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Rajasthan Election 2023: राजस्थान की इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला, गहलोत, वसुंधरा और पायलट तीनों के वफादार ठोक रहे ताल

Rajasthan Election 2023: इस बार के विधानसभा चुनाव में तमाम सीटों पर दिलचस्प मुकाबले हो रहे हैं। कहीं रिश्तेदारों के बीच आपसी जंग हो रही है तो कहीं पुराने करीबियों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक दी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 24 Nov 2023 1:17 PM IST
Rajasthan Election 2023
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Rajasthan Election 2023  (photo: social media )

Rajasthan Election 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में चुनावी शोर थमने के बाद अब सबकी निगाहें वोटिंग पर लगी हुई हैं। राज्य की 199 विधानसभा सीटों पर कल वोट डाले जाएंगे। कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण करणपुर सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में तमाम सीटों पर दिलचस्प मुकाबले हो रहे हैं। कहीं रिश्तेदारों के बीच आपसी जंग हो रही है तो कहीं पुराने करीबियों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक दी है।

ऐसी ही एक विधानसभा सीट है खंडेला जिस पर दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। इस सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट तीनों के वफादारों ने एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक दी है। मजे की बात यह है कि तीनों उम्मीदवार इस बार बदली हुई पार्टी के टिकट पर चुनावी अखाड़े में कूदे हैं।

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गहलोत के करीबी खंडेला कांग्रेस प्रत्याशी

राजस्थान में सीकर जिले की खंडेला विधानसभा सीट पर उतरे तीनों प्रमुख चेहरे 2018 में भी चुनावी अखाड़े में उतरे थे मगर इस बार उनकी पार्टियों बदली हुई हैं। खंडेला विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने महादेव सिंह खंडेला को चुनावी अखाड़े में उतारा है। महादेव सिंह खंडेला को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी माना जाता रहा है। उनकी इस इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती है और इसीलिए कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर भाजपा की चुनौती को बेदम बनाने का प्रयास किया है।

2018 के विधानसभा चुनाव में खंडेला ने इस विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। संकट के दिनों में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ दिया था। कांग्रेस का टिकट पाने में उनकी कामयाबी के पीछे इसे बड़ा कारण माना जा रहा है।


पायलट के करीबी बने भाजपा उम्मीदवार

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट से सुभाष मील को चुनावी अखाड़े में उतारा था मगर उन्हें खंडेला के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। मील इस बार भी चुनाव मैदान में उतरे हैं मगर उन्होंने पार्टी बदलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है।

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दिलचस्प बात यह है कि सुभाष मील को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का वफादार माना जाता रहा है मगर पायलट इस बार मील को टिकट दिखने वाले में कामयाब नहीं हो सके। नाराज होकर मील ने पाला बदल दिया और अब वे भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं।


वसुंधरा के करीबी बाजिया निर्दलीय प्रत्याशी

2018 के चुनाव के दौरान भाजपा ने इस विधानसभा सीट पर बंशीधर बाजिया को चुनावी अखाड़े में उतारा था। बाजिया को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता रहा है मगर इस बार वे भाजपा का टिकट पाने में कामयाब नहीं हो सके।

नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई में बाजिया भी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।


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तीन दिग्गजों के वफादारों में भिड़ंत

वैसे बाजिया परिवार की इस सीट पर मजबूत पकड़ मानी जाती रही है। लंबे समय से इस विधानसभा सीट पर उनके परिवार से जुड़े हुए लोग जीत हासिल करते रहे हैं। बाजिया इस बार भी जीत का दावा कर रहे हैं और उनका कहना है कि भाजपा के 90 फ़ीसदी कार्यकर्ताओं के साथ हैं।

वैसे उल्लेखनीय बात यह भी है कि जाट बहुल इस सीट पर बाजिया के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार भी जाट ही हैं। इस कारण दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के वफादारों की इस सियासी जंग पर पूरे राज्य की निगाहें लगी हुई है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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