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Prayagraj: गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा अमृत महोत्सव, तिरंगा झंडा बनाकर कई परिवारों को मिला रोजगार

Prayagraj: आजादी का अमृत महोत्सव गरीबों के लिए एक वरदान भी साबित हो रहा है। कारीगरों को कई दिन पहले से ही सैकड़ों की संख्या में तिरंगे झंडे को बनाने का ऑर्डर मिल रहे है।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 11 Aug 2022 1:22 PM GMT
Prayagraj News In Hindi
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Prayagraj: गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा अमृत महोत्सव

Prayagraj: जैसे जैसे 15 अगस्त का दिन करीब आ रहा है वैसे वैसे हर ओर तिरंगे झंडे लगे हुए नजर आ रहे हैं। पूरा देश इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है ऐसे में ये महोत्सव गरीबों के लिए एक वरदान भी साबित हो रहा है। सड़क किनारे फुटपाथ पर लकड़ी से बने सामानों को बेचने वाले कारीगर सरकार की की इस पहल से बेहद खुश हैं। कारीगर बताते हैं कि अबकी बार तिरंगा झंडे का ऑर्डर इतना मिल गया है, जितना उन्हें बीते कई सालों तक नहीं मिला था। पहली बार ऐसा हो रहा है जब इतनी भारी संख्या में लोग तिरंगा झंडाखरीद रहे हैं। साथ ही साथ कई दिन पहले से ही उनको सैकड़ों की संख्या में तिरंगे झंडे को बनाने का ऑर्डर भी मिलना शुरू हो गया।

अमृत महोत्सव की वजह से रोजगार में हुआ इजाफा

प्रयागराज के रहने वाले कैलाश का कहना है कि अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) उनके परिवार के लिए एक वरदान से कम साबित नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सराहना करते हुए कैलाश का कहना है कि उनका परिवार बांस की लकड़ी से जुड़े सजावटी सामानों का निर्माण करता है और बेचता है । बीते कोरोना काल से ही उनके कारोबार में ज्यादा बचत नहीं हो रही थी। लेकिन जिस तरीके से अमृत महोत्सव को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने आह्वान किया उसके बाद से ही उनके परिवार का हर सदस्य तिरंगा झंडे बनाने के कार्य में जुट गया। घर का कोई व्यक्ति तिरंगा की स्टिक बनाता है तो कोई तिरंगे झंडे को अंतिम रूप देता है।


बीते 10 दिनों में भारी संख्या में तिरंगे की डिमांड बढ़ी: कैलाश

कैलाश बताते हैं कि बीते 10 दिनों में भारी संख्या में तिरंगे की डिमांड बढ़ी है और परिवार के कुछ अन्य सदस्यों को भी तिरंगे झंडे बनाने के लिए जोड़ना पड़ा है। कैलाश का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतनी भारी संख्या में लोग तिरंगे झंडे खरीदने के लिए आ रहे हैं या फिर वह आर्डर दे रहे हैं । इससे पहले इतनी भारी संख्या में लोग कभी नहीं आते थे। दूसरी तरफ कैलाश की ही तरह राजेंद्र भी सरकार के इस फैसले से बेहद खुश हैं। उनके परिवार में 7 सदस्य हैं जो इसी तरह बांस की लकड़ी से बने सामानों का कारोबार करते हैं।


पिछले 10 दिनों से उनके परिवार के आर्थिक स्थिति में काफी सुधार: विजेंद्र

विजेंद्र का भी मानना है कि पिछले 10 दिनों से उनके परिवार के आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आमदनी में इजाफा हुआ तो विजेंदर ने अपने बच्चों के लिए खिलौने भी खरीद लिए। दोनों ही परिवार सरकार की इस पहल की जमकर के हैं सराहना तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ उनका कहना है कि सरकार गरीबों के हित में ही काम कर रही है और सभी वर्गों के लोगो का भी ध्यान रख रही है।


प्रयागराज में हर दिन बिक रहे है हजारों की संख्या में झंडे

हर घर तिरंगा के तहत प्रयागराज में हर दिन तिरंगे झंडे की डिमांड बढ़ रही है। एक औसत के अनुसार हर दिन 50,000 से अधिक झंडे लोग खरीद रहे हैं। अमृत महोत्सव को लेकर के प्रयागराज से सटे जिले के लोग भी प्रयागराज आ करके तिरंगे झंडे खरीद रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार के इस आह्वान के बाद एक तरफ जहां गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिली है तो वहीं दूसरी तरफ देश के हर वर्ग के लोग भी आजादी के 75 साल पूरे होने का महत्व समझ रहे हैं।

Deepak Kumar

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