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Tamil Nadu Politics: शशिकला का दांव क्या अब पड़ेगा भारी, जयललिता की विरासत पर दावा करने वालों को

Tamilnadu Politics: शशिकला का जन्म 1956 में संयुक्त तंजौर ज़िले की तिरुतुरईपुंडी में हुआ था।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 14 Jun 2021 10:45 PM IST (Updated on: 26 Aug 2022 12:58 PM IST)
Sasikala
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शशिकला (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Tamilnadu Politics: तमिलनाडु की राजनीति में अम्मा जयललिता के बाद सबसे अधिक ताकतवर और चर्चित शख्सियत रहीं छोटी अम्मा और सोने की देवी शशिकला चार साल बाद जेल से बाहर आने पर एक बार फिर सक्रिय हो गई हैं। हालांकि इन के चुनाव से पहले ही सक्रिय होने की उम्मीद थी लेकिन कुछ वजहों से वह उस समय बैकफुट पर चली गई थीं। और विधानसभा चुनाव के नतीजे देखने के बाद अब सक्रियता बढ़ानी शुरू की तो जयललिता की अन्नाद्रमुक पार्टी में काबिज और उनकी विरासत पर दावा करने वालों को बुरा लगना स्वाभाविक था और ये हुआ भी एआईएडीएमके से बाहर की जा चुकी वी के शशिकला से किसी भी तरह का संवाद करने वाले नेताओं को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति न सिर्फ चेताया गया बल्कि पार्टी प्रवक्ता वी पुगाझेंधी समेत 17 सदस्यों को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया है। देखने की बात ये होगी कि एक समय जयललिता के बाद सबसे ताकतवर महिला के रूप में पहचान बनाने वाली शशिकला अब कौन सा दांव चलेंगी।

फिलहाल तो यही कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने पूर्व अंतरिम महासचिव वी के शशिकला से बात की थी उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया है। चेन्नई में एआईएडीएमके मुख्यालय में पार्टी के विधायकों की बैठक की गई जिसमें सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कड़ी कार्रवाई के प्रति चेताया गया और पार्टी के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम को विधानसभा में विपक्ष का उप नेता चुना गया। एआईएडीएमके के सह-समन्वयक और पूर्व मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को 10 जून को विपक्ष का नेता चुना गया था।
कहा जा रहा है कि शशिकला ने कथित तौर पर कहा था कि वह निकट भविष्य में पार्टी में वापसी करेंगी। अब पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ शशिकला की टेलीफोन पर हुई बातचीत को ''नौटंकी'' बताते हुए कहा गया है कि ''एक परिवार की महत्वाकांक्षा'' के लिए पार्टी बर्बाद नहीं हो सकती है।
एक समय शशिकला जयललिता की काफी करीबी थीं। यहां तक कि वह उनके साथ रहने लगी थीं। लेकिन एक समय जयललिता से इनका मनमुटाव होने के बाद दोनो के बीच काफी दूरियां आ गई थीं लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद वह एक बार फिर जयललिता की विरासत पर काबिज होने के लिए जयललिता के परस्पर विरोधी धड़ों को एकजुट करने में जुट गई हैं।

जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित करतीं शशिकला (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

तमिलनाडु की राजनीति में शशिकला की वापसी

चुनाव से पहले भी यह एक बड़ा सवाल था कि एक समय पलानी स्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन कराने वाली शशिकला की यह सक्रियता क्या पलानीस्वामी को रास आएगी या उनकी और उपमुख्यमंत्री पनीरसेल्वम की मुश्किलें बढ़ेंगी, लेकिन चुनाव के बाद यह स्पष्ट हो गया दोनो नेता शशिकला का कोई हस्तक्षेप अब बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

जानें कौन हैं तमिलनाडु की छोटी अम्मा शशिकला

शशिकला का जन्म 1956 में संयुक्त तंजौर ज़िले की तिरुतुरईपुंडी में हुआ था। इनके पिता का नाम विवेकानंदन और मां का नाम कृष्णावेणी था। पांच साल की उम्र तक शशिकला वहीं रहीं. बाद में उनका परिवार मन्नरकुडी शिफ़्ट हो गया उन्होंने सिर्फ़ दसवीं तक पढ़ाई की।

