मोदी सरकार से खफा हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का परिवार, पत्नी ने अवॉर्ड वापसी की दी धमकी

Manali Rastogi
Published on: 17 July 2018 4:45 AM
मोदी सरकार से खफा हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का परिवार, पत्नी ने अवॉर्ड वापसी की दी धमकी
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वाराणसी: भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलंपियन मोहम्मद शाहिद के परिजन मोदी सरकार से खफा हैं। मो.शाहिद की पत्नी परवीन ने अपने पति को मिले पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड वापस करने की बात कही है। उनका आरोप है कि पति के इंतकाल के 2 साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर सकी हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 20 जुलाई को मोहम्मद शाहिद की दूसरी बरसी पर वह सभी अवॉर्ड सरकार को वापस कर देंगी।

मुस्लिम हूं, इसलिए पीएम ने नहीं मिलने दिया गया

परवीन शाहिद ने वाराणसी जिला प्रशासन और बीजेपी के नेताओं पर संगीन आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मोदी के बनारस आने पर कई बार मिलने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार उन्हें रोक दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिम होने की वजह से बीजेपी नेता प्रधानमंत्री से मिलने नहीं देते।

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परवीन के मुताबिक पति के अंतिम संस्‍कार में केंद्र और यूपी सरकार के कई मंत्रियों समेत तमाम लोग शामिल हुए थे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक संदेश भेज कर दुख जताया था। परवीन ने कहा, 'सभी ने सहारा देने की बात कहा था, लेकिन हर कोई संकट के दौर में परिवार को भूल गया। उस वक्‍त किया गया एक भी वादा सरकार ने पूरा नहीं किया।'

सरकार कर रही है वादाखिलाफी

परवीन के मुताबिक पति के मौत को दो साल होने को हैं लेकिन सरकार अभी तक अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने बताया कि डीएलडब्ल्यू स्थित स्टेडियम का नाम मोहम्मद शाहिद के नाम पर किया जाना था। इसके अलावा पति के नाम पर हॉकी टूर्नामेंट का भी हर साल आयोजन किया जाना था।

mohammad shahid

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इनमें से कोई वादा पूरा नहीं हुआ। परवीन ने बताया, 'बीते साल शाहिद के जन्‍मदिन पर परिजनों ने ग्रैच्‍यूटी के मिले करीब तीन लाख खर्च कर एक टूर्नामेंट कराया। उस वक्‍त भरोसा दिलाया गया कि जो भी खर्च होगा सरकार वहन करेगी। एक साल बीतने को हैं, अब तक एक पाई भी नहीं मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी बनारस आए उनसे मिलने का समय मांगा, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी।'

पेंशन के सहारे चल रहा है घर

परवीन के मुताबिक मौजूदा दौर में उनका घर मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है। पेंशन के सहारे पूरे परिवार का पालन हो रहा है। रेलवे की ओर से बेटे को नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन अबी तक ट्रेनिंग दी गई है। आपको बता दें कि मोहम्मद शाहिद हॉकी की दुनिया का एक बड़ा नाम था।

मेजर ध्यानचंद्र के बाद मोहम्मद शाहिद हॉकी के सबसे बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरे। उन्हें ड्रिबलिंग का जादूगर कहा जाता है। मोहम्मद शाहिद की अगुवाई में भारतीय हॉकी टीम ने साल 1980 में मास्को में हुए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए शाहिद को 1981 में अर्जुन पुरस्‍कार और 1986 में पद्मश्री सम्‍मान से नवाजा गया था। लंबी बीमारी के बाद 20 जुलाई 2016 को शाहिद को निधन हो गया था।

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