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UP में हो सकता है असम का प्रयोग, CM कैंडिडेट प्रोजेक्ट कर सकती है BJP
लखनऊ: असम में सीएम कैंडिडेट के तौर पर सोनोवाल को आगे कर भाजपा ने सत्ता तक का सफर तय किया है। इसे देखते हुए अब यूपी बीजेपी में भी इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि यूपी में भी किसी चेहरे को सीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट कर बीजेपी चुनाव में उतरे और असम जैसा चुनावी रिजल्ट यहां भी दोहराया जा सके। हालांकि, सीएम प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी में कई नामों पर काफी समय से चर्चा होती रही है।
स्मृति का नाम प्रमुख
-बीजेपी में जो नाम सीएम पद के लिए उछाले जा रहे हैं उनमें स्मृति ईरानी का नाम काफी प्रमुख है।
-ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में बीजेपी की मुख्य लड़ाई मुलायम, अखिलेश और मायावती जैसे चेहरों से है।
-पार्टी का मानना है कि बीजेपी कैंडिडेट ऐसा होना चाहिए जो इन चेहरों का जवाब हो।
-लेकिन, स्मृति ईरानी का नाम आगे बढ़ाने से पहले बीजेपी नेतृत्व को उनके नाम पर स्थानीय नेताओं में सहमति बनानी होगी।
-इनकी अनदेखी से बीजेपी को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
कल्याण, राजनाथ और कलराज के नाम भी
-सीएम कैंडिडेट के लिए कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और कलराज मिश्र का नाम भी चर्चा में है।
-हालांकि, कल्याण राजस्थान के राज्यपाल हैं जबकि, राजनाथ और कलराज केंद्रीय मंत्री की भूमिका में हैं।
-ऐसे में, ये दोंनों राष्ट्रीय राजनीति छोड़कर यूपी की सियासत में लौटें, इसको लेकर भी उहापोह बना हुआ है।
ये चेहरे भी चर्चा में
-कट्टर हिंदुत्ववादी छवि के नेता के रूप में योगी आदित्यनाथ का नाम भी चर्चा में हैं।
-वरूण गांधी के साथ गांधी परिवार का बैकग्राउंड जुड़ा है और वह भी हिंदुत्ववादी छवि के नेता हैं।
-इसके अलावा राजधानी के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा का नाम भी सीएम कैंडिडेट के तौर पर चर्चा में है।
प्रयोग से बच रही बीजेपी
-हालात को देखते हुए पार्टी कोई प्रयोग करने से कतरा रही है।
-इसका कारण है पार्टी के अंदरखाने की खींचतान जो कई बार सार्वजनिक हो चुकी है।
-अब अगर पार्टी कोई प्रयोग करती है तो उसे स्थानीय समीकरणों का ध्यान रखना होगा।
-पार्टी नेताओं का कहना है कि इसी वजह से सीएम कैंडिडेट को लेकर पार्टी किसी प्रयोग से बच रही है।