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VIDEO: गंगा में तैरता मिला भारी पत्थर, लोग हुए दंग, कहा-रामसेतु का पत्थर
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कानपुर: गंगा की लहरों में मंगलवार को एक तैरता हुआ भारी भरकम पत्थर दिखा। जिसे देखकर लोग दंग रह गए। जिसे भी इसकी जानकरी हुई वह तुरंत ही इसे देखने पहुंच गया। देखते ही देखते वहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। दरअसल कागज की नाव की तरह तैरते इस पत्थर पर सबसे पहले एक नाविक की नजर पड़ी। वह उस पत्थर को गंगा के किनारे ले आया। लोग आस्था का प्रतीक मानकर इसे रामसेतु का पत्थर कहने लगे और फूल माला चढ़ा पूजा करने लगे। पत्थर को प्राचीन मंदिर ड्योढ़ी घाट के हनुमान मंदिर में स्थापित करा दिया गया है।
नाविक को दिखा पत्थर
-महाराजपुर थाना क्षेत्र में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर ड्योढ़ी घाट के किनारे गंगा नदी बहती है।
-मंगलवार को उन्नाव के घटटिल पुरवा गांव में रहने वाले नाविक राम प्रसाद निषाद रोजाना की तरह उन्नाव से नाव में सवारियां बैठकर ले जा रहा था।
-तभी उसको बीच गंगा में एक भारी भरकम तैरता हुआ दिखाई दिया।
-नाविक ने उस पत्थर को उठाया तो वह बड़ी आसानी से उठ गया।
-जब नाविक ने उस पत्थर को पानी में फिर से फेंका तो पत्थर तैरने लगा।
-यह देख नाव में बैठे लोग हैरान हो गए।
-बाद में नाविक उस पत्थर को उठाकर किनारे ले आया।
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नाविक राम प्रसाद ने बताया
नाविक राम प्रसाद ने बताया कि जब यह बात ड्योढ़ी घाट के महंत चैतन्य प्रसाद ब्रम्चारी को पता चली तो उन्होंने मंदिर के पुजारी अमित मिश्रा और प्रवीन दीक्षित को मौके पर भेजा। उन्होंने भी देखा कि एक पत्थर गंगा में तैर रहा है।
लोगों ने कहा-रामसेतु का पत्थर
गंगा नदी में इस भारी भरकम पत्थर को तैरता देख लोगों ने इसे रामसेतु का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि जब भगवान राम लंका जा रहे थे तो समुद्र में पत्थरों का पुल बनाया गया था। जिसमे नल और नील की अहम भूमिका थी। वानर सेना पत्थरों में श्री राम लिखते थे और नल, नील उन पत्थरों को समुद्र में फेंकते और पत्थर तैरते रहते थे।
पत्थर पर फूल माला चढ़ा लोगों ने की पूजा
-पुजारी अमित मिश्रा ने बताया कि इस बारे में महंत जी को बताया गया।
-उन्होंने तुरंत उस पत्थर को रामजानकी मंदिर परिसर में को स्थापित करा दिया।
-पत्थर की स्थापना के बाद आसपास के गांव के लोग पत्थर के दर्शन करने के लिए पहुंच गए।
-लोग पत्थर पर फूल माला चढ़ा कर पूजा अर्चना करने लगे।
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पत्थर में बने हैं प्राचीन लिपि के चिन्ह
-पुजारी अमित मिश्रा ने बताया कि यह पत्थर देखने में बहुत बड़ा है।
-जिसका वास्तविक वजन लगभग चालीस किलो होना चाहिए।
-लेकिन इस पत्थर का वजन मुश्किल से 15 किलो के आसपास होगा।
-इस पत्थर में प्राचीन लिपि के चिन्ह बने हुए है। इस पत्थर पर अंग्रेजी के एन की तरह डिजाइन बनी हुई है।
आगे की स्लाइड में देखिए गंगा में तैरते पत्थर की फोटोज और वीडियो
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