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BHU में स्टूडेंट्स ने घेरा वीसी ऑफिस, करप्शन से मांगी आजादी

Newstrack
Published on: 8 March 2016 12:01 PM GMT
BHU में स्टूडेंट्स ने घेरा वीसी ऑफिस, करप्शन से मांगी आजादी
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वाराणसीः बीएचयू के स्टूडेंट्स ने मंगलवार सुबह वीसी ऑफिस के बाहर अपनी मांगो को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स ने मांग की है कि सिटी स्कैन सेंटर के साथ बीएचयू प्रशासन करार समाप्त करे।

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क्या हैं स्टूडेंट्स की मांग

-स्टूडेंट्स का कहना है कि वे इस करप्शन को नहीं चलने देंगे।

-बीएचयू को हुई 12 करोड़ की क्षति की भरपाई मनोज शाह से तुरंत की जाए।

-बीएचयू अस्पताल में चल रही पीपीपी मॉडल की सभी इकाइयों को बीएचयू अधिग्रहीत करे।

-नो प्राफिट नो लॉस के आधार पर संचालित करे।

-भ्रष्टाचार के मामले में विजिटर स्तर से विजिटोरियल जांच समिति गठित की जाए।

-भ्रष्टाचार में लिप्त फर्म के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज हो।

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स्टूडेंट्स का आरोप

-सिटी स्कैन सेंटर की कुल आय का बंटवारा मनोज शाह की फर्म एवं बीएचयू के बीच क्रमशः 70/30 के अनुपात में निर्धारित हुआ था।

-एक साल बाद मनोज शाह ने मनगढ़ंत आय-व्यय प्रस्तुत किया।

-बीएचयू से एक वर्ष की छूट के रूप में 90/10 का अनुपात तय करा लिया।

-छूट की राशि इस अवधि के अंत में बीएचयू को वापस होनी थी।

-इस एक वर्ष के अंत में मनोज शाह को पुनः एक वर्ष की छूट मिल गई।

-साल बीतने के बाद शाह ने बीएचयू के अधिकारियों से मिलकर छूट को स्थाई करा लिया।

-इस पर बीएचयू के ऑडिट एवं कैग ने आपत्ति उठाई।

-क्योंकि टेंडर अवॉर्ड होने के बाद दरों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।

-यह मामला अभी कैग के विचाराधीन है।

-सर सुंदर लाल चिकित्सालय के सिटी स्कैन सेंटर की औसत आय तकरीबन 50 लाख रुपये है।

-इसका मतलब है कि पिछले सात साल में सेंटर ने करीब 40 करोड़ रुपये की आय की।

-जिसमें से 30 प्रतिशत की दर से बीएचयू को 12 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया।

-इस लूट के बाद बीएचयू ने शर्मनाक तरीके से सात वर्ष की लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद भी उसे उसे उसी दर पर बगैर टेंडर के अलगे सात साल के लिए नवीकृत कर दिया।

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बीएचयू प्रशासन की सफाई

-यूनिवर्सिटी के एपीआरओ डॉ. राजेश सिंह ने कहा कि कुलपति ने इस मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया है।

-समिति की रिपोर्ट आते ही दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-जहां तक स्टूडेंट्स के आंदोलन का सवाल है तो उनके दो दिवसीय धरने के बाद ही जब वीसी ने जांच समिति गठित कर दी तो उन्हें खुद ही उठ जाना चाहिए था।

-लेकिन उनका उद्देश्य यूनिवर्सिटी में अशांति फैलाना था।

-ये वही स्टूडेंट समुदाय हैं जो बार-बार यूनिवर्सिटी में अशांति फैला रहे हैं।

-इन्हें पूर्व में निलंबित किया गया था।

-तब इन सब ने लिखित तौर पर दिया है कि भविष्य में किसी तरह की गड़बड़ी पर यूनिवर्सिटी उनके विरुद्ध कोई भी कार्रवाई कर सकता है।

-अब स्टूडेंट्स का निलबंन वापस नहीं लिया जायेगा।

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