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Lucknow News: हाईस्कूल से MA तक के स्टूडेंट्स को पास कराता था गिरोह! फर्जी मार्कशीट बनाने वाले 3 अभियुक्तों को यूपी STF ने किया गिरफ्तार
Lucknow News: वेबसाइट के माध्यम से लोगों से बोर्ड के साथ साथ यूनिवर्सिटी का फॉर्म भरवाते थे और फिर फर्जी मार्कशीट बनाकर कोरियर से बताए गए पते पर भेज देते थे।
UP STF Arrested 3 Accused of Making Fake Mark Sheets
Lucknow News: शिक्षा के क्षेत्र में धांधली और धोखाधड़ी से जुड़े मामले तेजी से सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और यूपी STF की टीम लगातार अपनी सक्रियता दिखाती हुई नजर आ रही है। इसी सक्रियता के चलते यूपी STF की टीम ने फर्जी वेबसाइट बनाकर हाईस्कूल से लेकर MA तक के स्टूडेंट्स को परीक्षा में पास कराने की जिम्मेदारी लेने वाले गिरोह के 3 शातिर अभियुक्तों को गुरुवार को लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र स्थित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय स्कूल की बाउंड्री वॉल के पास सर्विस लेन से गिरफ्तार किया।
हाईस्कूल से लेकर MA तक के स्टूडेंट्स को कराते थे पास
STF की टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरोह के अल्ताफ राजा, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव और लक्ष्य राठौर नाम के तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में पता चला कि ये तीनों अभियुक्तों फर्जी वेबसाइट बनाकर हाईस्कूल से लेकर MA तक के स्टूडेंट्स को पास कराते थे। इसके लिए वेबसाइट के माध्यम से लोगों से बोर्ड के साथ साथ यूनिवर्सिटी का फॉर्म भरवाते थे और फिर फर्जी मार्कशीट बनाकर कोरियर से बताए गए पते पर भेज देते थे। गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्तों के कब्जे से 51 मार्कशीट्स के साथ सर्टिफिकेट, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, 2 लैपटॉप, चार मोबाइल फ़ोन और 4 मुहर बरामद हुई हैं।
फर्जी वेबसाइट बनाकर ऐसे चलता था फर्जीवाड़े का खेल
यूपी STF की ओर से हुई पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि अभियुक्तों ने मिलकर Go Daddy व Big Rock पर कई अलग अलग वेबसाइट बनाई। इन्हीं बेवसाइट पर फर्जी रिजल्ट भी अपलोड किया जाता था, ताकि स्टूडेंट्स वेबसाइट पर अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट ऑनलाइन चेक कर सकें। बताया जाता है कि इस फर्जी वेबसाइट पर शिक्षा बोर्ड और यूनिवर्सिटी की मार्कशीट बिल्कुल असली मार्कशीट जैसी दिखने के चलते किसी को शक नहीं होता था। गिरफ्तार हुए अभियुक्तों ने यूपी STF की टीम को पूछताछ में बताया कि वेबसाइट पर इनकी ओर से दिए जाने वाले फर्जी रिजल्ट के आधार पर कई स्टूडेंट्स को प्राइवेट नौकरी तक मिल जाती थी।
एक फर्जी मार्कशीट बनाने का लेते थे 15 से 20 हजार रुपए
पूछताछ में अभियुक्तों ने खुलासा करते हुए बताया कि ये लोग फर्जी मार्कशीट बनाने का प्रति व्यक्ति 15 से 20 हजार रुपये लेते थे। जानकारी के मुताबिक, अभी तक लगभग 2 हजार लोगों को फर्जी मार्कशीट बनाकर कुरियर के जरिये भेज चुके हैं।