनमें से 47 गवाहों को अदालत के सामने पेश किया। अंकिता भंडारी, जो श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थीं, ऋषिकेश के पास वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थीं। 18 सितंबर 2022 को उनकी निर्मम हत्या की गई और उनका शव चीला नहर में फेंक दिया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार, पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता, के साथ मिलकर यह अपराध किया था।
47 गवाहों सहित विभिन्न सबूत प्रस्तुत किए
इस मामले की सुनवाई करीब दो साल आठ महीने तक चली, जिसमें अभियोजन ने 47 गवाहों सहित विभिन्न सबूत प्रस्तुत किए। यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता और पुलकित के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलकित ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे नहर में धकेल दिया था।
तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
अंकिता का शव नहर से मिलने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलकित आर्य भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य के पुत्र हैं, जिन्हें पार्टी ने इस मामले के प्रकाश में आने के बाद निष्कासित कर दिया। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भारी आक्रोश फैला दिया था, जिसके कारण सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हुए। तनाव को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया।
साधारण परिवार से थी अंकिता
अंकिता भंडारी श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थी और एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती थी। घर की आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण वह नौकरी की तलाश में निकली थी। उसे ऋषिकेश के वंतारा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली थी। लेकिन नौकरी शुरू करने के कुछ दिन बाद ही उसकी हत्या कर दी गई। अंकिता 18 सितंबर 2022 को लापता हुई थी और बाद में उसका शव नहर में मिला था।
बीजेपी नेता को किया गया था पार्टी से बाहर
अंकिता भंडारी की मौत का मामला बड़ा बनने के बाद बीजेपी ने नेता विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया था। विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य इस केस का मुख्य आरोपी है। उत्तराखंड में विपक्षी दल ही नहीं, कई सामाजिक संगठन भी अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। अंकिता के परिवारवालों का आरोप है कि रिसॉर्ट का मालिक पुलकित अंकिता पर देह व्यापार के लिए दबाव डाल रहा था। जब उसने मना किया, तो उसकी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की जांच कर रही SIT ने कोर्ट में 500 पेज की चार्जशीट दी है। इसमें 97 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।
अंकिता भंडारी की हत्या की खबर आने पर पूरे देश में इस घटना ने खूब हलचल मचाई। लोगों ने महिला सुरक्षा, कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल, और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। इस मामले ने यह भी सवाल खड़े किए कि कामकाज के दौरान यदि कोई कर्मचारी अपने अधिकारों की बात करे तो उसकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए।
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