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Sonbhadra: 1.99 करोड़ से संवरेगा बायोडाइवर्सिटी पार्क, 4000 हेक्टेयर में फैली एरिया
Sonbhadra News: यूपी में लखीमपुर खीरी के बाद, हाथीनाला ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा जैव विविधता पाई जाती है। इसी लिहाज से हाथीनाला में दुद्धी की तरफ जाने वाले रास्ते पर डाक बंगले के पास बायो डायवर्सिटी पार्क बनाया गया है।
Sonbhadra News: रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग और वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग दोनों को जोड़ने वाले हाथीनाला के पास जैव विविधिता से भरे, बायो डायवर्सिटी पार्क की तस्वीर संवारने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए जहां पर्यटन विभाग की तरफ से 1.99 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है। वहीं, इस मंजूरी के क्रम में, पार्क में दो मेन गेट, बंबू कैंटीन, पाथ वे, तीन बंबू गजीबो, बत्तीस पत्थर बेंचे, दो वाच टावर निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। 4000 हेक्टेअर में फैला डायवर्सिटी पार्क का यह क्षेत्र जहां जंगल ट्रैकिंग के लिए मुफीद होने के कारण, पर्यावरण प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वहीं, यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह सीसी टीवी कैमरे स्थापित करने के साथ ही, अन्य विशेष प्रबंध किए गए हैं।
जैव विविधता से भरे नजारे पार्क की खूबसूरती में लगाते हैं चार चांद
यूपी में लखीमपुर खीरी के बाद, हाथीनाला ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा जैव विविधता पाई जाती है। इसी लिहाज से हाथीनाला में दुद्धी की तरफ जाने वाले रास्ते पर डाक बंगले के पास बायो डायवर्सिटी पार्क बनाया गया है। 4000 हेक्टेयर में फैली एरिया में जहां जगह-जगह ट्रैकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं, प्रत्येक पेड की पहचान बताए जाने के साथ ही, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, पार्क की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है।
इन-इन प्रोजेक्टों पर तेजी से शुरू किया गया काम
1.99 करोड़ की लागत से शुरू किए गए सौंदर्यीकरण कार्य के तहत पार्क में दो मेन गेट, बंम्बू कैंटीन, पाथ वे, तीन बंम्बू गजीबो बत्तीस पत्थर बेंचे, दो वाच टावर, मिट्टी कटाव रोकने के लिए नाले के दोनों ओर रिटेनिंग वाल, पर्यटकों को ठंडा जल उपलब्ध कराने के लिए चार वाटर कूलर, पार्क में पानी की वयवस्था के लिए बोरिंग, पाइप लाइन बिछाने आदि का कार्य, पार्क की सुरक्षा के लिए फेंसिंग कार्य, दो वॉकवे-ब्रिज, इंटर प्रिटेशन सेंटर, बंबू रिसेप्सन सेंटर, नेचर टेªल, स्ट्रीट लाइट आदि कार्य कराए जा रहे हैं। स्वीकृत लगभग दो करोड़ में एक करोड़ की धनराशि शासन की तरफ से अवमुक्त की जा चुकी है। शेष को भी जल्द अवमुक्त होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बंबू कैंटीन है बच्चों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र
पार्क में बंबू कैंटिन खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस कैंटीन के जरिए, यहां आने वाले पर्यटकों को जंगल का नजारा दिखाने की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही एडवेंचर गेम के लिए जिसमें जीप लाइन, रोप वाक, स्टेप वाक जैसी चीजें उपलब्ध कराई गई हैं। बच्चों को खेलने के लिए झूला, टायर वाल जैसी सुविधाएं भी आकर्षण का केंद्र है।
इन पेड़ों की है बहुतायत
डायवर्सिटी पार्क में आसन, बबूल, बहेड़ा, बांस, बेल, विजयसाल, चिलबिल, ढाक, सिद्ध, हल्दू, खैर, करचा, खाजा, चिरौजी, तेंदू आदि के पेड़ बहुतायात में पाए जा जाते हैं। साथ ही डायवर्सिटी पार्क का यह क्षेत्र बर्ड वाचर के लिए खासा मुफीद है। यहां मुख्यतः चकवा, तिंडारी, रेड जंगल फाउल, हाउस क्रो, इण्डियन रोलर, सैंड ग्रोउस आदि पक्षी पाए जाते हैं। वहीं, वन्य जीवों में लंगूर, बंदर, लोमड़ी गीदड़, चीतल, सुअर, नील गाय, चमगादड़ आदि की बहुलता देखने को मिलती है।