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Drugs Cricket Connection: ड्रग्स लेने के आरोप में बैन झेल चुके हैं ये 5 क्रिकेटर, मुश्किल में था करियर

Drugs Cricket Connection: क्रिकेट और ड्रग्स का अलग और गहरा कनेक्शन रहा है। कई बार खिलाड़ी ड्रग्स मामले में फंसे हैं। जब कुछ खिलाड़ियों ने इस खेल को शर्मसार कर दिया।

Anupma Raj
Published on: 22 March 2025 7:08 AM IST
Drugs Cricket Connection: ड्रग्स लेने के आरोप में बैन झेल चुके हैं ये 5 क्रिकेटर, मुश्किल में था करियर
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Drugs And Cricketers Connections (Credit: Social Media)

Drugs Cricket Connection: भारत में क्रिकेट का अलग ही क्रेज हैं। भारत में क्रिकेटर्स को भगवान का भी दर्जा उनके फैंस ने दिया है। फिर चाहें सचिन तेंदुलकर हो या धोनी, खिलाड़ियों की फैन फॉलोइंग गजब की है। खिलाड़ियों भी अपने खेल और फैंस की भावनाओं का कद्र करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि उनका एक स्टेप्स और उनकी पूरी क्रिकेट लाइफ बर्बाद।

दरअसल क्रिकेट और ड्रग्स का अलग और गहरा कनेक्शन रहा है। कई बार खिलाड़ी ड्रग्स मामले में फंसे हैं। जब कुछ खिलाड़ियों ने इस खेल को शर्मसार कर दिया। कई खिलाड़ियों पर प्रतिबंधित ड्रग्स लेने के कारण भी बैन लगाया जा चुका है।

इसे डोपिंग में पॉजिटिव पाया जाना कहा जाता है। डोपिंग का मतलब है ताकत बढ़ाने वाला वह पदार्थ जिसे खाने से किसी भी खिलाड़ी का स्टैमिना एकदम से काफी ज्यादा बढ़ जाता है।

इस शॉर्टकट के जरिए खिलाड़ी खेल के मैदान में अपने विरोधी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ सकता है। हर साल खिलाड़ी जब भी किसी बड़े इवेंट में हिस्सा लेते हैं, सबसे पहले खिलाड़ियों का डोप टेस्ट होता है। तो ऐसे में आइए जानते हैं उन क्रिकेट खिलाड़ियों के बारे में जिन पर ड्रग्स लेने के कारण बैन लगा दिया गया था।


ड्रग्स मामले में फंसे थे ये 5 महान क्रिकेटर्स (5 Cricketers And Their Drugs Connections):

शेन वॉर्न

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के दिग्गज शेन वॉर्न काफी विवादों में रहें। जिनमें से एक था ड्रग्स से जुड़ा मामला। जब शेन वॉर्न का नाम डोपिंग में सामने आया था तो क्रिकेट जगत में मानों तूफान सा मच गया था। शेन वॉर्न को भले ही उनकी विकेट लेने की क्षमता के लिए बहुत ज्यादा जाना जाता हो, लेकिन शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बैड बॉय भी रहे हैं।


साल 2003 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के पहले मैच की पूर्व संध्या पर शेन वॉर्न का डोप टेस्ट हुआ था, जिसमें शेन वॉर्न पॉजिटिव पाए गए थे। शेन वॉर्न पर 12 महीनों के लिए बैन लगा था। इसके बाद शेन वॉर्न ने साल 2004 में क्रिकेट की दुनिया में वापसी की थी।


एक सवाल के जवाब में शेन वॉर्न से जब ड्रग्स के बारे में पूछा गया था तो शेन वॉर्न ने कहा कि, मुझे नहीं मालूम था कि मैं कौन-सी दवाई खा रहा हूं। दवा का रैपर भी फटा हुआ था तो मैं दवाई के बारे में भी कुछ नहीं देख पाया था।


दरअसल, शेन वॉर्न ने दावा किया था कि उन्होंने जो दवाई ली थी, वो उनकी मां ने वजन घटाने के लिए दी थी। शेन वॉर्न ने कहा था कि, वो सिर्फ वजन घटाने के लिए ये दवा ले रहे थें जो उनकी मां ने दी थी।

लेकिन कमेटी ने शेन वॉर्न के इस दलील को नहीं माना। नियम के मुताबिक, शेन वॉर्न पर एक साल का बैन लगाया गया था। हालांकि, कमेटी के कुछ सदस्यों ने ये भी कहा था कि, अगर शेन वॉर्न को बैन आइटम की लिस्ट के बारे में नहीं पता था और उन्होंने गलती से ये दवा लिया है और वो भी ऐसी दवाई जिसका खेल पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है तब ये एक साल का बैन भी शेन वॉर्न पर अधिक ही है।


वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के पहले मैच से पूर्व ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने शेन वॉर्न को ड्रेसिंग रूम में वापस बुला गया था। बोर्ड के वापस बुलाने के बाद शेन वॉर्न ने ड्रेसिंग रूम में अपनी टीम को संबोधित करते हुए इमोशनल हो गए थे। शेन वॉर्न के आंख में आंसू थे, हाथ जुड़े हुए थे और वो बस अपने साथियों को ये यकीन दिला रहे थे कि वो बेगुनाह हैं।

शेन वॉर्न ने कहा था कि, ‘बोर्ड ने भले ही मुझे घर भेजने का फैसला किया है, लेकिन मैं आपसे बस इतना ही कहना चाहता हूं मैंने कोई ड्रग्स नहीं लिए हैं, मैं कभी इन्हें छुआ तक भी नहीं है। वर्ल्ड कप मैच से ठीक एक दिन पहले टीम का ये माहौल रहा है, इसके लिए मैं वाकई माफी मांगता हूं। बता दें कि, इस ड्रग्स मामले के कारण शेन वॉर्न के करियर पर काफी प्रभाव पड़ा था।


शोएब अख्तर

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के दिग्गज शोएब अख्तर अपने तूफानी गेंदबाजी के कारण जाने जाते हैं। रावलपिंडी एक्सप्रेस नाम से मशहूर शोएब अख्तर दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। लेकिन शोएब अख्तर अक्टूबर 2006 में मुश्किल में आ गए थे जब वह खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के ओपनिंग मैच से एक दिन पहले डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे।

इसके बाद पीसीबी ने तीन सदस्ययी कमिटी बनाई थी और उन पर 2 साल का बैन लगा था। पैनल के सदस्य शाहिद हामिद ने कहा था कि, शोएब अख्तर के मुताबिक उन्होंने बीफ, चिकन मीट समेत काफी हाई प्रोटीन डाइट ली है।


शाहिद हामिद ने ये भी बताया था कि, शोएब अख्तर ने किसी हकीम से दवाइयां भी ली थीं, लेकिन वह इसे साबित नहीं कर पाए थें। नेंड्रोलोन नाम के ड्रग का सेवन करने के लिए शोएब अख्तर को साल 2006 चैंपियंस ट्रॉफी के स्क्वाड से बाहर कर दिया गया था। उस समय शोएब अख्तर को 2 साल के लिए बैन कर दिया गया था।


स्टीफन फ्लेमिंग:
न्यूजीलैंड के सबसे सफल कप्तान में से एक स्टीफन फ्लेमिंग भी ड्रग्स मामले में मुश्किल में रहे थें। स्टीफन फ्लेमिंग का नाम इस सूची में होना सबके लिए हैरानी की बात है। हालांकि स्टीफन फ्लेमिंग को प्रदर्शन को बढ़ाने वाली दवाइयां लेने का दोषी नहीं पाया गया था।

लेकिन न्यूजीलैंड के कुछ खिलाड़ियों के साथ उन पर स्मोकिंग करने का आरोप लगाया गया था। ये घटना साल 1993-94 की है। डियोन नैश, मैथ्यू हार्ट और फ्लेमिंग पर 175 डॉलर का जुर्माना भी लगा था।


लेकिन स्टीफन फ्लेमिंग ने खुद माना था कि, उन्होंने 10 हजार रुपए लीगल फीस के तौर पर चुकाने पड़े थे और स्पॉन्सरशिप भी छिन ली गई थी। इन तीनों ही खिलाड़ियों को 3 मैचों के लिए बैन भी कर दिया गया था।


उपुल थरंगा

उपुल थरंगा भी ड्रग्स मामले में फंसे थे। साल 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान उपुल थरंपा प्रतिबंधित दवाएं लेते हुए पाए गए थें। जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई थी। बल्लेबाज उपुल थरंगा ने माना था कि, उन्होंने कंधे की चोट के दर्द से निजात पाने के लिए कुछ हर्बल दवाइयों का सेवन किया था।

एंटी डोपिंग ट्रिब्यूनल ने माना था कि, उपुल थरंगा ने अपना प्रदर्शन बढ़ाने के लिए दवाएं नहीं ली थीं। लेकिन फिर भी उन पर तीन महीने का बैन लगाया गया था। जिसके कारण उपुल थरंगा के करियर पर भी असर पड़ा है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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