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Sonbhadra: स्कूल में बच्चों से हो रहा जानवरों जैसा व्यवहार, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य स्थिति देख रह गए दंग

Sonbhadra News: बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य इं. अशोक कुमार यादव सोमवार को जिले में बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति से रूबरू हुए, जिसमें उनकौ हैरात में डाल दिया।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shreya
Published on: 25 April 2022 1:46 PM GMT
Sonbhadra: स्कूल में बच्चों से हो रहा जानवरों जैसा व्यवहार, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य स्थिति देख रह गए दंग
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(फोटो- न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News In Hindi: सब पढ़ें-सब बढ़ें... नारे के साथ स्कूल चलो अभियान (School Chalo Abhiyan) चलाने वाले बेसिक शिक्षा महकमे (Basic Shiksha Department) के लिए सोनभद्र (Sonbhadra) की स्थिति, चिंता में डालने वाली है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) के सदस्य इं. अशोक कुमार यादव सोमवार को जिले में बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति से रूबरू हुए तो जो हालात उनके सामने आए, उसने एकबारगी उनको हैरत में डाल दिया।

प्राथमिक स्कूल में जहां बच्चों से जानवर सरीखा व्यवहार होता मिला। वहीं आसमान से बरसती आग के बीच अधनंगे बदन और नंगे पांव स्कूल पहुंचे बच्चों की तस्वीर उनके जेहन को झिंझोरने वाली रही। जिला अस्पताल में भी कई खामियां मिली, जिसको लेकर जहां उन्होंने अविलंब सुधार का निर्देश दिया। वहीं नाराजगी जताते हुए, पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को सौंपने और पूरे जिले के स्थिति की विस्तृत जांच शुरू कराने की बात कही।

तीन से चार दिनों में सुधार के निर्देश

कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकारों से मुखातिब इं. अशोक कुमार यादव (Ashok Kumar Yadav) ने निरीक्षण के दौरान मिली स्थितियों की जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए संबंधितों को तीन से चार दिनों में जरूरी सुधार के निर्देश दिए गए हैं। कहा कि जो भी स्थितियां दिखी हैं, उसमें सुधार हुआ कि नहीं, इसके लिए बगैर किसी को सूचना दिए औचक निरीक्षण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिले के दौरान जो भी स्थितियां सामने आई, उसकी एक रिपोर्ट वह शासन को सौंपंेंगे और व्यवस्थाओं में सुधार के साथ ही, मिली खामियों को लेकर विस्तृत जांच की संस्तुति की जाएगी।

(फोटो- न्यूजट्रैक)

घसिया बस्ती के हालात ने झिंझोर दिया जेहन

बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य इं. यादव दोपहर में घसिया बस्ती स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। वहां उन्हें जहां अधिकांश बच्चे अधनंगे हालत में मिले। वहीं उनकी स्थिति ढिबरी युग की याद दिलाती नजर आई। बच्चों के नाखून, उनका वेश तो खराब मिला ही, 42 डिग्री पारे के बीच पथरीली जमीन पर नंगे पांव स्कूल आने का नजारा जेहन को झिंझोड़ देने वाला रहा।

इं. अशोक यादव ने बताया कि दोपहर भोजन की भी व्यवस्था काफी खराब मिली। बच्चों की थाली ऐसी थी जेसे कई दिन साफ ही न की गई हो। थाली में गंदगी की परत इस कदर जमी थी जैसे उसमें किसी इंसान नहीं बल्कि जानवर को भी शायद ही भोजन परोसा जाता हो। दोपहर भोजन की गुणवत्ता भी काफी खराब थी। बच्चों को ड्रेस, किताबों का भी वितरण किया जाना नहीं पाया गया। बीएसए ने प्रति सप्ताह लक्स साबुन से बच्चों को नहलाने की जानकारी दी लेकिन बच्चों की जो हालत थी, उससे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें साबुन से नहाए महीनों हो गए हों। बच्चों को विद्यालय से दोपहर भोजन के लिए दिया जाने वाला बर्तन भी नदारद था।

