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Gorakhpur: पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में युवाओं के लिए नजीर रूप में किया निमित का जिक्र

Gorakhpur News: मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर के निमित सिंह का जिक्र किया।

Purnima Srivastava
Published on: 31 July 2022 4:15 PM GMT
Gorakhpur News In Hindi
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गोरखपुर के निमित सिंह। 

Gorakhpur: मधुमक्खी पालन (Bee keeping) और खुद के ब्रांड के शहद उत्पादन का स्टार्टअप शुरू कर गोरखपुर के निमित सिंह आज पूरे देश में सर्वविदित हो गए। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (Chief Minister Self Employment Scheme) से अनुदानित लोन लेकर अपने स्टार्टअप को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले निमित की चर्चा रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात कार्यक्रम (Mann Ki Baat Program) में की। पीएम मोदी (PM Modi) ने उनके स्टार्टअप की मुक्त कंठ से सराहना की और उनका उल्लेख युवाओं के लिए नजीर के रूप में किया। पीएम द्वारा गोरखपुर के निमित सिंह की सराहना किए जाने पर सीएम योगी (CM Yogi) ने उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।

गोरखपुर के दिव्य नगर कॉलोनी के रहने वाले हैं निमित सिंह

निमित सिंह मूलतः गोरखपुर के दिव्य नगर कॉलोनी के रहने वाले हैं और सम्प्रति बाराबंकी में मधुमक्खी पालन और मधुमक्खीवाला ब्रांड से कई रेंज में शहद का कारोबार करते हैं। उन्होंने अन्नामलाई विश्वविद्यालय से वर्ष 2014 में मेकेनिकल ट्रेड से बीटेक किया। पढ़ाई करने के बाद उन्होंने नौकरी करने की बजाय खुद का स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया। उनके पिताजी डॉ केएन सिंह ने उन्हें मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में हाथ आजमाने की सलाह दी। स्टार्टअप शुरू करने से पहले बुनियादी जानकारी हासिल करने के लिए उन्होंने सिक्किम, कोलकाता, झारखंड समेत आधा दर्जन राज्यों में भ्रमण कर मधुमक्खी पालन का तौर तरीका देखा और सीखा। इस दौरान ही उन्होंने दूरस्थ शिक्षा प्रणाली से एमबीए की पढ़ाई भी पूरी कर ली। 2016 में उन्होंने 50 बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया। फिर अपने तैयार शहद को खुद ही बाजार में उतारने का फैसला किया। वह खुद ही लखनऊ में अलग-अलग सार्वजनिक स्थानों पर जाते और खुद द्वारा उत्पादित शहद को अपने ब्रांड से बेचते।


2018 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से दिया स्टार्टअप को विस्तार

अपने ब्रांड के शुद्ध शहद के प्रति लोगों का शानदार रिस्पांस देख निमित ने 2018 में स्टार्टअप को विस्तार देने का फैसला किया। उनके इस फैसले में मददगार बनी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (Chief Minister Self Employment Scheme)। इसके तहत उन्होंने 10 लाख रुपये का लोन लेकर मशीन व अन्य उपकरण स्थापित कर शहद उत्पादन को औद्योगिक रूप दिया। उनके मधुमक्खी पालन का बेस बाराबंकी है। अपने ब्रांड को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए उन्होंने लखनऊ के चिनहट में लैब भी बना रखी है। लैब में शहद के स्वाद, गुणवत्ता व औषधीय गुणों का नियमित परीक्षण किया जाता है। निमित बताते हैं कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से लिया उन्होंने चुका दिया है। अब कारोबार को और विस्तार देने के लिए प्रधानमंत्री माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज स्कीम (Prime Minister Micro Food Processing Enterprises Scheme) से 15 लाख रुपये का ऋण लिया है।

