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फीफा वर्ल्ड कप के आयोजन के बीच कतर में कैमल फ्लू की दहशत, बहुत घातक है ये वायरस

FIFA World Cup Qatar 2022: कतर में फीफा वर्ल्ड कप मैच चल रहे हैं। दुनिया भर से फुटबॉल फैन्स वहां जमा हैं। इसी बीच कतर में कैमल फ्लू फैलने का खतरा बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों के अनुसार, कतर में फुटबॉल प्रशंसकों को मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) संक्रमण होने का खतरा है, जिसे कैमल फ्लू भी कहा जाता है।

Neel Mani Lal
Published on: 28 Nov 2022 2:58 PM IST (Updated on: 28 Nov 2022 3:13 PM IST)
FIFA World Cup 2022
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FIFA World Cup 2022

FIFA World Cup Qatar 2022: कतर में फीफा वर्ल्ड कप मैच चल रहे हैं। दुनिया भर से फुटबॉल फैन्स वहां जमा हैं। इसी बीच कतर में कैमल फ्लू फैलने का खतरा बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों के अनुसार, कतर में फुटबॉल प्रशंसकों को मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) संक्रमण होने का खतरा है, जिसे कैमल फ्लू भी कहा जाता है। फीफा से दुनिया भर से लगभग 12 लाख लोगों के आने की उम्मीद है और यह विशाल जमघट वायरस के प्रसार को गति प्रदान कर सकता है।

जर्नल 'न्यू माइक्रोब्स एंड न्यू इंफेक्शन' में प्रकाशित एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने चार सप्ताह तक चलने वाले खेल आयोजन के दौरान कैमल फ्लू को संक्रमण के जोखिम के रूप में सूचीबद्ध किया है। ऊंटों को मर्स की उत्पत्ति के लिए जाना जाता है, जो एक कोरोना वायरस के कारण होता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि सामूहिक समारोहों से संभावित संक्रामक रोग के तेजी से फैलने का खतरा पैदा होता है। कोरोना वायरस के घातक चचेरे भाई माने जाने वाले कैमल फ्लू ने पिछले एक दशक में कतर में दर्जनों लोगों को प्रभावित किया है।

वायरस संक्रमित होने वाले सभी लोगों में से एक तिहाई के लिए जानलेवा साबित हुआ है। इस बीमारी का सबसे पहला आउटब्रेक साल 2012 में सऊदी अरब में हुआ था। मर्स एक जूनॉटिक बीमारी है। इसका मतलब कि यह जानवरों से इंसानों में फैल सकती है। कई स्टडी के मुताबिक, संक्रमित जानवर या मरीज के सीधे या इनडायरेक्ट संपर्क में आने से कैमल फ्लू होने का जोखिम होता है।

हाल ही में डब्लूएचओ ने इसे भविष्य में होने वाली संभावित महामारियों की लिस्ट में शामिल किया है।कैमल फ्लू के अलावा, फुटबॉल प्रशंसकों को संभावित स्वास्थ्य जोखिम वाली बीमारियों जैसे कि क्यूटेनियस लीशमैनियासिस, मलेरिया, डेंगू, रेबीज, खसरा, हेपेटाइटिस ए और बी और ट्रैवेलर्स डायरिया का भी सामना करना पड़ रहा है। मर्स और कोरोना, दोनों ही बीमारियों की वजह कोरोना वायरस है। इनके लक्षण भी तकरीबन एक जैसे ही हैं। दोनों ही बीमारियों से 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों, कमजोर इम्यूनिटी वालों और पहले से ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है।

हालांकि, इनमें कुछ असमानताएं भी हैं। जहां 2012 से अब तक कैमल फ्लू के 2 हजार 600 मामले ही सामने आए हैं। फिर भी कोरोना के मुकाबले मर्स ज्यादा घातक है। ये अब तक 27 देशों में फैला है। कतर जा रहे यात्रियों को ऊंटों को न छूने की सलाह दी गई है। इसके अलावा वैक्सीनेशन कराने, खाने-पीने की चीजों का सुरक्षित इस्तेमाल करने और जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करने को भी कहा गया है।



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Suryakant Soni

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