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इंसानियत की मिसाल! मुस्लिम युवकों ने दिया हिंदू महिला को कंधा, कराया अंतिम संस्कार

मुस्लिम युवकों ने महिला की अर्थी ले जाने से लेकर,अंतिम संस्कार तक पूरे रीति रिवाज से करने में हिंदू परिवार की मदद की।

Bobby Goswami
Reporter Bobby GoswamiPublished By Dharmendra Singh
Published on: 8 May 2021 5:29 PM GMT (Updated on: 8 May 2021 5:29 PM GMT)
Ghaziabad
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महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते मुस्लिम युवक (फोटो: सोशल मीडिया)

गाजियाबाद: गाजियाबाद के लोनी इलाके से इंसानियत और भाईचारे की मिसाल पेश करने वाली तस्वीर सामने आई है। लोनी में आज एक हिंदू महिला की मौत हो गई थी। महिला के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था। ऐसे में कई मुस्लिम युवकों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया। मुस्लिम युवकों ने महिला की अर्थी ले जाने से लेकर,अंतिम संस्कार तक पूरे रीति रिवाज से करने में हिंदू परिवार की मदद की। महिला की अर्थी को कंधा देकर मुस्लिम युवकों ने ही श्मशान घाट तक पहुंचाने में सहयोग किया।

फैजल ने बताया कि कॉलोनी में हिंदू और मुस्लिम परिवार लंबे समय से रह रहे हैं। सभी एक दूसरे की मदद करते हैं और वर्षों से भाईचारा बना हुआ है। इसी वजह से सभी एक दूसरे के खुशी और गम में शामिल होते हैं। जैसे ही मुस्लिम परिवारों को इस बात की जानकारी मिली कि महिला की मौत हो गई है, तो तुरंत सभी मदद के लिए एक साथ आ गए। कोरोना काल होने के चलते इन दिनों किसी की मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के रिश्तेदार और परिजन काफी कम संख्या मौजूद रहते हैं। ऐसे में दुखद माहौल होने के बीच अंतिम संस्कार की व्यवस्था करना काफी मुश्किल होता है। मगर इस तरह से मदद मिल जाए तो यह मदद दुख पर मरहम का काम करती है।

पड़ोसी होने के साथ-साथ इंसानियत का भी फर्ज

आमतौर पर एनसीआर से इस तरह की खबरें सामने आती हैं कि लोग मदद के लिए सामने नहीं आते, लेकिन यहां पर मदद के लिए जिस तरह से भाईचारे और एकता की तस्वीर नजर आई उससे साफ हो गया है कि लोनी की इस कॉलोनी के लोगों ने पड़ोसी होने के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज भी बखूबी अदा किया है। यही वजह है कि इस विषय की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है, क्योंकि सभी यही मानते हैं कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का होता है।


Dharmendra Singh

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