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मुलायम सिंह का यह कदम सपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए रौशनी की तरह  है, आप भी जानें

sudhanshu
Published on: 31 Aug 2018 3:04 PM GMT
मुलायम सिंह का यह कदम सपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए रौशनी की तरह  है, आप भी जानें
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लखनऊ: समाजवादी कुनबे में मचे घमासान के दो साल बाद शिवपाल सिंह यादव ने नई डगर पर चलने का एलान कर दिया है। उनके इस एलानिया बयान से अखिलेश खेमे की पेशानी पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। हालिया जन्मे इस सियासी माहौल पर सपा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और मुलायम सिंह यादव व खुद शिवपाल सिंह यादव से जुड़े रहे पार्टी के दिग्गज ओहदेदारों की नज़र है। एक बार फिर समाजवादी परिवार से जुड़े क़रीबी ऊहापोह में हैं, सपा के पदाधिकारी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहे हैं। इन सब के बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पार्टी कार्यालय पहुँचना सियासी संकेत समझा जा रहा है। मुलायम सिंह यादव के बढ़ते क़दम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की चुप्पी और ऊहापोह को सियासी राह दिखाने सरीखा है आने वाले समय में यह बात और साफ़ हो सकती है।

दूसरे दिन भी पार्टी दफ्तर पहुंचे मुलायम सिंह

समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी के संरक्षक व पूर्व रक्षा मन्त्री मुलायम सिंह यादव आज शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पार्टी दफ़्तर पहुंचे। बुधवार को शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे का संगठन मज़बूत करने का एलान किया था। इस के अगले दिन यानि वृहस्पतिवार को मुलायम सिंह यादव पूर्व राज्य सभा साँसद दर्शन सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने पार्टी आफिस पहुँचे थे, और आज पूर्व विधायक झाऊ लाल के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव ने पार्टी आफिस पहुँचे झाऊ लाल को याद किया और श्रद्धांजलि दी।

समाजवादी परिवार में मचे घमासान के बाद यह पहला मौक़ा है। जब मुलायम सिंह यादव लगातार दूसरे दिन पार्टी कार्यालय में पहुंचे है। माना जा रहा है, कि शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे को मज़बूत करने के एलान के बाद मुलायम सिंह यादव अचानक सक्रिय हो गए हैं। दरअसल राजनीति की नब्ज़ को पकड़ने वाले मुलायम सिंह यादव पार्टी के ताज़ा घटनाक्रम के बाद अखिलेश यादव के पीछे उन के सुरक्षा कवच की तरह खुल कर खड़े हो गए हैं।

एक तरफ जहाँ पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को अखिलेश यादव के साथ खड़े होने का संकेत मुलायम सिंह यादव ने दिया है। वही पार्टी के फण्ड मैनेजर संजय सेठ और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आज़म खान को शिवपाल सिंह यादव को मनाने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है। सूत्रों की माने तो मोहम्मद आज़म खान और शिवपाल सिंह यादव के बीच फ़ोन पर लम्बी बातचीत हुई है। लेकिन फिलहाल पार्टी के इस सियासी संकट का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है।

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