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Meerut: सैंकड़ों आवंटियों को आवास हुआ था अलॉट, लेकिन सालभर बाद भी नहीं मिला कब्जा
Meerut News: उत्तर प्रदेश आवास विकास ने पांच सौ आवंटियां की, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद अब तक आवास पर कब्जा नहीं मिल पाया है।
Meerut News: उत्तर प्रदेश आवास विकास (Uttar Pradesh Housing Development) के आवंटी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ये वो आवंटी हैं जिन्होंने आवास विकास परिषद के सुनहरे वादों पर यकीन करके आवास विकास परिषद के आवास के लिए पंजीकरण कराया था। पंजीकरण के बाद जब उन्हें आवास विकास परिषद (Uttar Pradesh Housing Development) द्वारा गढ़ रोड स्थित जागृति विहार एक्सटेंशन योजना 11 के सेक्टर-5 में आवास एलॉट किये गये, तो उन्हें लगा कि उनका अपने घर का सपना आवास विकास परिषद के जरिए सच होने वाला है। लेकिन, अब उन्हें अपने घर का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि इस मामले में मेरठ के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह (Meerut commissioner Surendra Singh) ने पीड़ित आवंटियों के दर्द को समझते हुए आवास विकास परिषद के संयुक्त आयुक्त को पत्र जारी कर आवंटियों की समस्या पर दल दिन के अंदर कार्रवाई की आख्या मांगी है।
500 आवंटियों को अब तक नहीं मिल पाया आवास
बता दें कि अलॉट होने के ऐसे पांच सौ आवंटियों को अब तक आवास नहीं मिल पाया है। जबकि एक साल पहले उन्हें आवास एलॉट किया जा चुका है। ऐसे आवंटियों की लड़ाई लड़ रहे भाकियू नेता सुशील पटेल कहते हैं,आवास विकास के पास आवंटियों की करीब 40 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा होने के बावजूद उन्हें अभी तक उनके आवंटित आवास एलॉट नही हो सके हैं। ऐसे में उन आवंटियों की मुसीबत और बढ़ गई है, जो किराए के मकान में रहकर आवंटित आवास की किस्त लगातार दे रहे हैं। पिछले एक साल के दौरान एक दर्जन से अधिक बार ऐसे आंवटी आवास विकास कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नही हुई है।
गत वर्ष भवनों के आवंटन की प्रक्रिया की थी शुरू
बता दें कि जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या-11 के सेक्टर-5 में गत वर्ष भवनों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया के तहत आए आवेदनों का लकी ड्रॉ के माध्यम से भवनों का अलॉटमेंट कर दिया गया था। भवन अलॉट होने के बाद अधिकतर आवेदकों ने अपने भवनों की किस्त जमा करना भी शुरू कर दी थी। बहुत से आवेदकों ने पूरा पैसा जमा करा दिया लेकिन एक वर्ष बाद भी आवंटियों को उनके भवन पर कब्जा नहीं मिल पाया है।
किसानों ने बढ़ी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरू
दरअसल, जागृति विहार एक्सटेंशन योजना (Jagriti Vihar Extension Scheme) सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना (Jagriti Vihar Extension Scheme) को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर की दर एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर की 800 रुपए, घोसीपुर की 600 रुपए प्रति वर्ग मीटर दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपए बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढ़ी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरू कर दी।
अपने घर पर ही कब्जा लेना बन गया परेशानी: सुशील पटेल
इस विवाद पर सुशील पटेल कहते हैं, अपने घर पर ही कब्जा लेना परेशानी बन गया है। योजना में इतना विवाद था तो आवास विकास खुद ही इसे होल्ड कर देता। कम से कम आवंटी तो परेशान न होते। बकौल पटेल,किसानों की मांग पर निर्णय होने के बाद ही आवंटन प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थे। लेकिन आवास विकास ने आवंटियों को अंधेरे में रखा। किस्तों का पैसा लेता रहा और किसानों को टरकाता रहा।
आवास विकास से किया जवाब-तलब: कमिश्नर
बहरहाल, अब अब इस मामले को कमिश्नर सुरेंद्र सिंह (Meerut commissioner Surendra Singh) ने संज्ञान में लेते हुए आवास विकास से जवाब-तलब किया है। कमिश्नर ने आवास विकास के संयुक्त आयुक्त को पत्र जारी कर आवंटियों की समस्या पर 10 दिन के अंदर कार्रवाई की आख्या मांगी है। कमिश्नर का पत्र जारी होते ही आवास विकास के आला अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। कमिश्नर के संज्ञान में लेने के बाद आवंटियों को अपने आवास का सपना सच होने की आस जगी है।
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