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लखनऊ का भयावह मंजर: बैकुंठ धाम का नजारा देख कांप जाएगी रूह, 24 घंटे जल रहीं चिताएं

लखनऊ में तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से कोरोना संक्रमण इस कदर फैल चुका है कि स्थितियां बहुत ही भयावह होती जा रही हैं।

Ashutosh Tripathi
Reporter Ashutosh TripathiPublished By Vidushi Mishra
Published on: 28 April 2021 12:53 PM GMT (Updated on: 28 April 2021 12:54 PM GMT)
लखनऊ का भयावह मंजर: बैकुंठ धाम का नजारा देख कांप जाएगी रूह, 24 घंटे जल रहीं चिताएं
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ में तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से कोरोना संक्रमण किस कदर फैल चुका है कि स्थितियां बहुत ही भयावह होती जा रही हैं। इस भयानक को बताने के लिए ये तस्वीर काफ़ी हैं। लखनऊ में ऐसा खौफनाक मंजर आप रोज़ देख सकते हैं। बीते तीन-चार दिनों से बड़ी संख्या में लखनऊ के बैकुंठ धाम में कोविड संक्रमित मृतकों के शव आ रहे हैं। स्थिति भयावह है।


आंकड़ो को देखें, तो जितनी संख्या सीएमओ दफ्तर द्वारा जारी की जा रही है, उससे कई ज्यादा कोविड संक्रमित शव दाह संस्कार के लिए लाए जा रहे हैं। हालांकि इसके पीछे कारण यह भी है कि कई दूसरे जिलों व राज्यों से कोविड संक्रमित अपना इलाज कराने लखनऊ आ रहे हैं, जिनमें से कई की मौत हो रही है। और परिवारजन उनका अंतिम संस्कार यही करवा रहे हैं।


गांवों में भी फैला तेजी से संक्रमण

लखनऊ के अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना तेजी से अपने पैर पसारता हुआ नजर आ रहा है। गांवों में कोरोना जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जांच व इलाज न होने से हर रोज कई लोगों की जान भी जा रही है। वहीं गांवों में न सैनिटाइजेशन हो रहा है न दवा का छिड़काव किया जा रहा है।

प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 29824 नए मामले सामने आए, जबकि 266 लोगों की मौत हो गई। इसमे सबसे ज्यादा मामले (3759) लखनऊ से आए हैं। वहीं यूपी में अब 300041 एक्टिव केस हो चुके हैं। अभी तक यूपी में कोरोना से कुल 11943 लोगों की जान चुकी है।


ऐसे में महामारी कोरोना की दूसरी लहर से हो रही मौतों की वजह से श्मशान घाटों पर बड़ी तादाद में पहुंच रहे शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कम पड़ रही है। वहीं शहर के लकड़ी ठेकेदार इस जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते अब दूसरे जिलों से लकड़ी मंगाई जा रही है।

इन हालातों में नगर निगम अब तक करीब नौ हजार क्विंटल लकड़ी वन के कई जिलों के प्रभाग से मंगा चुका है। और यही नहीं अंतिम संस्कार का खर्च बढ़ने से नगर निगम के पास बजट की भी कमी हो गई है। जिसके लिए उसने शासन से 20 करोड़ रुपये की मदद भी मांगी है।

Vidushi Mishra

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