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एक क्लिक में पढ़ें भदोही जिले की प्रमुख ख़बरें, जानें कहां-क्या हुआ   

थाना प्रभारी निरीक्षक ने बैठक मे मौजूद लोगों से कहा कि किसी विवाद में न पड़े। रंग में भंग डालने का प्रयास करने वाले अराजक तत्वों पर पैनी नजर रखें ऐसे लोगों की सूचना तुरंत पुलिस को दें जिससे ऐसे अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

SK Gautam
Published on: 6 March 2020 3:20 PM GMT
एक क्लिक में पढ़ें भदोही जिले की प्रमुख ख़बरें, जानें कहां-क्या हुआ   
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भदोही: थाना परिसर में आपसी भाईचारे के प्रतीक होली के त्यौहार को लेकर पीस कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें थानाप्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह ने कहा कि होली का त्यौहार सभी लोग मिलजुल कर मनाएं। उन्होंने कहा सभी को एक दूसरे को प्यार और मोहब्बत के रंग से रंगने के अलावा खुशियों की मिठास के साथ इस पर्व को सौहार्द के वातावरण में मनाना चाहिए। उन्होने कहा कि रंग खेलने के दौरान किसी से अभद्रता न करें किसी को उसकी सहमति के बिना रंग लगाने का प्रयास भी ना करें।

थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह किया अपील

थाना प्रभारी निरीक्षक ने बैठक मे मौजूद लोगों से कहा कि किसी विवाद में न पड़े। रंग में भंग डालने का प्रयास करने वाले अराजक तत्वों पर पैनी नजर रखें ऐसे लोगों की सूचना तुरंत पुलिस को दें जिससे ऐसे अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके। थाना प्रभारी निरीक्षक विजय प्रताप सिंह ने बैठक में मौजूद लोगों से अपील करते हुऐ कहाकि कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था खराब हो उन्होंने कहा कि पुलिस पूरी तरह होली के त्यौहार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह , सब इस्पेक्टर शिव शंकर सिंह, राजेंद्र सिंह कांस्टेबल ओम प्रकाश व थाने मे कार्यरत पुलिस व ग्राम प्रहरियों (चौकीदार ) आदि मौजूद रहे।

कुरमैचा में एक गरीब प्लास्टिक की झोपडी में रहने पर विवश, जिम्मेदार मौन

सरकार भले ही सभी को मूलभूत सुविधाये देने के लिए बचनबद्ध है और उसके लिए लगातार प्रयास जारी है। लेकिन आज भी ऐसे मामले देखने को मिल जाते है जो मन को झकझोर देते है। और जिम्मेदार लोग है कि वे केवल कागजी कोरम पूरा करके सरकार को अपनी फर्ज अदायगी कर देते है। जिले के अधिकारियों को पता ही नही होता कि उनके विभाग के लोग क्या कर रहे है? केवल शिकायत होने पर एक रटा रटाया जबाब देकर निकल लेते है कि देखाया जायेगा जो गलत होगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।

लेकिन यह सब केवल आम आदमियों को मूर्ख बनाने का तरीका है। सभी लोग इस तरह के मामले व घटनाओं को खूब जानते है लेकिन क्या पडी है इनसे? परेशान तो गरीब व लाचार व्यक्ति है जो इन लोगो के खिलाफ कुछ कर नही सकता है। यदि वह सरकार के सिस्टम का सहारा लेगा तो भी सरकार के ही नुमाइंदे लीपा पोती करके झूठी रिपोर्ट अपने मातहत को भेजकर या कोई बहाना बनाकर पाक साफ बन जायेंगे। सरकार भले ही सख्त रवैया अपनाये लेकिन जिलास्तर पर लापरवाही व मनमानी के वजह से जरूरतमंद भी आज समस्याओं से दो चार होते है। और हमेशा होते रहेंगे जब तक सरकारी अधिकारी ईमानदारी व जिम्मेदारी से अपने कार्यों को नही करेंगे।

भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील के कुरमैचा गांव में एक ऐसा गरीब परिवार है जो बीते कई महिने से प्लास्टिक की झोपडी बनाकर रहने पर विवश है। लेकिन सरकार के तरफ से नामित जिम्मेदार एक बार भी गरीब की सुधि न ली। सहायता करनी तो दूर की बात है। मालूम हो कि बीते वर्ष में हुई मूसलाधार बारिश से कुरमैचा निवासी विजय बहादुर बिन्द का घर धराशायी हो गया था। और पूरा परिवार बेघर हो गया। विजय बहादुर अपने परिवार को रखने के लिए वही पर प्लास्टिक से झोपडी बनाकर रह रहा है। जहां पर वह खुले में ही अपने गृहस्थी के सामान को रखा है। और इस ठंढी के मौसम में भी गरीब का परिवार प्लास्टिक में रहकर जीवन बिता रहा है।

