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Sonbhadra: चाकू दिखाकर किया था दुष्कर्म, मिली दस वर्ष की कैद, साली के घर ले जाकर की थी वारदात
Sonbhadra: अभियोजन कथानक के मुताबिक रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 22 अप्रैल 2017 को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पहुंचकर एक तहरीर सौंपी गई।
Sonbhadra News: राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र की एक नाबालिग को बहाने से साली के घर ले जाने और वहां पर उसे चाकू दिखाकर दुष्कर्म किए जाने मामले में दोषी को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। घटना अप्रैल 2017 की है। अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने बृहस्पतिवार को प्रकरण की सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए दोषसिद्ध पाया गया और दोषी भगवान दास को 10 वर्ष की कैद तथा एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
यह था मामला, जिसको लेकर न्यायालय ने सुनाया फैसला
अभियोजन कथानक के मुताबिक रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 22 अप्रैल 2017 को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पहुंचकर एक तहरीर सौंपी गई। इसके जरिए पुलिस को अवगत कराया गया कि 19 अप्रैल 2017 की दोपहर दो बजे रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के ही घुवास गांव निवासी भगवान दास पुत्र राजकुमार, रास्ते से घर के लिए आ रही उसकी 15 वर्षीय बेटी को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया। इसके बाद उसे अपने शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में अपनी साली के घर ले गया। वहां चाकू दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। अगले दिन सुबह 10 बजे, जहां से उस ले गया, वहां लाकर छोड़ते हुए फरार हो गया।
अगले दिन पीड़िता पहुंची घर, तब हुई घटना की जानकारी
पीड़िता घर पहुंचने पर मां को पूरी आपबीती बताई। इसके बाद उसके पिता ने राबटर्सगंज कोतवाली पहुंचकर तहरीर सौंपी। पुलिस ने 22 अप्रैल 2017 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। पर्याप्त सबूत का दावा करते हुए दुष्कर्म और पास्को एक्ट के तहत चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्य का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर बृहस्पतिवार को उपरोक्त सजा सुनाई। एक लाख अर्थदंड अदा न करने पर, एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश दिया गया। आदेशित किया गया कि अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसमें से 80 हजार पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिकारी दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने की।