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Gorakhpur Temple Attack: गोरखपुर हमलावर मुर्तजा को लेकर बड़ा सवाल, कैसे की इंजीनियरिंग की पढ़ाई ?

Gorakhpur Temple Attack: रविवार को धारदार हथियार से गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में पीएसी के जवानों पर हमला करने वाले मुर्तजा को लेकर अभी भी कई सवालों का जवाब मिलना बाकी है।

Purnima Srivastava
Published on: 5 April 2022 3:46 PM GMT
Gorakhpur Gorakhnath Temple Attack
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गोरखनाथ मंदिर और मंदिर परिसर में PAC जवानों पर हमला करने वाला मुर्तजा (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Gorakhpur Temple Attack: गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में पीएसी जवानों पर धारदार हथियार से पीएसी जवानों पर हमला करने वाला मुर्तजा सुरक्षा एजेंसियों के लिए फिलहाल पहेली बना हुआ है। उसके पास मिल रहे कागजात जहां आतंकी कनेक्शन की ओर इशारा कर रहे हैं, वहीं परिवार उसे मानसिक विक्षिप्त साबित करने पर जुटा है। शहर के प्रतिष्ठित परिवार की दलीलों को लोग इत्तफाक नहीं रखते दिख रहे हैं। सभी को एक ही सवाल मथ रहा है कि जब मुर्तजा की दिमागी हालत नहीं ठीक थी तो मुंबई आईआईटी से उसने बीटेक की डिग्री कैसे हासिल कर ली।

उसके पिता मुनीर अब्बासी के मुताबिक उसकी दीमागी हालत ठीक नहीं है तो फिर उसने आईआईटी जैसी संस्था से केमिकल इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई पूरी कैसे कर ली? जिसकी दीमागी हालत ठीक नहीं थी, परिवार के लोग उसे दूसरे शहर में अकेला कैसे छोड़ देते थे? इसके अलावा मुर्तजा रिलायंस केमिकल जैसी बड़ी कंपनियों में काम कर चुका है, दीगामी रुप से ठीक व्यक्ति को कोई मल्टीनेशनल कंपनी नौकरी कैसे दे सकती है और अगर दे भी दी तो काम के दौरान, उन्हें उसकी हरकतों की कोई जानकारी क्यों नहीं हुई? इतना ही नहीं, पिता के मुताबिक बेटा का दीमागी इलाज चल रहा था, लेकिन दूसरी ओर वे लगातार गोरखपुर, मुबंई, कोयंबटूर, जामनगर और नेपाल की हवाई यात्राएं कर रहा था। ऐसे में क्या यह संभव है कि जो व्यक्ति दीगामी रुप से इतना गड़बड़ है कि वे गोरखनाथ मंदिर पर हमला कर सकता है तो वे हवाई यात्राएं कैसे कर रहा था। घटना वाले दिन भी उसका गोरखपुर से मुबंई जाने का इंडिगो एयरलाइंस से टिकट था। यानी कि हमले के बाद वे सीधा एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़कर मुबंई जाने वाला था।

तब मुर्तजा ने बोला था, 'सिर्फ अल्लाह के कहने से ही नीचे उतरूंगा'

मुंबई आईआईटी से पासआउट मुर्तजा ने खुद भी केमिकल इंजीनियरिंग की है। मुर्तजा एटीएस के सामने खुद को मानसिक विकलांग साबित करने में लगा है। लेकिन बावजूद इसके उसे न ही अपने किए पर कोई पछतावा है और न ही वे घटना के बारे में बात कर रहा है। सबकुछ बताने के बाद जब गोरखनाथ मंदिर पर हमले की बात आ रही है तो मुर्तजा पागलों जैसी हरकत करते हुए दूसरी बातें कर रहा है। मुर्तजा के पिता बताते हैं कि उसे बचपन से ही मरने का काफी शौक था। कुछ दिन पहले हम लोगों ने उसे एक साइकिल दिलाई थी। जिसे चलाते वक्त वे बेहद खुश हो जाता था और कहता था कि दिल करता है कि किसी बड़ी सी कार में इसे लड़ा दूं, जिससे कि मैं मर जाउं। इतना ही नहीं पिता मुनीर अब्बासी ने यह भी खुलासा किया कि परिवार के लोग डरे भी रहते थे। इसके बाद फिर उसे एक नौकरी मिली। पिता ने बताया कि एक बार वह मुंबई में भी प्लांट पर चढ़ गया, वहां से उतरने का नाम नहीं ले रहा था। सभी लोग परेशान हो गए। बोला कि, सिर्फ अल्लाह के कहने से ही मैं, नीचे उतरूंगा। नहीं तो मैं मर जाउंगा।

पहले शादी टूटी, फिर सगाई

दो भाई-बहन में मुर्तजा छोटा है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। उसके पिता ने बताया कि अप्रैल 2018 में मुर्तजा की शादी गाजीपुर जिले में तय हुई थी। लेकिन शादी के दिन तबीयत बिगड़ने पर लड़की वालों ने रिश्ता तोड़ दिया। इसके बाद 2020 में जौनपुर जिले में शादी हुई। लेकिन उसकी दीमागी हालत ठीक नहीं होने की वजह से यह रिश्ता भी ज्यादा दिन नहीं चल सका और उसकी पत्नी ने उससे तलाक ले लिया।

परिवार में जिला जज, डॉक्टर से लेकर सीए तक

गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर हमला करने वाला मुर्तजा अहमद अब्बासी का परिवार शहर में प्रतिष्ठित है। आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियर मुर्तजा के पिता जहां बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लीगल एडवाइजर हैं, तो बड़े पिता डॉ. केए अब्बासी शहर के एक बड़े डॉक्टर हैं। जोकि सिविल लाइन पार्क रोड रोड स्थित अब्बासी नर्सिंग होम चलाते हैं। यह नर्सिंग होम तब का है, जब शहर के इक्का-दुक्का ही नर्सिंग होम हुआ करते थे। मुर्तजा के दादा गोरखपुर के जिला जज भी रह चुके हैं। जबकि उनके भाई का नाम शहर के नामी चार्टेड अकाउंटेंट्स में से एक रहा है। परिवार के मुताबिक मुर्तजा ने नर्सरी तक की पढ़ाई गोरखपुर में ही की थी। इसके बाद वे मुबंई चला गया। मुबंई में मुनीर का फ्लैट है। बीच-बीच में वे मुबंई जाते रहते थे। मुर्तजा यहां अकेले रहकर नवी मुबंई के डीएवी कॉलेज से उसने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। फिर 2015 में आईआईटी से इंजीनियरिंग पासआउट किया।

Bishwajeet Kumar

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