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खुद के संसदीय क्षेत्र में सोनिया का ऐसा हाल: शाह से इस्तीफा मांगना पड़ा भारी

दिल्ली हिंसा मामले में गृहमंत्री अमित शाह से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस्तीफा मांगने का मामला खुद उन्हें ही महंगा पड़ गया है।

Roshni Khan
Published on: 29 Feb 2020 10:15 AM GMT
खुद के संसदीय क्षेत्र में सोनिया का ऐसा हाल: शाह से इस्तीफा मांगना पड़ा भारी
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रायबरेली: दिल्ली हिंसा मामले में गृहमंत्री अमित शाह से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस्तीफा मांगने का मामला खुद उन्हें ही महंगा पड़ गया है। शनिवार को सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के प्रधानों ने जहां सोनिया-प्रियंका का पुतला फूंका वहीं सोनिया गांधी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

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शनिवार को पूर्व कांग्रेस एमएलसी व सोनिया गांधी के विरुद्ध बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेता दिनेश सिंह के नेतृत्व में प्रधानों ने प्रदर्शन किया। इस बीच मीडिया से बात करते हुए बीजेपी एमएलसी दिनेश सिंह ने कहा कि अगर अमित शाह असफल होते तो निश्चित रूप से जिस तरह वो जीतकर आए हैं अहमदाबाद से, उन्होंने सपा, बसपा का सहारा नहीं लिया। दिनेश सिंह कहा कि असफल तो सोनिया गांधी हैं। वो रायबरेली के लोगो की गाढ़ी कमाई के पैसे से तनख्वाह लेती हैं हर महीने कि मैं संसद में जाऊंगी और आपकी आवाज उठाऊंगी। लेकिन आज तक सदन में जनपद की समस्या को लेकर नही उठाया कोई सवाल।

दिनेश सिंह ने कहा कि जो काम नेहरू-गांधी खानदान व 130 साल पुरानी कांग्रेस नही कर पाई वो एक साल में नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने कर दिखाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लिए जा रहे फैसले ने पूरे विश्व में भारत का सिर ऊंचा किया है। अपने संसदीय क्षेत्र के जनहित के हर मुद्दे पर असफल सोनिया गांधी गृहमंत्री से इस्तीफा मांगना न केवल हास्यापद है बल्कि उनकी बौखलाहट का प्रमाण है।

क्योंकि गृहमंत्री अपनी सेवा के आधार पर जनता से चुनकर आए हैं, सोनिया गांधी की तरह सपा-बसपा की बैसाखी से जीतकर नही। इसलिए इस्तीफा तो स्वयं सोनिया गांधी को देना चाहिए। जो अपने परिवार, पार्टी और जनता से किए गए वादों को पूरा करने में पूरी तरह असफल हैं।

उन्होंने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि रायबरेली का किसान अपनी फसल बचाने में परेशान है। जिसके लिए सोनिया गांधी ने अपने सांसद निधि से एक गौशाला तक नही बनवाया। वो रायबरेली में ढोल पिटवा रही हैं के छुट्टा जानवर किसानो के खेत चर रहे हैं।

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उन्होंने कहा जो सांसद अपने राजनैतिक विरोधियों से जनता के बीच न लड़कर व्यक्तिगत लड़ाई लड़ते हुए न्यायालयों में वकील खड़ा करके लड़ाई लड़े वो असफल ही कहा जाएगा। इसलिए नैतिकता के आधार पर उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। रायबरेली की जनता देख रही है कि भारत के गृहमंत्री के इस्तीफा मांगने के लिए भी अक्ल नही नकल का सहारा लिया जाता है, इसलिए उनको इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत वासी आज गर्व महसूस कर रहे हैं कि भारत में आज भारतीय संस्कार और संस्कृत स्थापित हो रही है। अगर देश की जनता जाग न जाती और मोदी को न लाती तो देश में हिंदी-हिंदू को नेहरू-गांधी खानदान खत्म कर देता।

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Roshni Khan

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