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Jhansi: झांसी रेल मंडल में तिरंगे की सप्लाई निकली खराब, दोनों यूनियनों ने रेलवे अफसरों को लिखा पत्र

Jhansi: झांसी रेल मंडल में तिरंगे की सप्लाई खराब निकली। इस पर दोनों यूनियनों ने रेलवे अफसरों को पत्र लिखा है।

B.K Kushwaha
Published on: 10 Aug 2022 2:56 PM GMT
Jhansi News In Hindi
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Jhansi: झांसी रेल मंडल में तिरंगे की सप्लाई निकली खराब

Jhansi: स्वतंत्रता दिवस पर चलाए जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान (har ghar tricolor campaign) के लिए झाँसी रेल मंडल (Jhansi Railway Division) में तिरंगे की सप्लाई खराब निकली है। कई विभागों में अब तक मिल चुकी सप्लाई में तिरंगा झंडे खराब मिल रहे हैं। इसकी गुणवत्ता बेहद खराब है और अशोक चक्र भी सेंटर में नही है। भारत सरकार (Indian Government) टैक्सटाइल एंड कल्चर मिनिस्ट्री (Ministry of Textile and Culture) के माध्यम से एक निजी एजेंसी यह सप्लाई भेज रही है। झंडे की पट्टी तीनों एक समान नहीं है।

रेल कर्मचारियों ने कहा है कि तिरंगे की क्वालिटी बेहद खराब है और इसे 25 रुपए में बेचना संभव नहीं है। इसकी कीमत दो रुपए भी नहीं है। बहुत से तिरंगों की तीनों पट्टी एक समान नहीं है कही - कही हरी पट्टी, तो कहीं पर केसरिया पट्टी कोने पर में पूरी कटी है। इसमें भारत के सम्मान में ठेस पहुंचाने का काम रेल प्रशासन कर रहा है। यह झंडे एसी शेड व डीजल शेड में बितरित किए हैं। इसको लेकर रेलवे कर्मचारियों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

बताते हैं कि तिरंगे को बनाने में साइज का रेशो का भी ध्यान नहीं रखा गया है। कई जगह तिरंग पर केसरिया के बजाय लाल प्रयोग कर दिया गया। झंडे की हालत यहै कि इसे फहराने के लिए जब किसी डंडे में पिरोया जाएगा, तो यह फट भी सकता है। इसलिए तिरंगे के अपमान का जोखिम ज्यादा हो गया है। इस मामले में रेलवे के संगठनों की दोनों यूनियनों ने रेलवे अफसरों को पत्र लिखकर काफी आपत्ति दर्ज की है।

एनसीआरईएस ने डीआरएम को पत्र भेजा

नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे इमप्लाईज संघ (North Central Railway Employees Union) के मंडल सचिव भानु प्रताप सिंह चंदेल (Divisional Secretary Bhanu Pratap Singh Chandel) ने मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि भारत सरकार द्वारा निर्देशित हर घर तिरंगा योजना के अंतर्गत भारतीय रेल के उत्तर मध्य रेल में झाँसी मंडल के रेल कर्मचारियों को भी ध्वज वितरित किए जा रहे है वे भारतीय झंडा संहिता -2022 के अनुसार निर्धारित मानकों का अनुपालन नहीं कर रहे हैं तथा गुणवत्तागीन है। जहां एक ओर काघरों में मात्र 25 रुपए में निर्धारित मानक के अनुसार झंडा वितरित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर रेल विभाग द्वारा 38 रुपए से भी मानक के अनुरुप एवं गुणवत्ता युक्त भारतीय धव्ज न दिए जाने से कर्मचारियों की भावनाएं आहत हो रही है। संघ ने मांग की है कि उक्त प्रकरण में तत्काल उचित कार्रवाई कर संघ को अवगत कराने की व्यवस्था करें।

एनसीआरएमयू ने वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीजल) को लिखा पत्र

नार्थ सेन्ट्रल रेलवे मैस यूनियन शाखा टीआरएस डीजल (North Central Railway Mess Union Branch TRS Diesel) के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह (President Brijmohan Singh) ने वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीजल) को पत्र लिखा है। पत्र में भारत सरकार के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) को मनाया जा रहा है जिसके लिए शेड के समस्त स्टॉफ व पर्यवेक्षक को राष्ट्र ध्वज वितरण किया जा रहा है परंतु जो ध्वज वितरण किए जा रहे हैं, उसमें कई तरह की खामियां है। जैसे-ध्वज की सिलाई सहीं नहीं, तीनों पट्टियों केसरिया, सफेद तथा हरा समान चौड़ाई की नहीं है। कुछ ध्वज की कटिंग सही नहीं है। उक्त खामियां को लेकर शेड के समस्त स्टाफ व पर्यवेक्षक में भय का माहौल है कि सही ध्वज न फहराने पर राष्ट्र ध्वज के अपमान में कोई शिकायत न कर दें। इस संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से भी ध्वजारोहण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यूनियन मांग करती है कि उचित माप तथा सिलाई के राष्ट्र ध्वज शेड के समस्त स्टाफ व पर्यवेक्षक को वितरित करने की व्यवस्था की जाए।

तिरंगाः बीजेपी बेट रही 20 रुपये में झंडा, रेलवे सैलरी से काटेगी 38 रुपए!

हर घर तिरंगा योजना (har ghar tricolor scheme) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। रेलवे ने सरकारी तौर पर अपने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा है कि रेलवे हर कर्मचारी को अपने घर पर फहराने के लिए झंडा देगी लेकिन उसके बदले उनके वेतन से 38 रुपए काट लिए जाएंगे। रेलवे की यूनियनें इसका विरोध कर रही है। देश में करीब दस लाख रेलवे कर्मचारी हैं। रेलवे कर्मियों को झंडा सप्लाई करने की जिम्मेदारी दूसरे लोगों को दी है। सूत्रों के मुताबिक यही तिरंगा झंडा अगर आप बीजेपी दफ्तर से खरीदें तो वहां इसे 20 रुपए में बेचा जा रहा है जबकि जीपीओ (प्रधान डाकघर) पर भी यह 25 रुपए में है। तमाम एनजीओ भी इसे 20 रुपए में बेच रही है। महानगरों में अगर रेड लाइट पर आप इसे खरीद पा रहे हैं तो दस रुपए तक में यही झंडा मिल जाता है। रेलवे यूनियनों ने कड़ा विरोध किया है।

नया झंडा प्राप्त करें: रेलवे अफसर

यह मामला वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डी) डीजल लोको शेड के संज्ञान में आया तो उन्होंने शेड के सभी कर्मचारियों को आवश्यक सूचना जारी कर दी है। सूचना में कहा गया कि डीजल लोको शेड झाँसी में कार्यरत समस्त अनुभाग प्रभारियों को अवगत कराया जाता है कि समयपाल कार्यालय से वितरित किए जाने वाले झंडों में यदि कोई झंडा खराब है तो खराब झंडा समयपाल कार्यालय में जमा कर नया झंडा प्राप्त करें।

Deepak Kumar

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