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अवैध खनन में लिप्त दो पोकलैंड मशीन और एक डंपर को उप जिलाधिकारी ने किया सीज

जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि जनपद में अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

B.K Kushwaha
Published on: 2 Jun 2021 9:27 PM IST (Updated on: 2 Jun 2021 9:29 PM IST)
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नदी से बालू का अवैध खनन जारी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

झांसी। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि जनपद में अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे क्षेत्र अथवा घाट जहां अवैध खनन की संभावनाएं अधिक हैं वहां लगातार भ्रमण किया जाए और अवैध खनन पाए जाने पर सख्त कार्यवाही की जाए।

जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी मोंठ राजकुमार दल बल के साथ अवैध खनन की जांच हेतु औचक निरीक्षण करने तहसील मोंठ के अंतर्गत सलेमापुर घाट पहुंचे, वहां पट्टा धारक द्वारा नदी की धारा के प्रवाह को रोककर अनुचित ढंग से बालू खनन होता पाया। उन्होंने कार्रवाई करते हुए मौके पर दो पोकलैंड मशीन, एक डंपर सीज़ करते हुए मोंठ कोतवाली को सुपुर्द किया। उन्होंने क्षेत्र के समस्त पट्टा धारक सहित अवैध खनन में लिप्त लोगों को सचेत करते हुए कहा कि यदि गलत तरीके से बालू खनन होते पाया गया तो कार्रवाई होगी।

उन्होंने अवैध खनन अवैध बालू खनन कारोबारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह अवैध खनन व परिवहन करते हुए पाए जाते हैं तो सीधे जेल भेजा जाएगा। इस मौके पर प्रशिक्षु उप जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सहित खनन निरीक्षक एवं थानाध्यक्ष मोंठ उपस्थित रहे।


बुजुर्गों की सुविधा के लिए एल्डर लाइन सहायता केन्द्र शुरू

जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के निवासी समस्त बुजुर्गों के लिए एक एल्डर लाइन नाम से सलाह एवं सहायता केंद्र प्रारम्भ किया गया है। बुजुर्ग अपनी समस्याओं जैसे चिकित्सा, राशन कार्ड, भरण-पोषण अनुदान, वृद्धावस्था पेंशन, वृद्धाश्रम आदि से संबंधित समस्याओं हेतु 14567 नंबर पर संपर्क कर निःशुल्क परामर्श तथा सहायता प्राप्त कर सकते हैं। जनपद झाँसी के लिए फील्ड रेस्पॉन्स अधिकारी इन्द्रबाबू की तैनाती की गई है, जो आवश्यकतानुसार जरूरतमंद बुजुर्गों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं का निस्तारण करेंगे।

अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी-बीज का शोधन जरूरी

जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने बीज शोधन/भूमि शोधन खरीफ अभियान 2021-22 के अंतर्गत कृषक बंधुओं से अनुरोध किया है कि खरीफ में गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त करने हेतु अपनी मृदा एवं बीज को अवश्य शोधित करें। बीज/भूमि शोधन द्वारा फसलों को विभिन्न प्रकार से क्षति पहुंचाने वाले प्रमुख कीट, दीमक, सफेद गिडार, सूत्रकृमि, लेपिडोप्टर्स एवं गुजिया आदि कीट एवं फफूंदी/ जीवाणु जनित रोगों जैसे झुलसा/पत्ती धारी रोग, ब्लाइट, उकठा, मेल्ड्यू आदि प्रमुख कीट/रोग हैं। भूमि शोधन हेतु जैविक रसायन व्युवेरिया वेसियाना 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर एवं ट्राइकोडर्मा 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर जैव को 50-60 किग्रा सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर एक सप्ताह तक छाया में रखें और बीच-बीच में पानी का छिड़काव करते रहे।

अंतिम जुताई के समय खेत की मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें। बीज शोधन हेतु ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम प्रति किग्रा अथवा थीरम 2.5 ग्राम प्रति किग्रा अथवा कार्बनडाजिम 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित कर बुआई करें, जिससे गुणवत्ता युक्त उत्पादन के साथ ही किसान के श्रम का शत प्रतिशत लाभ मिल सके।



Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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