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Sonbhadra News: रिकार्ड की कॉपी के लिए मांगी रिश्वत, राजस्व अभिलेखपाल सस्पेंड, एफआईआर के निर्देश

Sonbhadra News: पुराने रिकर्डों के नकल दिए जाने के नाम पर कथित रिश्वत मांगे जाने के मामले में डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से जहां बड़ी कार्रवाई सामने आई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 26 Jun 2024 1:22 PM GMT
Sonbhadra News
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DM Chandravijay Singh (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: कलेक्ट्रेट स्थित राजस्व अभिलेखागार से पुराने रिकर्डों के नकल दिए जाने के नाम पर कथित रिश्वत मांगे जाने के मामले में डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से जहां बड़ी कार्रवाई सामने आई है। वहीं, अभिलेखागार में अनधिकृत रूप से मौजूद रहकर, अभिलेखों के फोटो स्टेट का कार्य करने वाले प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं। डीएम की इस कार्रवाई से जहां हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं, माना जा रहा है कि जल्द ही, कार्यों में हीलाहवाली बरतने तथा जनता को अनावश्यक परेशान करने वाले कुछ और कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई सामने आ सकती है।

यह था प्रकरण, जिसको लेकर की गई कार्रवाई

चोपन इलाके के पटवध गांव के रहने वाले भारतीय जन कल्याण सेवा संस्थान के उपाध्यक्ष केके मिश्रा को जमीन से जुडे़ पुराने रिकर्डों के नकल की जरूरत थी। इसको लेकर उन्होंने तीन जून को राजस्व अभिलेखागार पहुंचकर आवेदन कर रखा था। एक सप्ताह में नकल दिए जाने का भरोसा दिया गया। नकल के एवज में निर्धारित शुल्क भी जमा कराया जा चुका था। बावजूद आरोप है कि उनसे नकल देने के एवज में पहले सात हजार, असमर्थता जताने पर बाद में पांच हजार की मांग की जाने लगी। मिश्रा के मुताबिक गत 18 जून को मांगी गई रकम दिए बगैर नकल दिए जाने से इंकार कर दिया गया तो उन्होंने कैंप कार्यालय पहुंचकर डीएम चंद्रविजय सिंह से शिकायत की।

आरोप सही मिलने पर राजस्व अभिलेखपाल निलंबित

इस पर डीएम ने एडीएम (वित्त/राजस्व) सहदेव मिश्रा को शिकायती प्रार्थन पत्र में अंकित तथ्यों की जाँचकर प्राइवेट व्यक्ति रामअनुज पाठक और राजस्व अभिलेखपाल छबिंद्र नाथ सिंह के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। एडीएम की ओर से डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी राजस्व अभिलेखपाल प्रमोद तिवारी से जांच आख्या तलब की। जांच में प्रथमदृष्ट्या आरोप सही पाए जाने पर डीएम की तरफ से जहां छविंद्र नाथ सिंह को निलंबित कर दिया गया। वहीं, प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ जांच पूरी कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

जांच के दौरान सामने आए इस तरह के तथ्य

डिप्टी कलेक्टर की तरफ से मामले की जांच की गई। राजस्व अभिलेखागार में कार्यरत कर्मचारी खुशबू शर्मा कनिष्ठ सहायक और प्रेमचंद वरिष्ठ सहायक के दर्ज किए गए बयान से भी यह पुष्टि हुई कि राजस्व अभिलेखागार कलेक्ट्रेट में अनधिकृत रूप से, रामअनुज पाठक द्वारा, नवंबर 2023 के पूर्व के अभिलेखों के फोटो स्टेट करने का कार्य किया गया और शिकायतकर्ता उपरोक्त से नकल दिए जाने के एवज में रिश्वत की मांग की गई। जांच में उन्हें नकल निर्गत कराने के नाम पर आम जनता से अवैध धन उगाही का दोषी पाया गया। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक मामले में रामअनुज पाठक के खिलाफ संबंधित को सुसंगत धारा में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

Durgesh Sharma

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