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UP: IPS ने मालिकों को लौटाए उनके 'गुमशुदा फोन', पुलिस ने ऐसे ढूंढे 16 लाख रुपए के मोबाइल

UP: सर्विलांस सेल के प्रभारी रजनीश वर्मा ने अपनी टीम के साथ मिलकर अलग-अलग जिलों और राज्यों से 51 मोबाइल फोन को बरामद किया है। जिनकी कीमत लगभग 16 लाख 10 हज़ार रुपए है।

Shiva Sharma
Report Shiva SharmaNewstrack aman
Published on: 20 May 2022 1:21 PM GMT
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लखनऊ कमिश्नरेट (Lucknow Commissionerate) की पूर्वी जोन की सर्विलांस टीम (Surveillance Team) ने कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद खोये हुए 51 अलग-अलग एंड्रॉएड फोन को बरामद करते हुए एक बड़ा दायित्व निभाया है। सर्विलांस सेल के प्रभारी रजनीश वर्मा ने अपनी टीम के साथ मिलकर अलग-अलग जिलों और राज्यों से 51 मोबाइल फोन को बरामद किया है। जिनकी कीमत लगभग 16 लाख 10 हज़ार रुपए है।

आज उन मोबाइल फ़ोन को उनके असल मालिकों के सुपुर्द करने के लिए डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद ने असभ्य मोबाइल मालिकों को अपने गोमतीनगर स्तिथ कार्यालय बुलाया। सभी पुरुष और महिलाओं को मोबाइल वापस किए। सभी लोगों को अपना कई महीने पुराना मोबाइल लेते हुए काफी ख़ुशी हुई। डीसीपी पूर्वी के मुताबिक कई ऐसे मोबाइल फ़ोन जो अलग अलग इलाको में गुम हो जाते हैं उसकी गुमशुदगी की शिकायत जब उनके कार्यालय आती है, सर्विलांस सेल के ज़रिये उसकी आईएमईआई को ट्रैक करते हैं। फिर, मोबाइल को ढूंढने का प्रयास करते हैं।


'तकनीक के दौर में मोबाइल ढूंढना आसान है'

डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद बताते हैं कि, 'कई बार मोबाइल फ़ोन खो जाने के बाद बंद हो जाते हैं। ऐसे में उनकी लोकेशन चेक कर उस तक पहुंचने का कोई दूसरा वैकल्पिक रास्ता नहीं होता। ऐसे में उसे बार-बार रनिंग में लगाकर उस मोबाइल के खुलने का इंतज़ार करना और उस कार्य में लगे रहना थोड़ा कठिन होता है। मगर, सर्विलांस सेल ने भी इस काम को बहुत कड़ी मेहनत के साथ पूरा किया। ऐसे में वो बधाई के पात्र हैं।'


अपने महंगे मोबाइल फोन पाकर खुश हुए लोग

बता दें कि, जिन 51 मोबाइल फ़ोन को बरामद किया गया है, उनमें से कई ऐसे मोबाइल फ़ोन हैं, जो 60 हज़ार रुपए तक के हैं। कुछ तो एप्पल कंपनी के भी हैं। साथ ही, सभी सामान्य मोबाइल फ़ोन की कीमत भी लगभग 25 हज़ार के ऊपर ही है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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