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तो योगी जी! यूपी में ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार- अब की बार 'खूँटी पर क़ानून'

Rishi
Published on: 9 Jun 2017 10:26 AM GMT
तो योगी जी! यूपी में ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार- अब की बार खूँटी पर क़ानून
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शारिब जाफरी

लखनऊ : "ना गुण्डाराज ना भ्रष्टाचार-अब की बार भाजपा सरकार" यूपी में इसी नारे के साथ भारतीय जनता पार्टी सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई। लेकिन 78 दिनों के योगी राज में जो तस्वीर उभरी है, वो डरा रही है, ह्त्या, लूट, डकैती और बलात्कार की बाढ़ सी आ गई है। बेख़ौफ़ अपराधियों के सामने सरकार के सारे जतन बेकार साबित हो रहे हैं।

ज़ोन मुख्यालय में आईजी की जगह एडीजी, ज़ोन मुख्यालय के रेंज में डीआईजी की जगह आईजी और रेन्ज मुख्यालय पर डीआईजी को तैनात किया गया है। लेकिन इस सारी क़वायद पर रामपुर में युवती से दुःसाहसिक छेड़छाड़, यमुना एक्सप्रेसवे ज़ेवर नोयडा में लूट और बलात्कार, बिजनौर ट्रैन में रेप, लखनऊ किंग जार्ज मेडिकल कालेज में गैंग रेप, मथुरा में सर्राफा व्यवसाइयों की ह्त्या कर डकैती, सीतापुर में हुवे ट्रिपल मर्डर, इलाहाबाद पुलिस हेड क्वार्टर के सामने मर्डर, लखनऊ में ट्रैफिक पुलिस के जवान की पिटाई और सहारनपुर में रुक रुक कर जारी जातीय हिंसा सवाल खड़ा कर रही हैं।

रिटायर्ड अफसर कहते हैं की पुलिस अफसरों को गोल्फ क्लब और एमबी क्लब छोड़ कर फील्ड में उतरना होगा तभी क़ानून व्यवस्था सुधरेगी।

अफसर सब के सब बदल डाला हालात नहीं बदले

यूपी विधान सभा चुनाव क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर लड़ा गया. भाजपा ने "ना गुण्डा राज ना भ्र्ष्टाचार - अब की बार भाजपा सरकार" का नारा देकर विजय पताका के साथ सत्ता पर क़ाबिज़ हुई है. लेकिन 78 दिन में ही क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार निशाने पर है।

यूपी पुलिस के मुखिया से लेकर ज़िलों में तैनात पुलिस कप्तान बदले जा चुके है यानी पूरा सिस्टम बदला जा चुका है लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यही नहीं यूपी में पहली बार ज़ोन मुख्यालय लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबद, मेरठ, आगरा, बरेली में एडीजी ज़ोन तैनात कर दिए गए हैं। लेकिन गोरखपुर जोन अभी इस बदलाव की ज़द से बाहर है। यहाँ पर मोहित गुप्ता अभी भी आईजी ज़ोन की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। ज़ोन मुख्यालय के रेन्ज में आईजी रेंज को तैनाती देकर सरकार ने नया प्रयोग किया है. जिस का फिलहाल कोई असर नज़र नहीं आ रहा है। योगी राज में 225 से ज़्यादा आईपीएस अफसरों समेत 650 पुलिस अफसर बदल दिए गए हैं। इन में एडिशनल एसपी और डिप्टी एसपी भी शामिल है। इन तबादलों में अगर थानेदारों के तबादले भी जोड़ दिए जाएँ तो तबादलों की सख्या 1000 के पार पहुँच जायेगी।

जातीय हिंसा की घटनाएं बढ़ी

योगी राज में सहारनपुर इन दिनों जातीय हिंसा के चलते सुर्ख़ियों में हैं। 19 अप्रैल से शुरू हुई जातीय हिंसा की आग में घी डालने का बीड़ा राजनितिक दलों ने उठा रखा है। जातीय हिंसा की आग में तपते सहारनपुर में बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद राहुल गांधी का पहुंचना इस बात की तस्दीक़ भी करता है। शब्बीरपुर में हुई हिंसा के चलते डीएम और एसएसपी को लापरवाही के आरोप में निलम्बित किया गया था। लेकिन सहारनपुर के हालात अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जातीय हिंसा के चलते जहाँ 100 से ज़्यादा घरों को आग के हवाले किया गया है, तो वही 4 लोगों की जान जा चुकी है।

