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Gorakhpur News: कृषि अनुसंधान के लिए गोरखनाथ विवि ने जारडस के साथ किया समझौता

Gorakhpur News: विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव और जारडस के निदेशक डॉ. दीपक मैंदिस्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

Purnima Srivastava
Published on: 23 May 2024 11:54 AM GMT (Updated on: 23 May 2024 12:06 PM GMT)
Gorakhpur News
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जुबिलेंट एग्रीकलचर रूरल डेवलपमेन्ट सोसायटी के साथ हुआ एमओयू। (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: कृषि अनुसंधान एवं कृषि आधारित उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर ने महत्वपूर्ण पहल की है। इस संबंध में विश्वविद्यालय ने जुबिलेंट एग्रीकलचर रूरल डेवलपमेन्ट सोसायटी (जारडस) मुरादाबाद के साथ समझौता करार (एमओयू) किया है। इस एमओयू के जरिये दोनों संस्थान मिलकर शैक्षणिक एवं कृषि अनुसंधान क्रियाकलापो को बढ़ावा देंगे।

साइन किया एमओयू

गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव और जारडस के निदेशक डॉ. दीपक मैंदिस्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए जबकि एमओयू का आदान प्रदान कुलपति और जारडस निदेशक के मध्य हुआ। एमओयू के माध्यम से दोनों संस्थानों के बीच शोध आधारित उत्पाद, संयुक्त शोध परियोजनाओं पर कार्य, कृषि के के वर्तमान एवं भविष्य की जरूरतों को पूरा करने एवं कौशल बढ़ाने के लिए क्षमता विकास, छात्र-संकाय और तकनीकी विनिमय आदि विषयों पर साझा प्रयास करने का करार हुआ। दोनों संस्थानों का लक्ष्य इस सांझेदारी के माध्यम से कार्यशाला, सामाजिक उन्नयन और विकास परियोजना को विकसित और कार्यान्वित करना है।

शैक्षणिक गतिविधियों को मिलेगी नई दिशा

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल (डॉ.) अतुल वाजपेयी ने संस्थानों के बीच समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि इस समझौते से कृषि के क्षेत्र में शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण गतिविधियों के प्रचार-प्रसार को एक नई दिशा मिलेगी। कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर छात्रों के व्यक्तित्व विकास, उच्च शिक्षा में अनुसंधान दृष्टि विकसित करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि कृषि उद्यमिता में नित नए नवाचार हो रहे हैं। उत्कृष्ट तकनीक से भारत के किसान भी नई चुनौतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर कृषि क्षेत्र को समृद्ध कर रहे हैं।

2014 में खुला प्रशिक्षण केंद्र

जारडस, मुरादाबाद के निदेशक दीपक मैंदिस्ता ने कहा कि वर्ष 2005 में कृषि क्षेत्र में नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारडस की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि परंपरागत कृषि के साथ आज उत्पादन में नवाचारों से छोटी भूमि पर कम लगात से भी किसान अच्छी आमदनी कर सकते है। संस्थान को कृषि प्रबंधन के लिए 2010 में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की योजना एग्रीक्लिनिक एग्रीबिजनेस सेन्टर के लिए मान्यता दी गई । 2013 में संस्थान के द्वारा आगरा केन्द्र, 2014 मे गोरखपुर में कृषि उद्यमिता का प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया।

अब तक 5000 से अधिक सफल किसान

संस्थान द्वारा प्रशिक्षित कृषि स्नातकों में 5000 से अधिक सफल उद्यमी आज समृद्ध किसान के रूप मे स्थापित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जारडस एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर मिलकर कृषि अनु‌संधान एवं उद्यमिता के क्षेत्र में काम करेंगे। कुशल प्रशिक्षण लेकर किसान समृद्ध होंगे। साथ ही विश्वविद्यालय के कृषि छात्र-छात्राओं को उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रसर करने के लिए भी यह संस्थान काम करेगा और विश्वविद्यालय में कृषि उद्यमों के माडल स्थापित करने में भी संस्थान की अहम भूमिका होगी। एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. विमल कुमार दूबे, उप कुलसचिव (प्रशासन) श्रीकांत, जारडस गोरखपुर केंद्र के नोडल अधिकारी रंजीत यादव, कृषि विभाग के सहायक आचार्य डॉ.प्रवीण कुमार सिंह, डॉ.संदीप श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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