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फर्जी OSD गिरफ्तार: CM का ओएसडी बनकर अधिकारियों से कर रहे थे ठगी, STF के हत्थे चढ़े चार

एटा जिला कारागार के जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया से एक फर्जी ओएसडील ने जांच रूकवा ने के लिए मोटी रकम की मांग की।

Sunil Mishra
Reporter Sunil MishraPublished By Chitra Singh
Published on: 22 May 2021 8:20 PM IST
Fake OSD gang
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फर्जी ओएसडी का गैंग 

एटा: जनपद के थाना कोतवाली नगर स्थित जिला कारागार के जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया को लखनऊ से एक फोन पर सूचना मिली कि तुम्हारी शिकायत मुख्यमंत्री से हुई है और मुख्यमंत्री जी बहुत नाराज है। उन्होंने क्राइम ब्रांच से जांच कराने के आदेश दिये है। तुम ठाकुर हो, हमारे समाज के हो, इसलिये मैं तुम्हें फोन कर रहा हूं। अगर जांच रूकवानी है, तो हमसे लखनऊ में तुरंत आकर मिलो। इतना ही नहीं उस शख्स ने जांच रूकवा ने के लिए मोटी रकम की मांग की भी गई थी।

बता दें कि ट्रू कॉलर पर फोन करने वाले युवक का नाम दयाशंकर सिंह मुख्यमंत्री आवास करके दिखा रहा था। फोन करने वाला युवक अपने को मुख्यमंत्री का ओएसडी बता रहा था। जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय पर अभिषेक कौशिक को दी। जिसके बाद उन्होंने सीएम आवास पर इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं होने की जानकारी दी। उन्होंने उक्त जानकारी एसीएस अवनीश अवस्थी को दी, जिसके बाद उन्होंने एसटीएफ से जांच कराई और मुख्यमंत्री कार्यालय को बदनाम करने वाले फर्जी ओएसडी दयाशंकर सिंह को ऐनैक्सी भवन के पास से गिरफ्तार किया।

जानकारी के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने इस एक कार से चार लोगों को लखनऊ से गिरफ्तार किया, जिसकी अधिकृत विज्ञप्ति एसटीएफ लखनऊ ने जारी की है। वहीं जेलर एटा कुल्दीप सिंह भदौरिया ने थाना कोतवाली नगर में बीते दिन 21 मई को पकड़े गए अभियुक्तों के खिलाफ घटना की रिपोर्ट दर्ज करायी है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर सुभाष कठेरिया ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।

आपको बताते चलें कि जेलर कुलदीप सिंह पिछले चार वर्षों से एटा मे तैनात है अच्छे व ईमानदार स्वभाव के चलते उनकी कैदी से लेकर नेता अधिकारी सभी तारीफ करते हैं। एसटीएफ की जांच से पता चला कि गिरोह के सदस्य ऐनैक्सी और सचिवालय के आस-पास सकिय रह कर कार्यालय के खुलने की अवधि में अधिकारियों को शिकायत आने व उसे रूकवाने के नाम पर फोन करके वसूली करते है। दयाशंकर असली नाम प्रमोद दुबे सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी न्याय के पद पर नौकरी करते थे, जो वर्ष 2007 मे कूटरचित फर्जी आदेश व दस्तावेज बनाने के मामले में जेल गये थे और तभी से निलंबित थे। इनके साथ ही काम करने वाले अतुल शर्मा भी सचिवालय मे न्याय विभाग में सहायक समीक्षा अधिकारी थे। इन्हें भी वर्ष 2007 व 2010 में सरकारी अधिकारियों से ठगी करने के आरोप मे जेल जाने के बाद निलम्बित कर दिया गया था। जेल से आने के बाद से यह लोग फर्जी ओएसडी बनकर सरकारी अधिकारियों से वसूली करते थे। पकड़े जाने वाले दिन भी इन लोगों ने जनपद बरेली फरीदपुर के डायट प्राचार्य मुन्ने अली से एक लाख रूपये की वसूली कर चुके थे।



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