सहारनपुर में असामाजिक तत्व अभी भी स्थिति खराब करने की कोशिश में हैं कभी अम्बेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में लगी अम्बेडकर की प्रतिमा पर अपशब्द लिखा पर्चा चिपका दिया जा रहा है तो कभी काली देवी की मूर्ती को खण्डित कर माहौल खराब करने का प्रयास हो रहा है. इसी तरह देव स्थल पर मांस का टुकड़ा डाले जाने से भी माहौल बिगड़ने से बच गया।

रेप और छेड़खानी की घटनाओं की बाढ़

यूपी में रेप और छेड़खानी की घटनाओं की बाढ़ आ गई है। यमुना एक्सप्रेसवे ज़ेवर नोयडा में कार सवार 4 महिलाओं के साथ रेप का विरोध करने पर मुखिया की गोली मार कर हुई ह्त्या ने बेख़ौफ़ अपराधियों के हौसले की तस्दीक़ कर दी है. इस बीच रामपुर का बेहद डरावना वीडियो युवतियों को ख़ौफ़ज़दा करने के लिये काफी है सोशल मीडिया पर वायरल हुवे इस वीडियों में एक दर्जन नवयुवक 2 लड़कियों के साथ खुलेआम बेख़ौफ़ अंदाज़ में छेड़छाड़ कर रहे हैं. इस दुःसाहसिक छेड़खानी के 9 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली में निर्भया काण्ड की ही तरह राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में भी हुवा हैं।

यहाँ जैदपुर इलाक़े में 12 वर्षीय लड़की से रेप के बाद दरिन्दिगी की सारी हदें पार कर दी गई। अपराधी तो अपराधी खाकी के भेष में छुपे वर्दीधारी भी सरकार की कोशिशों को पलीता लगा रहे हैं। लखनऊ चन्डीगढ़ एक्सप्रेस के विकलांग कोच में सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवान ने महिला के साथ रेप किया है इस मामले में बिजनौर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने जम कर हंगामा काटा जिस के बाद आरोपी पुलिस कांस्टेबिल कमल शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है।

क़ानून से बेख़ौफ़ अपराधियों दरिन्दिगी की किंग जार्ज मेडिकल कालेज के शताब्दी अस्पताल में भी सामने आई है। लोनार हरदोई से अपने पति का इलाज करने आई महिला के साथ गैंग रेप की घटना घटी है। पति का न्यूरो का इलाज कराने आई महिला के साथ लिफ्टमैन, गार्ड और उस के साथियों ने होटल दिखाने के बहाने महिला को अपनी हवस का शिकार बनाया है इस मामले में पुलिस आरोपी शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया है जबकि 2 आरोपी अभी भी फरार हैं।

ताबड़तोड़ घटनाओं से राजधानी में दहशत

किसी भी देश या प्रदेश की राजधानी क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर आईने के तौर पर देखा जाता है। यूपी की राजधानी लखनऊ में अपराधियों के हौसले किस क़दर बुलन्द हैं इस का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है, की गोमतीनगर जैसे इलाक़े में बेख़ौफ़ अपराधी डकैती की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

इण्डोगल्फ फैक्ट्री में एडवाइज़र एसएमए रिज़वी के यहाँ बदमाशों ने डाका डाला तो पीजीआई की तेलीबाग में चालान काटे जाने नाराज़ युवक ने तेलीबाग चौकी पर बम मार दिया है। डकैती की एक और वारदात पीजीआई इलाक़े में रहने वाले कैप्टन आर एस राठौर के घर हुई जहां से डकैत नकदी, जेवरात और बदूक लूट ले गए है।

ज़ेवर के विधायक बोले 50-60 घटनाएं हुई है

ज़ेवर नोयडा में हुई ह्त्या और रेप की घटना के बाद ज़ेवर से भाजपा विधायक धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से पीड़ितों के परिजनों के साथ मुलाक़ात की है। धीरेन्द्र सिंह की माने तो वर्ष 2015 - 2016 में 50 से 60 इस तरह की घटनाएं हुई हैं। उधर परिजनो ने सीएम से मुलाक़ात के बाद उम्मीद जताई थी कि उन्हें इन्साफ मिलेगा। लेकिन हालात जस के तस हैं यही वजह है की ज़ेवर में हैवानियत का शिकार 4 महिलाओं में से 3।