लेकिन अपने को वातानुकूलित कमरों में रखने वालों को इस गरीब से क्या मतलब? उन्हें तो तब गरीबों की सुधि आती है जब उनका आका उनको डांटता है तब समझ में आता है। ग्राम प्रधान, लेखपाल और ग्राम पंचायत अधिकारी तो इस गरीब के यहां हालचाल लेने पहुंचे ही नही तो औरों की बात की जाये? केवल चुनाव के समय नेता भी गरीबों से वोट लेने के लिए झूठा आश्वासन देते है और जीत जाने के बाद अपने को किसी भगवान से कम नही समझते जन प्रतिनिधि और अपने पद व रूतबा के आगे गरीबों से कोई जैसे मतलब नही है। विजय बहादुर अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ प्लास्टिक की फटी झोपडी में रहता है।

लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस तरह के गरीबों पर ध्यान ही नही देते है। और सरकार की मंशा को तार तार करने से बाज नही आते है जिम्ममेदार। यह तो कुरमैचा निवासी विजय बहादुर एक उदाहरण मात्र है ऐसे न जाने कितने गरीब जिले में सिस्टम की लापरवाही की शिकार है। जो जिम्मेदार केवल शासन को झूठा व मनमानी आंकडा भेजकर सरकार और आम आदमी को मूर्ख बना रहे है। यदि जिम्मेदार लोग अपने कार्य करने के तरीका में बदलाव नही करेंगे तो शासन के मंशा के अनुरूप सही लोगो को योजनाओं का लाभ नही मिल पायेगा।

जागरूकता शिविर में दो सौ से अधिक महिलायें हुई सम्मिलित

उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद मे गोपीगंज क्षेत्र के पुरवां में स्थित अजोराधाम के प्रांगण में शुक्रवार को महिला चिकित्सा एवं कैसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें दो सौ से अधिक महिलाओं को जागरूक किया गया। इस शिविर में प्रसूति व महिला रोग विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन डा साधना जायसवाल ने शिविर में आई हुई सभी महिलाओं को बडे ही अच्छे ढंग से रोगो के लक्षण के बारे में बताया तथा लोगो को तरह तरह की बातों के माध्यम से जागरूक भी किया।

डा. साधना जायसवाल ने कहा कि आज रोगो की बढोत्तरी में हमारा खानपान, दिनचर्या, लापरवाही, आलस्य व जागरूकता की कमी काफी सहायक है। डा ने बताया कि पहले के समय लोग मेहनत करते थे जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत थी लेकिन आज लोग आलस्य या निष्क्रियता के वजह से रोगो को आमंत्रित करते है। कहा कि लोगो को अपने खानपान और दिनचर्या पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कैंसर के बारे में कहा कि देश में स्तन कैंसर और बच्चेदानी का कैंसर ज्यादा महिलाओं में पाया जा रहा है। बताया कि बीते छ: वर्षों में कैंसर 10 गुना बढा है।

पूरे विश्व में कैंसर से मरने वालों की संख्या में भारत का प्रमुख स्थान है। हालांकि डा साधना ने यह भी कहा कि शुरू में ही कैंसर के लक्षण का पता चल जाये और उसपर बचाव और परहेज किया जाये तो शत प्रतिशत सही होने का मौका है। लेकिन भारत में कैंसर का पता बाद के स्टेज पर पता चलता है और तब तक देर हो चुकी होती है। इसके लिए जागरूकता की बहुत जरूरत है। कहा कि लक्षण दिखने पर तुरन्त चिकित्सक से मिलकर ईलाज कराना चाहिए।

डा. साधना ने बताया कि गांव व शहर की महिलाओं में कैंसर के लगभग वही औसत है। कहा कि स्तन कैंसर के लिए कुछ भ्रांतियां है जैसे चुस्त कपडे पहनना या मोबाइल सीने के पास रखना। इस तरह की बातों के बारे में कोई पुख्ता रिपोर्ट नही आई है। हालांकि लोग इस तरह से बे तो अच्छा ही है।

डा. साधना ने बडी ही खुशी जाहिर की कि गांव कि महिलाये भी काफी सवाल पूछ रही थी और जबाब पाकर खुश हो रही थी। इस दौरान डा साधना ने आई हुई महिलाओं को रोगों के लक्षण के बारे में भी चर्चा की। कहा कि महिलाये मासिक धर्म को लेकर शर्म करके लापरवाही करती है जो उनके लिए घातक हो जाता है। किसी भी दिक्कत होने पर चिकित्सक से मिलकर सलाह लेना जरूरी है नही तो थोडी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

कार्यक्रम के समापन के उपरान्त महान्याविद डा परमेश्वरनाथ मिश्र ने स्वरचित पुस्तक भेंट की तथा इस तरह के आगे भी जागरूकता शिविर का आयोजन करने की बात कही। इस मौके पर राजधर मिश्र, बीडी सिंह, हीरामणि यादव, भूंवर यादव, लव दूबे समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

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