खुद के शोध से कई तरह की शहद उतार चुके हैं बाजार में

निमित सिंह सिर्फ मधुमक्खी का पालन ही नहीं करते हैं बल्कि उससे निकले शहद पर निरंतर शोध भी करते हैं। अपने रिसर्च से वह अलग अलग फूलों, फलों वाले आठ प्रकार के स्वाद व मेडिसिनल गुणों वाले शहद को बाजार में उतार चुके हैं। निमित सिंह अपने शोध का हवाला देकर बताते हैं कि जहां सरसों, लीची, जामुन, यूकेलिप्टस, नीम, बबूल, तिल, तुलसी आदि की फसलें हैं, वहां पर वैसे ही सुंगध, स्वाद, रंग और औषधीय गुण वाला शहद तैयार हो रहा है। उन्होंने जिस फल या फूल के तत्व से शहद बना है, उसी के मुताबिक नाम देकर बाजार में उतारा है। यही नहीं, मधुमक्खीवाला ब्रांड के लिए बाजार हेतु उन्होंने किसी कंपनी का सहारा लेने के बजाए खुद ही मार्केटिंग का प्लैटफॉर्म तैयार किया है।

शहद के मोम से 115 परिवारों को रोजगार से जोड़ा

निमित ने सिर्फ शहद के कई फ्लेवर ही नहीं तैयार किए बल्कि इसके बचे मोम से मोमबत्ती, खिलौने, साबुन आदि भी तैयार किए। बाराबंकी के चैनपुरवा गांव में उन्होंने पुलिस अधिकारी अरविंद चतुर्वेदी की पहल पर 115 ऐसे परिवारों को मोम के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा है जो कभी शराब के कारोबार व नशे के लिए बदनाम थे।


दो करोड़ का सालाना टर्नओवर है निहित का

निमित के स्टार्टअप का एक छोटा प्रयास आज सलाना दो करोड़ रुपये के टर्नओवर का रूप ले चुका है। उनके शहद उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक के नेटवर्क में 700 लोग रोजगार पा रहे हैं। इतना ही नहीं, निमित्त उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों के अलावा पंजाब, तामिलनाडु, बंगाल, उत्तराखंड व राजस्थान में बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण देकर उनको अपने ब्रांड के नाम से ही शहद बेचने के लिए प्रेरित किया। अब तक वह पांच सौ से अधिक किसानों को इस कार्य से जोड़ चुके हैं। इस सात दिन के प्रशिक्षण आदि का वह कोई खर्च नहीं लेते बस उनको अपने ब्रैंड के नाम से ही शहद बेचने के लिए प्रेरित करते हैं।

स्वरोजगार को भी करते हैं प्रेरित

निमित युवाओं व किसानों को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित करते हैं। वह बताते है कि हार्टिकल्चर मिशन के तहत राज्य सरकार एक इकाई (50 बॉक्स) लगाने पर आने वाले व्यय 2.20 लाख पर 40 प्रतिशत सब्सिडी देती है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी खुद का काम शुरू करने के लिए संजीवनी है। इच्छुक युवाओं को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए वह खुद पहल भी करते हैं।

निमित का जिक्र कर ये कहा पीएम मोदी ने

शहद उत्पादन में आज इतनी अधिक संभावनाएं हैं कि प्रोफेशनल पढ़ाई करने वाले युवा भी किसे अपना स्वरोजगार बना रहे हैं। ऐसे ही एक युवा हैं, यूपी में गोरखपुर के निमित सिंह। निमित जी ने बीटेक किया है। उनके पिता भी डॉक्टर हैं, लेकिन पढ़ाई के बाद नौकरी की जगह निमित जी ने स्वरोजगार का फैसला लिया। उन्होंने शहद उत्पादन का काम शुरू किया। क्वालिटी चेक के लिए लखनऊ में अपनी एक लैब भी बनवाई। निमित जी अब शहद और बी वैक्स से अच्छी कमाई कर रहे हैं, और अलग-अलग राज्यों में जाकर किसानों को प्रशिक्षित भी कर रहे हैं।"

सीएम योगी जताया पीएम मोदी का आभार

'मन की बात' में रविवार को गोरखपुर के निमित सिंह के स्वरोगजार की चर्चा करने के लिए सीएम योगी ने पीएम मोदी के प्रति आभार जताया है। इस संबंध में एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात में आज हनी (शहद) और बी वैक्स उत्पादन के क्षेत्र में गोरखपुर के निमित सिंह की लगनशीलता को सराहा है। निमित के प्रयास असंख्य युवाओं को स्वरोजगार व रोजगार सृजन के लिए प्रेरित करेंगे। आभार प्रधानमंत्री जी।'

Deepak Kumar

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