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Sonbhadra: इस दिवाली घर पधारेंगे पंचगव्य वाले लक्ष्मी-गणेश, पानी से जलने वाले दीए बिखेरेंगे रोशनी, महिलाओं की अनोखी पहल

Sonbhadra News: इस बार की दीपावली कुछ खास होगी। जहां लोगों के घर में पंचगव्य से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित की जाएगी। वहीं, पानी वाले दिए से रोशनी बिखेरते नजर आएंगे।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 Oct 2022 10:08 PM IST
Sonbhadra News In Hindi
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डीएम और सीडीओ को दी उत्पादों की जानकारी। 

Diwali 2022 in Sonbhadra: सोनभद्र के साथ ही देश के कई हिस्सों में इस बार की दीपावली (Diwali 2022) कुछ खास होगी। जहां लोगों के घर में पंचगव्य से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित की जाएगी। वहीं मिलावट वाले तेल को लेकर परेशान रहने वाले लेग पानी वाले दिए से रोशनी बिखेरते नजर आएंगे। सुनने में यह बात थोड़ी अटपटी जरूर लगी रही है, लेकिन इसे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने न केवल सच कर दिखाया गया, बल्कि इसको लेकर कस्बाई बाजारों के साथ ही ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी एक बड़ा बाजार विकसित करने में कामयाबी हासिल की है।

डीएम व सीडीओ को दी जानकारी

सदर विकास खण्ड स्थित सुकृत स्वयं सहायता समूह और मझिगांव गांव की बजरंग स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाओं ने मंगलवार को डीएम चंद्र विजय सिंह और सीडीओ सौरभ गंगवार से मिलकर, अपने उत्पाद की जानकारी दी और पंचगव्य वाले लक्ष्मी-गणेश तथा पानी से जलने वाले दीए के खूबियों से अवगत कराया। पानी से जलने वाले दीए भी जलाकर दिखाए।

बताते चलें कि दीपावली पर अब तक घी, तीसी, तिल और सरसो के तेल से दीपक जलाए जाने की परंपरा चलती आ रही है। इधर बीच जहां तिलफन फसलों के उत्पादन का रकबा घटा है और बाजार में इसकी जगह मिलावटी तेलों ने ले ली है। पिछली बार जिला मुख्यालय पर तीसी की तेल की जगह, रेड़ी के मिलावट वाले तेल की बड़े पैमाने पर मिलावट और हाइडिल ग्राउंड के पास के बताए जाने वाले एक कारोबारी के जरिए इसकी आपूर्ति की बात सामने आई थी। इसके चलते तमाम लोगों को दीवाली जैसे पर्व पर, तीसी तेल से दीपक जलाने की परंपरा को लेकर असहजता की स्थिति का सामना करना पड़ा था।

सिर्फ सोनभद्र ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में हो रही इसकी बिक्री

ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं और आजीविका मिशन के लोगों के दावों पर यकीन करें तो इस उत्पाद की बिक्री सोनभद्र में ही नहीं, बल्कि आॅनलाइन प्लेटफार्म के जरिए दुनिया के कई हिस्सों में की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस समय इस उत्पाद के लिए रोजाना चार से पांच लाख आर्डर मिल रहे हैं और इसके जरिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को अच्छी आय भी होनी शुरू हो गई है।

महंगाई को देखते हुए कुछ नया करने का आया विचार

डीएम के यहां उत्पादों को दिखाने पहुंची समूह की महिलाओं का कहना था कि महंगाई को देखते हुए कुछ अलग करने का सोचा और विभिन्न सामग्रियों के मिश्रण से एक ऐसे दीए का निर्माण किया गए जो पानी डालते ही जल उठता है। महिलाओं ने इसका प्रदर्शन भी किया। डीएम चंद्र विजय सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे जहां महिलाओं को रोजगार का एक बड़ा साधन मिल गया है। वहीं यह उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण इसे प्रोत्साहित करते रहने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए वहां मौजूद एनआरएलएम के लोगों को निर्देश भी दिए।



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Deepak Kumar

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