×

Lucknow: SNA में पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीन पर केंद्रित पत्रिका 'छायानट' का हुआ विमोचन

Lucknow: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीन पर केंद्रित अकादमी की पत्रिका ‘छायानट‘ का विमोचन समारोह हुआ।

Shashwat Mishra
Published on: 1 July 2022 2:00 AM GMT
Lucknow News In Hindi
X

SNA में पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीन पर केंद्रित पत्रिका ‘छायानट‘ का हुआ विमोचन

Lucknow: शहर के स्मृतिशेष वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री योगेश प्रवीन (Senior litterateur Padmashree Yogesh Praveen) की स्मृतियां ताजा हो गईं। उनके प्रशंसकों ने उनकी स्मृतियों को साझा किया। कलाकारों ने उनकी चर्चित रचनाओं पर कथक सरंचनाएं पेश कीं। उनके लिखे भजनों की सुमधुर प्रस्तुतियों से पूरा सभागार गूंज उठा।

गुरुवार को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीन (Senior litterateur Padmashree Yogesh Praveen) पर केंद्रित अकादमी की पत्रिका 'छायानट' का विमोचन समारोह हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (Culture and Tourism Minister Jaiveer Singh), विशिष्ट अतिथि सुविख्यात लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अकादमी सचिव तरुण राज, डॉ अनिल रस्तोगी सहित कई कला-संस्कृतिप्रेमी मौजूद थे।


लखनऊ की धरती कला-संस्कृति प्रेमियों की

समारोह की शुरुआत अतिथियों ने पद्मश्री डॉ योगेश प्रवीन (Senior litterateur Padmashree Yogesh Praveen) पर केंद्रित अकादमी की पत्रिका छायानट के विमोचन कर की। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि लखनऊ की धरती कला-संस्कृति-साहित्य व परंपराओं की धरती है। साहित्य नगरी लखनऊ के महान रचनाकार डॉ योगेश प्रवीण (Senior litterateur Padmashree Yogesh Praveen) पर आधारित कार्यक्रम सराहनीय है। आजादी के दौरान जिन्होंने इस धरती से देश के लिए बलिदान दिया। लखनऊ की खुशबू आगे बढ़ेगी, भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यह खुशबू पूरे देश में प्रसारित हो। प्रधानमंत्री के एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने के लिए देश के बलिदानियों का संदेश आगे की पीढ़ी तक पहुंचाया जायेगा।


बहुआयामी व्यक्ति थे डॉ योगेश प्रवीन

पदमश्री मालिनी अवस्थी (Padmashree Malini Awasthi) ने कहा कि डॉ योगेश प्रवीन (Senior litterateur Padmashree Yogesh Praveen) जैसे कालजयी लोग होते हैं। जो कला-संस्कृति की परंपराएं लेकर चलते हैं। ऐसे सच्चे साधक होते हैं, जो कला को जीते हैं। डॉ योगेश बहुआयामी व्यक्ति थे। डॉ योगेश प्रवीन पर आधारित इस अंक की संपादिका दुर्गा शर्मा ने डॉ योगेश की स्मृतियों व पत्रिका के संपादन के अनुभव साझा किये।


रश्मिरथी के तृतीय सर्ग पर हुई प्रस्तुति

इसके बाद संगीत नाटक अकादमी के कथक केंद्र के कलाकारों ने प्रस्तुतिपरक कथक कार्यशाला के बाद कथक मनमोहक कथक सरंचनाएं पेश कीं। शुरुआत कथक कलाकारों ने कवि 'रामधारी सिंह दिनकर' की चर्चित कविता 'रश्मिरथी' पर आधारित कथक से की। प्रस्तुति रश्मिरथी के तृतीय सर्ग से (महाभारत के युद्ध प्रसंग) पर आधारित था। नृत्य नाटिका विभिन्न रागों भूपाली, विभास, हिंडोल, सोहनी, मारवा, भैरव आदि विभिन्न तालों कहरवा, दीपचंदी, तीनताल में समावेश रहा। प्रस्तुति में प्रियम, अनंत, शिवांगी, पार्थवी, विदुषी, गौरी, सानवी, शिवांगी, सलोनी, सुनिष्का, शरण्या व अनिमेष शामिल थे। परिकल्पना एवं निर्देशन श्रुति शर्मा ने किया।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story