शशिकला का परिवार, राजनीति में शशिकला की एंट्री

इनका विवाह तमिलनाडु सरकार में पीआरओ रहे एम.नटराजन से हुआ था। यह शादी मन्नई नारायणस्वामी की मौजूदगी में हुई, जो तंजौर ज़िले के बेहद प्रभावशाली नेता थे। इस शादी में दोनों को आशीर्वाद देने तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि भी आए थे।
जानकार बताते हैं कि 1984 में शशिकला विनोद वीडियो विजन नाम से एक वीडियो पार्लर चलाया करती थीं। यह दुकान चेन्नई के अलवरपेट में थी। उनके पति नटराजन सरकार में जनसंपर्क अधिकारी थे और उस वक्त कड्डलुर ज़िले में उनकी तैनाती थी। उस समय आईएएस अफसर चंद्रलेखा कड्डलुर ज़िले की कलक्टर हुआ करती थीं।

जयललिता और शशिकला (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
शशिकला और जयललिता की मुकालात
चंद्रलेखा के कहने पर ही विनोद वीडियो को एक मीटिंग को फिल्माने का मौका मिला, जिसमें जयललिता को बोलना था। इसी कार्यक्रम के दौरान वीके शशिकला जयललिता से पहली बार मिलीं। लेकिन इसके बाद शशिकला व जयललिता की मुलाकातों का सिलसिला चल पड़ा। बाद में वह अपने पति के साथ जयललिता के घर में शिफ्ट हो गईं। शशिकला तीन दशक तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की अभिन्न सहेली रही। 19 मार्च 2018 को शशिकला के पति मरुथप्पा नटराजन का निधन हो गया।

4 साल की कैद के बाद जेल से शशिकला की रिहाई

शशिकला को चार साल की कैद के बाद जनवरी में परप्पाना अग्रहारा केंद्रीय जेल से रिहा किया गया है। उन्हें 14 फरवरी, 2017 को बेनामी संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया था और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना देने के बाद रिहा कर दिया गया। अगर वह 10 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं भरतीं तो उन्हें 13 महीने और जेल में काटने पड़ते।
बेनामी संपत्ति के इस मामले में पहली आरोप जयललिता थीं। उन दिनों शशिकला को सोने की देवी कहा जाता था। चर्चा यहां तक रही कि जब इनके घर में छापा पड़ा तो सुरंग खोदकर सोना निकाला गया था।

जब जयललिता बनी शशिकला की कवच

जानकारों का यह भी मानना है कि एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद शशिकला और उनके रिश्तेदारों ने जयललिता के लिए कवच का काम किया था और उनके पति ने किंग मेकर की भूमिका निभायी थी।

शशिकला (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
जयललिता शशिकला के रिश्तों में ऐसे आई कड़वाहट
लेकिन 2011 में जयललिलता और शशिकला के रिश्तों में कड़वाहट आ गई। इसके बाद जयललिता ने शशिकला को अपनी पार्टी से निकाल दिया। उन्होंलने शशिकला से पूरी तरह दूरी बना ली। समय ने कुछ समय बाद फिर करवट ली और दोनों के रिश्तेय तब सामान्यो हो गए, जब शशिकला ने उनसे माफी मांग ली। माफी मांगने पर जयललिता ने शशिकला को माफ कर दिया।

शशिकला का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ

पांच दिसंबर 2016 को बीमारी के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हो गया। जयललिता के निधन के बाद शशिकला ने तेजी से राजनीतिक समीकरणों को अपने पक्ष में किया, सबसे पहले उन्होंने उस व्यक्ति से इस्तीफा लिया, जिसे जयललिता ने जीते जी अपनी जगह बिठाया था।

तमिलनाडु की तीसरी महिला सीएम बनने वाली थीं शशिकला

6 फरवरी को अन्नाद्रमुक के विधायकों ने पार्टी महासचिव वीके शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया था। इससे 62 वर्षीय शशिकला के तमिलनाडु की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था। यह कहा जा रहा था कि तमिलनाडु की पहली महिला सीएम जानकी रामचंद्रन, दूसरी जयललिता के बाद तीसरी महिला सीएम शशिकला बनेंगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदला सीएम

शशिकला के नाम का प्रस्ताव मौजूदा मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा देकर प्रस्तावित किया था जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने से उनका यह सपना अधूरा रह गया। शशिकला के ही आशीर्वाद से ई पलानीस्वामी (ईपीएस) मुख्यमंत्री बने और ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) डिप्टी सीएम बने थे।
लेकिन इन दोनों ने ही बाद में शशिकला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया और आज शशिकला की सक्रियता पर इन दोनो को ही अपने समीकरण बिगड़ते दिखे जिसे लेकर शशिकला से बात करने वालों को बाहर का रास्ता दिखा कर संदेश दिया है। अब ये देखने की बात होगी की विधानसभा चुनाव के बाद बदले हालात में जयललिता के अनुयायियों की टीम कितनी एकजुट रह पाती है और इस खेल में किसे क्या हासिल होता है।






Dharmendra Singh

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