पढ़ाई की स्थिति यह मिली कि किसी बच्चे को दो का पहाड़ा तक याद नहीं था। इं. यादव ने बीएसए को तीन दिन के भीतर स्थिति में सुधार लाने के निर्देश के साथ ही, बाल कल्याण विभाग को 27 अप्रैल को घसिया बस्ती में कैंप लगाने का निर्देश दिया। बताया कि इसमें शिक्षा, चिकित्सा, जिला कार्यक्रम विभाग के साथ ही सभी संबंधितों-विभाग के लोगों की मौजूदगी रहेगी।

बच्चों को फ्लोराइड से बचाव के लिए किए जाएं विशेष उपाय

इं. यादव ने बच्चों को फ्लोराइड के प्रभाव से बचाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे को विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए। 860 विद्यालयों में फ्लोराइड की खराब स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि सभी स्कूलों पर बच्चों को फिल्टरयुक्त पानी मिले, इस पर ध्यान दिया जाए। कहीं दो दंत चिकित्सक, कहीं एक भी नहीं.. को भी गंभीरता से लेते हुए, इसे सुधारने का निर्देश दिया।

बाल संरक्षण आयोग बालखाना-नशे के खिलाफ चलाएगा अभियान

इं. यादव ने बताया कि बाल संरक्षण आयोग पूरे प्रदेश में बाल खान और एक युद्ध नशे के विरूद्ध अभियान चलाने जा रहा है। इसके तहत जहां बच्चों को विशेष भोजन उपलब्ध कराकर उनके पोषण पर ध्यान दिया जाएगा। वहीं नशामुक्त अभियान के जरिए 18 साल से कम उम्र के बच्चों-किशोरों को नशे से दूर रहने की सीख दी जाएगी।

तैनाती कहीं, मौजूदगी कहीं, बेरोकटोक खातों में पहुंच रहा वेतन

बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य जिले के प्राथमिक स्कूलों में तैनात कई शिक्षकों को अपनी ड्यूटी के बजाय कहीं और मौजूद रहने और वेतन उनके खाते में पहुंचते रहने को लेकर भी खासी नाराजगी जताई। कहा कि इस बारे में उन्हें कई जानकारियां मिली हैं। इस पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इसकी खुद जांच कराएंगे। पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

कंटीजेंसी बजट की कराएं जांच, उपलब्ध कराएं व्यवस्थाः प्रत्येक विद्यालय में दोपहर भोजन के बर्तन आदि व्यवस्था के लिए शासन से मिलने वाला बजट खर्च कहां किया जा रहा? आयोग के सदस्य इं. यादव भी इस सवाल का जवाब मांगते नजर आए। बीएसए को इसकी जांच कराने और सभी विद्यालयों में दोपहर भोजन से जुड़े बर्तन एवं अन्य व्यवस्थाएं तत्काल उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया।

बीएसए ने मीडिया पर मढ़ा आरोप

कलेक्ट्रेट में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य इं. यादव ने मिली खामियों का जिक्र शुरू किया तो बीएसए हरिवंश कुमार बीच में ही सफाई देने लग गए। खुद को ईमानदार ऑफिसर बताते हुए इस्तीफे तक की बात कह डाली। आयोग के सदस्य द्वारा अपनी आंखों से गड़बड़ी देखे जाने की बात कहे जाने के बावजूद बीएसए मीडिया पर ही मामले को बढ़ा-चढ़ाकर उछालने का आरोप लगाते रहे। आयोग के सदस्य द्वारा बताई जा रही बातों को भी नकारने की कोशिश की। घसिया बस्ती के लोगों पर सहयोग न करने, भोजन के समय बच्चों को भेजने, टीचर से बदतमीजी करने का आरोप लगाया। एक भी विद्यालय में गड़बड़ी न होने का भी दावा करते रहे।

इं. अशोक यादव ने स्वयं औचक निरीक्षण कर स्थिति की जानकारी लेने, दोषारोपण पर ध्यान देने की बजाय काम पर ध्यान देने की कड़ी हिदायत दी। तब बीएसए ने घसिया बस्ती स्थित स्कूल को गोद लेने की घोषणा की और जल्द व्यवस्था बेहतर बनाने की बात कही। उन्हें अभिभावकों की काउंसलिंग करने का निर्देश दिया गया। प्रत्येक तीन बच्चों पर एक बेंच की व्यवस्था हो इसकी भी हिदायत दी गई।

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Shreya

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