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ADJ जया पाठक के पति ने कहा- पत्‍नी निर्दोष, पुलिस नहीं ले रही Action

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर उन्‍नाव एडीजे जया पाठक का देहरादून पुलिस से झड़प करते वीडियो वायरल हुआ। इसमें एडीजे जया पाठक पुलिस के साथ उलझती नजर आ रही थीं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एडीजे को सस्‍पेंड भी कर दिया गया।

priyankajoshi
Published on: 27 Sep 2017 12:15 PM GMT
ADJ जया पाठक के पति ने कहा- पत्‍नी निर्दोष, पुलिस नहीं ले रही Action
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लखनऊ : पिछले दिनों सोशल मीडिया पर उन्‍नाव एडीजे जया पाठक का देहरादून पुलिस से झड़प करते वीडियो वायरल हुआ। इसमें एडीजे जया पाठक पुलिस के साथ उलझती नजर आ रही थीं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एडीजे को सस्‍पेंड भी कर दिया गया।

इस मामले में बुधवार को सस्‍पेंडेड एडीजे जया पाठक के पति देवेश पाठक ने अपने बेटे के साथ राजधानी पहुंचकर प्रेस कांफ्रेस कर अपनी पत्‍नी को निर्दोष बताते हुए, पुलिस पर कार्यवाही न करने का आरोप लगाया।

बेटे का एक्‍सीडेंट को लेकर हुआ था विवाद

सस्‍पेंडेड एडीजे जया पाठक के पति देवेश पाठक ने बताया कि जया पाठक बतौर एडीजे उन्‍नाव में तैनात थीं। हमारे बेटे रोहन पाठक का उसके कॉलेज में पढ़ने वाले दूसरे लड़कों से गाड़ी के एक्‍सीडेंट को लेकर विवाद हो गया था। मैं उस दिन गाजियाबाद जा रहा था कि ट्रेन में ही बेटे का फोन आया कि देहरादून में प्रेमनगर थाने की पुलिस आ गई है। इस मामले में वहां के दरोगा का भी फोन आया था कि लड़ाई हो रही है और हम रोहन को थाने लाए हैं ।थाना होस्टल के रास्ते मे ही था। 6 बच्चों को पुलिस ने बैठाया था मां के आने की खबर सुनकर रोहन जब बाहर आया तो पुलिस वाले उसे मारने लगे। हम लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाया तो एक पुलिसकर्मी ने धक्का दिया और जया पाठक गिर गईं। मोबाइल से वीडियो बनाने में मेरी पत्नी का हाथ उठा होगा वहीं फोटो वीडियो वायरल कर दी गई। बहुत ही बुरी तरह से मेरी पत्नी को गालियां दी गईं। इस मामले के बारे में एसएसपी देहरादून से लेकर वहां के डीजीपी के पीआरओ सभी को बताया गया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। क्रॉस एफआईआर कर दी गई। देवेश ने कहा, "हम लोग दहशत में उन्नाव चले आए ।यहां भी पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई। उन्नाव पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नही की है। जब जया पाठक ने वहां के प्रेमनगर थाने के एसओ नरेश राठौर को अपना परिचय दिया तो वो बहुत चिढ़ गया। वहां हम लोगों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जबकि हमारा सामने वाले पक्ष से कंप्रोमाइज हो गया था। मैनें दहशत में अपने बेटे की पढाई तक छुड़वा रखी है।'

क्या कहा वकील ने?

इस मामले को देख रहे देवेश पाठक के वकील ने बताया कि यह धारा 323 का प्रकरण था जो 7 साल से नीचे का अपराध होता है, इसमें गिरफ्तारी नही होती है। 323 के प्रकरण में देवेश के बेटे रोहन पाठक की गिरफ्तारी की और एडीजे जया पाठक को भी जबरन थाने में बंद रखा। यह सरासर गलत है। उनका कहना है कि देहरादून की पुलिस और उन्नाव की पुलिस दोनों को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की एप्लीकेशन दी है। अगर हमारी एफआईआर नहीं लिखी जाती है तो हम कोर्ट से एफआईआर लिखाएंगे ।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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