अचानक बढ़ा क्राइम ग्राफ अफसर परेशान

यूपी में अचानक बड़े क्राइम ग्राफ से यूपी पुलिस के आला अफसर भी परेशान हैं। अपराधियों पर लगाम कसने के मक़सद से तेज़ तर्रार पुलिस इंस्पेकटरों को तलाश कर फील्ड में भेजे जाने की तैयारी है। पुलिस अफसरों का मानना है की क्राइम फ्रंट पर बेहतर काम करने वाले जवानो को उन के पसंद के ज़िलों में पोस्टिंग देकर बेहतर काम लिया जा सकता है।

हाल में हुई आपराधिक घटनाओं से हैरान परेशान पुलिस अफसरों ने अब नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। आउट आफ टर्न प्रमोशन का रास्ता साफ़ करने पर भी विचार चल रहा है तो सीनिएर पुलिस अफसरों ने सीधे ज़िलों में तैनात एसपी क्राइम और एसओजी प्रभारियों के सीधे सम्पर्कः साधने की कार्ययोजना तैयार की है। रेंज स्तर पर इन अफसरों की मीटिंग सूबे के मुखिया खुद लेने की तैयारी में हैं जिस में न सिर्फ क्राइम फ्रंट पर काम करने वाले जवानो को हौसला बढ़ेगा बल्कि काम करने में रूचि भी बढ़ेगी।

ह्त्या, लूट, डकैती और बलात्कार बढ़ा

यूपी में अचानक क्राइम का ग्राफ बढ़ गया है। पीछे 78 दिनों में ह्त्या की वारदातों का आकड़ा जहाँ 293 पर पहुँच गया है तो वहीँ लूट की 208 वारदात हुई हैं। डकैती के लिहाज़ से लखनंऊ, मथुरा, बरेली, वाराणसी, मेरठ और सहारनपुर जैसे बड़े ज़िले अपराधियों की पनाहगाह बन गए हैं. 152 डकैती की वारदातें इस की गवाही दे रही हैं।

रिटायर्ड अफसर बोले करनी होगी सख्ती

यूपी पुलिस के मुखिया रहे अरविंद कुमार जैन कहते हैं कीं अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस को अभियान चला कर कार्रवाई करनी होगी तभी अपराध पर लगाम लगाईं जा सकती है. सिर्फ चालान कर कागज़ी खानापूर्ती करने से अपराध नहीं थमने वाला है। एके जैन के कहते हैं की पुलिस अफसरों को गोल्फ क्लब और एमबी क्लब का मोह छोड़ना होगा तभी क़ानून व्यवस्था सुधर सकती है।

क्या करना होगा पुलिस अफसरों को

अभियान चला अपराध और अपराधियों पर नकेल कसी जा सकती है।

हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के यहाँ रात में दबिश देनी होगी।

हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की चेकिंग दिन और रात में होनी चाहिए।

वाहन चोरों के यहां अभियान चला कर दबिश देनी होगी।

जेल से रिहा अपराधियों की सूची तैयार करनी होगी।

जेल से छूटने वाले अपराधियों पर निगाह रखनी होगी।

डिनर के बाद अफसरों को खुद फील्ड में उतरना होगा।

सहारनपुर, मुरादाबाद जैसी घटनाओ में पहले कार्रवाई होनी चाहिए।

इनामी अपराधियों की तलाश में अलग टीम होनी चाहिए।

वारण्ट शुदा अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद अभियान चलाना होगा।

बिना रजिस्ट्रेशन नम्बर के गाड़ी थाने में खड़ी होनी चाहिए।

वक़्त बेवक्त 2 घण्टे का अभियान चला कर गाड़ियों की चेकिंग होनी चाहिए।

चेकिंग के समय 100 - 100 मीटर की दूरी तक पुलिस होनी चाहिए।

तीन सवारी गाड़ियों की चेकिंग सब से ज़रूरी।

हर घटना के बाद लोकल पुलिस की लापरवाही की जांच होनी चाहिए।

पुलिस के अभियान की समीक्षा डीजीपी मुख्यालय से होनी चाहिए।

अफसरों को सीयूजी फोन आन रखना होगा

अफसरों को पब्लिक से खुलेआम मिलना होगा।

थानेदारों में भी अफसरों का भय पैदा करना होगा।

अरविन्द कुमार जैन

रिटायर्ड डीजीपी, उत्तर प्रदेश

अपराधियों के खिलाफ हो रहा एक्शन

पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है. रामपुर की घटना हो या फिर सहारनपुर की जातीय हिंसा पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। अपराधी चाहे जितनी भी पहुँच वाला क्यों न हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

भगवान् स्वरुप

गृह सचिव

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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