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अयोध्या फैसला: मुख्यमंत्री योगी ने स्वयं रखी स्थिति पर कड़ी नजर
अयोध्या मामलें पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले और बाद में सोशल मीडिया, इमरजेंसी 112 नंबर पर आने वाली फोन कॉल और मीडिया से प्राप्त सूचनाओं पर नजर रखने के लिए पहली बार उत्तर प्रदेश पुलिस के 112 मुख्यालय पर ‘इमरजेंसी आपरेशन सेंटर’ बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भी स्थिति पर नजर बनाये हुए थे।
लखनऊ: अयोध्या में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद से खबर लिखे जाने तक यूपी में कही से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने मीडिया से कहा कि प्रदेश के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। हम समूचे प्रदेश पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और हमारी टीमें अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भी स्थिति पर नजर बनाये हुए थे
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अयोध्या मामलें पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले और बाद में सोशल मीडिया, इमरजेंसी 112 नंबर पर आने वाली फोन कॉल और मीडिया से प्राप्त सूचनाओं पर नजर रखने के लिए पहली बार उत्तर प्रदेश पुलिस के 112 मुख्यालय पर ‘इमरजेंसी आपरेशन सेंटर’ बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भी स्थिति पर नजर बनाये हुए थे। उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह तथा अन्य अधिकारियों के साथ इमरजेंसी आपरेशन सेंटर का निरीक्षण किया और हर तैयारी को नजदीकी से देखा।
अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरूण ने बताया कि इमरजेंसी आपरेशन सेंटर में जोन वार डेस्क बनाये गए हैं, जो 112 नंबर पर आने वाली कॉल, सोशल मीडिया, मीडिया से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कड़ी नजर बनाये हुए हैं। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना या जरूरत पड़ने पर पीआरवी, क्यूआरटी, पीएएसी आदि बलों को त्वरित एक्शन का निर्देश दिया जायेगा।
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उन्होंने बताया कि इस सेंटर पर फायर ब्रिगेड, अभिसूचना, सीआरपीएफ, जीआरपी, आरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, पीएसी तथा सीआईएसएफ के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाये हुए है। उन्होंने बताया कि 24 घंटे चलने वाले इस इमरजेंसी सेंटर पर मोबाइल डेटा टर्मिनल, रेडियो, इन्टरनेट, सैटेलाइट फोन, हाई फ्रीकेंवसी रेडियो जैसी संचार सुविधायें मौजूद हैं।
राजधानी लखनऊ की सड़कों पर दिखी खासी चहल-पहल
फैसला आने के बाद भी यूपी की राजधानी लखनऊ में बाजार खुले हुए है और लोगों का आवागमन जारी हैं। फैसले को देखते हुए सभी स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों को एतिहातन बन्द किए जाने के कारण जहां स्कूली बच्चे सड़कों पर नहीं दिखे तो दूसरा शनिवार होने के कारण सरकारी कार्यालय भी बंद है, जिससे सड़कों पर भीड़ नहीं दिख रही है। इसके बावजूद राजधानी लखनऊ की सड़कों पर खासी चहल-पहल देखने को मिली। लोग आराम से अपने काम निपटा रहे है और किसी भी तरह की दहशत या घबराहट नहीं दिखी और सभी न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नजर आए।