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Lucknow: लखनऊ में सड़क पर मास्क लगा के चलें, स्मार्ट होते शहर में मिट्टी और धूल

Lucknow News Today: राजधानी लखनऊ को स्मार्ट बनाने की कवायद में जुटी है योगी आदित्यनाथ की सरकार। यहां पर सड़कें फुटपाथ या तो खुदे पड़ें हैं, या फिर काम पूरा हो चुका है लेकिन कई स्थान पर अभी भी अधुरा ही है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 May 2022 4:25 AM GMT
dilapidated roads of Lucknow
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लखनऊ की जर्जर सड़कें (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow News: यूपी की राजधानी लखनऊ को स्मार्ट बनाने की कवायद में जुटी है योगी आदित्यनाथ की सरकार(Yogi Government)। स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) और अमृत योजना (Amrut Mission) के अंतर्गत कई कार्य हो रहे हैं। सड़कें फुटपाथ या तो खुदे पड़ें हैं, या फिर काम पूरा हो चुका है लेकिन कई स्थान पर अभी भी अधुरा ही है।

यहाँ से गुजरें तो सतर्क रहें

बुद्धा पार्क के पास से जब आप गुजरेंगे तो वहां मिट्टी और निर्माण सामग्री का ढेर नजर आएगा। सुबह ऑफिस और स्कूल लगने के समय जब ट्रैफिक अधिक होता है, तब वाहन इनसे होकर गुजरते हैं और धूल उडती है। यही हालात शाम के समय भी होती है।


इसीतरह सूरजकुंड पार्क से जनरल वाली कोठी के पास आपको फुटपाथ पर मिट्ठी के ढेर नजर आ जायंगे। वहीँ जब आप नेशनल कालेज से भैंसाकुंड की तरफ बढ़ते हैं, तब फ्लाई ओवर से ठीक पहले भी आपको अपने को धूल से बचाना होता है।

स्ट्रीट लाइट्स नदारद

सूरजकुंड पार्क से जनरल वाली कोठी तक काफी समय पहले पाइपलाइन पडी थी। सडक बन चुकी है, लेकिन अभीतक स्ट्रीट लाइट्स नहीं लगी हैं। दिन में तो कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन दिन ढलते ही यहाँ अंधेरा हो जाता है। हजरतगंज से पुराने लखनऊ को जोड़ने वाली ये मुख्य सड़क है।


ऐसे में रात भर इसपर हैवी ट्रैफिक होता है। इस सड़क पर कई स्थान पर मेनहोल के ढक्कन या तो सडक के लेबल से ऊपर हैं या नीचे हैं। जिनके चलते हर दिन कई वाहन चालकों का बैलेंस बिगड़ता है। जिम्मेदार जल्द न चेते तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

ज्यादा समय तक धूल के संपर्क में रहने से आप बीमार नहीं बहुत बीमार पड़ सकते हैं

डॉक्टर अंकित ने हमें बताया कि पिछले काफी समय से शहर में काम चल रहा है। निर्माण कार्य में सावधानी ना रखने से धूल भी उडती है। इसके कण हमें भले घातक नहीं लगते लेकिन ये शरीर में जाकर दमा, अस्थमा और एलर्जी जैसी बिमारी पैदा करते है। पिछले कुछ महीनों में इस तरह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मरीजों में अधिकतर ट्रैफिक पुलिसकर्मी, पटरी दुकानदार, फेरीवाले, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और छात्र शामिल हैं।

डॉक्टर ने हमें बताया कि बाइक सवार हमेश हेलमेट लगा कर रखें। मास्क जरुर लगायें। मास्क नहीं है तो गमछा मुंह पर लपेटकर निकलने से अपने को बचाया जा सकता।

डस्ट एलर्जी के क्या हैं लक्षण

डॉक्टर अंकित ने हमें बताया कि गले में खराश, बार बार छींके आना छाती में जकड़ा महसूस होना, साँस लेने में परेशानी होना, नाक से पानी बहे, खांसी या आँखों में जलन या खुजली होना डस्ट एलर्जी के लक्षण हैं।

ऐसे बचा जा सकता है

उन्होंने बताया कि यदि आपमें ये लक्षण नजर आते हैं, ऐसे में आप घर में स्टीम ले सकते हैं। देसी घी के साथ गुड खा सकते हैं। यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता तब आपको डॉक्टर के पास जाना है।

Vidushi Mishra

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