×

बच्चों की सुरक्षा पर CM योगी का बड़ा फैसला, हर मंडल में बनेगा सौ बेड का पीडियाट्रिक ICU

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के आकलनों के दृष्टिगत पहले से तैयारी की जाए।

Network
Newstrack Network NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 11 May 2021 6:00 PM GMT
Yogi Adityanath
X

सीएम योगी आदित्यनाथ(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के राज्य सरकार के प्रयासों को सफलता मिल रही है। प्रदेश में संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर लगातार कम तथा रिकवरी दर निरन्तर बढ़ रही है। उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार की व्यवस्था और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर विशेष जांच अभियान संचालित किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अभियान की सराहना की गई है। सभी का यह दायित्व है कि स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के कार्य प्रभावी ढंग से किये जायंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षणयुक्त अथवा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों को मेडिकल किट का वितरण निगरानी समितियों द्वारा किया जाए। साथ ही, ऐसे व्यक्तियों का नाम, टेलीफोन नम्बर युक्त एक सूची भी तैयार की जाए, जिन्हे मेडिकल किट दी गयी है। यह सूची सम्बन्धित जनपद के इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को उपलब्ध करायी जाए। जिलाधिकारी आईसीसीसी के माध्यम से सम्बन्धित व्यक्ति का कुशलक्षेम प्राप्त करने के साथ-साथ मेडिकल किट की उपलब्धता की पुष्टि कराएं। होम आइसोलेशन में रह कर उपचार करा रहे लोगों की विधानसभा वार सूची संकलित करते हुए इसे संबंधित सांसद व विधायकगण को भी उपलब्ध कराया जाए, जिससे इन जनप्रतिनिधियों द्वारा भी अपने क्षेत्र से सम्बन्धित व्यक्तियों को मेडिकल किट मिलने का सत्यापन करने के साथ ही, हाल-चाल लिया जा सके।
प्रदेश के सीएम ने कहा कि प्रत्येक जनपद में पर्याप्त संख्या में आरआरटी का गठन करके निगरानी समितियां द्वारा चिन्हित लक्षणयुक्त संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति का एण्टीजन टेस्ट कराया जाए। टेस्ट की रिपोर्ट और संक्रमित के स्वास्थ्य की स्थिति के अनुरूप उसे क्वारण्टीन सेण्टर अथवा अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेस्टिंग कार्य हेतु पर्याप्त संख्या में एण्टीजन टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

मंडल मुख्यालय में 100 बेड का पीकू तैयार किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के आकलनों के दृष्टिगत पहले से तैयारी की जाए। प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 10 बेड तथा हर मेडिकल कॅालेज में कम से कम 25 बेड का पेडियेट्रिक आईसीयू (पीकू) बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा इसकी व्यापक कार्ययोजना बनाकर यथाशीघ्र कार्य प्रारम्भ कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक मंडल मुख्यालय में दोनों विभागों द्वारा मिलकर 100 बेड का पीकू तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही के साथ-साथ पीडियाट्रिशियन्स का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। प्रशिक्षण कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जनपद में उपलब्ध प्रत्येक वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजनन कंसन्ट्रेटर कार्यशील अवस्था में रहें। मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा इन उपकरणों की कार्यशीलता की समीक्षा की जाए। सभी जनपदों में एनेस्थीटिक्स एवं टेक्नीशियन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इनका प्रशिक्षण भी कराया जाए। उन्होंने प्रत्येक जनपद में जरूरतमन्द मरीजों हेतु रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं इनका दुरुपयोग रोकने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक की देख-रेख में इस्तेमाल किये जाने, सभी जनपदों में आईसीसीसी को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखने तथा निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित करने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग कार्य को पूरी क्षमता से संचालित करने के निर्देश दिए। बैठक में अवगत कराया गया कि विगत 24 घंटों में 2,33,705 टेस्ट किये गए।इनमे 1,16,000 से अधिक टेस्ट आरटीपीसीआर विधि से किये गए। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन कार्य को निरन्तर सुचारु और प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग का वैक्सीनेशन कार्य सभी जनपदों में संचालित करने के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। इस कार्यक्रम हेतु वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रोक्योरमेण्ट की कार्यवाही त्वरित गति से की जाए। उन्होंने वैक्सीनेशन में वेस्टेज को नियंत्रित कर 01 प्रतिशत से कम करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रबन्धन को बेहतर किया जाए।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की बैकअप सहित पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव कदम उठाये जाएं। होम आइसोलेशन के कोविड संक्रमित मरीजों सहित अन्य जरूरतमन्द और गम्भीर रोगियों को उनकी आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध करायी जाए। ऑक्सीजन आॅडिट के माध्यम से अस्पतालों द्वारा आॅक्सीजन का अधिकतम उपयोग तय किया जाए। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अपने अस्पतालों में ऑक्सीजन के दैनिक उपयोग का डाटा तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जरूरतमन्द को
ऑक्सीजन
की आपूर्ति होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि गत दिवस प्रदेश में 1,011 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। यह देश के किसी भी राज्य में ऑक्सीजन की अब तक की सर्वाधिक आपूर्ति है।

औद्योगिक गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित होनी चाहिए

उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। कंटेनमेंट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था के माध्यम से जरूरतमन्द लोगों को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जाए। खाद्यान्न वितरण एवं गेहूं क्रय की कार्यवाही सुचारु ढंग से कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए संचालित की जाएं। औद्योगिक गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित होनी चाहिए। इस दौरान कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के कुल 20,463 नये मामले आये हैं। इस दौरान 29,358 संक्रमित व्यक्तियों को उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में राज्य में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 2,16,057 है, जो अब तक प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को सर्वाधिक एक्टिव मामलों की संख्या 3,10,783 से लगभग 95 हजार कम है। प्रदेश में 1 करोड़ 39 लाख 08 हजार से अधिक व्यक्तियों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह तथा वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुए।


Dharmendra Singh

Dharmendra Singh

Next Story