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Lucknow: अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू हॉकी चैंपियनशिप के समापन पर बोले योगी, हॉकी के लिए हमें करना होगा प्रयास

Lucknow: 32वीं अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू सब जूनियर हाकी प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब भी खिलाड़ी खेलता है तो वह केवल अपने लिए नहीं खेलता। वह देश के लिए खेलते हुए बहुत कुछ संदेश देकर जाता है।

Ashutosh Tripathi
Report Ashutosh TripathiPublished By Deepak Kumar
Published on: 4 April 2022 2:52 PM GMT
CM Yogi Adityanath reached conclusion of 32nd All India KD Singh Babu Sub Junior Hockey Competition
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अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू हॉकी चैंपियनशिप का समापन

Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi Adityanath) ने 32वीं अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू सब जूनियर हाकी प्रतियोगिता (32nd All India KD Singh Babu Sub Junior Hockey Competition) के समापन के अवसर पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब भी खिलाड़ी खेलता है तो वह केवल अपने लिए नहीं खेलता। वह देश के लिए खेलते हुए बहुत कुछ संदेश देकर जाता है। जब इन बच्चों के प्रदर्शन को केडी सिंह बाबू की आत्मा देख रही होगी तो वह अत्यन्त प्रफुल्लित हो रही होगी कि जो उन्होंने सोचा था, उसको वर्तमान पीढ़ी किसी न किसी रूप में आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

हॉकी के लिए हमें बढ़चढ़कर प्रयास करना चाहिए: सीएम

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि हाकी के लिए हमें बढ़चढ़कर प्रयास करना चाहिए। उत्तर प्रदेश इसकी आधार भूमि रही है। मेजर ध्यानचंद और केडी सिंह बाबू (KD Singh Babu) के अलावा मो. सादिक, रविंद्र पाल, सैयद अली, आरपी सिंह, सुजीत कुमार, रजनीश मिश्रा, मो. सकील, देवेश चौहान, एनपी सिंह, जगवीर सिंह, विवेक सिंह, राहुल सिंह, तुषार खांडेकर, दानिश मुर्तजा, ललित उपाध्याय, प्रेम माया, रंजना श्रीवास्तव, मंजू बिष्ट, पुष्पा श्रीवास्तव, रजनी जोशी, वंदना कटारिया, ऋतुजा आर्या सहित अनेक खिलाड़ियों न केवल प्रदेश में बल्कि देश-विदेश में भी हाकी के माध्यम गौरव को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।


1948 और 1952 में ओलम्पिक में भारत ने हॉकी में जीता था गोल्ड मेडल

हम सब जानते हैं कि केडी सिंह बाबू ने न सिर्फ हाकी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गौरव को न सिर्फ आगे बढ़ाया, बल्कि जब उत्तर प्रदेश का खेल निदेशालय गठित हुआ। तब पहले खेल निदेशक के रूप में खेल की गतिविधियों को बड़ी मजबूती के साथ आगे बढ़ाया। इसके बाद खेलकूद की गतिविधियों का केंद्र उत्तर प्रदेश बना। आज हम उनके शताब्दी वर्ष के आयोजन से जुड़ रहे हैं, यह केडी सिंह बाबू (KD Singh Babu) के प्रति हमारी श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि दुनिया को हाकी भारत की देन है। एक समय हाकी में भारत का दबदबा था। आजादी के बाद 1948 और 1952 में ओलम्पिक में भारत ने हाकी में गोल्ड मेडल जीता था।


कोरोना में खेलकूद और शिक्षण की गतिविधियों को चलाने में हुई कठिनाई

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि दो वर्ष कोरोना से जूझते हुए व्यतीत हुए। भारत में प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में जीवन और जीविका को बचाने का प्रबंध किया गया। इस दौरान खेलकूद और शिक्षण की गतिविधियों को चलाने में कठिनाई हुई। जब विगत वर्ष ओलम्पिक में आजादी के बाद से सबसे बड़ा दल गया और वर्षों बाद अच्छा प्रदर्शन किया। हमने पदक जीतने वाले और उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को सम्मानित किया और यही कार्य हमने पैरा ओलम्पिक में भी किया।


मेरठ में बनाया जा रहा है मेजर ध्यानचंद के नाम पर पहले खेल विश्वविद्यालय

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर पहले खेल विश्वविद्यालय को बनाया जा रहा है। यही नहीं खेल-खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में तीन स्पोर्ट्स कालेज संचालित हैं। ओलम्पिक में एकल प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने पर 6 करोड़, सिल्वर जीतने पर 4 करोड़ और ब्रांज मेडल जीतने पर 2 करोड़ और टीम गेम्स में स्वर्ण जीतने पर 3 करोड़ रजत जीतने पर 2 करोड़ और कांस्य जीतने पर 1 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार दे रही है। इस अतिरिक्त ओलम्पिक खेलों में प्रतिभाग करने वालों को 10 लाख रुपये उपलब्ध कराते हैं। इसी प्रकार एशियन गेम्स और कामनवेल्थ खेलों के लिए भी प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में खेल को आगे बढ़ाने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। अंत में मुख्यमंत्री ने जीतने वाली टीम को बधाई दी और उपविजेता टीम को प्रोत्साहित किया।

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Deepak Kumar

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