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Lucknow Dog Attack: लखनऊ में कुत्तों के आतंक से सड़कों पर चलना मुश्किल, रोज 200 लोगों को कर रहे घायल
Lucknow Dog Attack Case: शहर कि किसी भी सड़क पर आपको आवारा कुत्तों के झुंड झूमता हुआ दिखाई पड़ जाएगा। लोगों का सड़क पर चलना दूभर हो गया है।
Lucknow Dog Attack Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुत्तों का आंतक कम नहीं हो रहा है। कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि रोजाना लखनऊ में सैकड़ों लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। कुत्ते काटने वाली संख्या में 30 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं। बता दें कि कुत्तों के काटने से हाइड्रोफोबिया नामक गंभीर बीमारी हो सकती है। ये एक लाइलाज बीमारी है इसमें मरीज की मौत हो जाती है। इस बीच राजधानी के सरकारी अस्पतालों से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक की रिपोर्ट ने चौकाया
जारी की गई रिपोर्ट के मुातबिक अप्रैल 2022 से मार्च 2023 14,348 लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए गए। ज्यादातर इंजेक्शन बलरामपुर अस्पताल में लगवाए गए। प्रतिदिन 150 इंजेक्शन बलरामपुर अस्पताल में लगते हैं। अन्य अस्पतालों में लगभग 50 इंजेक्शन लगाए जाते हैं।
सितंबर में 2630 लोगों को कुत्तों ने बनाया शिकार
सितंबर महीने की बात करें तो आवारा कुत्तों ने एक सितंबर से आज तक यानी (28 सितंबर) तक 28 दिनों में 2630 लोगों कों घायल कर दिया है। ये वो आंकड़े हैं जिन्होने सरकारी अस्पताल में वैक्सीन लगवाई है। सिविल और बलरामपुर अस्पताल में ही रोजना सौ से अधिक पीड़ित रेबीज की वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। यह जो आंकड़े आए हैं वह बेहद ही डरावने हैं। शहर कि किसी भी सड़क पर आपको आवारा कुत्तों के झुंड झूमता हुआ दिखाई पड़ जाएगा। लोगों का सड़क पर चलना दूभर हो गया है।
लखनऊ में रोजाना 200 लोगों लगती है रेबीज वैक्सीन
राजधानी लखनऊ के सभी सरकारी अस्पतालों में रोजाना 200 के आसपास लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगती है। इनमें 95 फीसदी से अधिक पीड़ित कुत्ता काटने की वजह से आते हैं। वहीं, निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की संख्या अलग है। सिविल अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक इमरजेंसी में दिनभर रेबीज की वैक्सीन लगवाने के लिए लोग आते रहते हैं। उन्होने कहा कि पिछले दोमाह की तुलना में सितंबर महीने में कोई कमी नहीं आई है।